महाराष्ट्र सरकार ने नैतिकता खो दी है: फडनवीस
मुंबई, 24 मार्च । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडनवीस ने आरोप लगाया है कि राज्य में भ्रष्टाचार के इतने मामले सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभी तक एक भी बयान नहीं दिया है।
श्री फडनवीस के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
श्री फडनवीस ने ज्ञापन सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र सरकार हफ्ता वसूली वाली सरकार है।
उन्होंने कहा कि वसूली और तबादले का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारियों का तबादला कर दिया गया और जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ श्री ठाकरे ने एक भी शब्द नहीं कहा।उन्होंने नैतिकता को पैरों तले कुचल दिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने दो बार संवाददाताओं से बात की लेकिन वह सिर्फ अपने मंत्रियों को बचाते रहे।उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्या उसे वसूली में से हिस्सा मिल रहा है, जिसके कारण वह चुप है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक पर बैठे हुए श्री कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें सारी जानकारी दे दी गयी है।
उन लोगों ने राज्यपाल से मांग की है कि वह मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब मांगे और उनके जवाब के आधार पर कार्रवाई करें।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मनमाने तरीके से सरकार चला रही है और जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है।यदि यह सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती तो भाषण देने की बजाय कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए काम करती।सरकार के ढीले रवैये के कारण महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं।
प्रतिनिधि मंडल में श्री फडनवीस के अलावा सर्वश्री सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटिल, मंगल प्रभात लोढ़ा और राधाकृष्ण पाटिल आदि शामिल थे।
अनिल देशमुख को बचा रहे हैं शरद पवार: फडनवीस
कल भी पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडनवीस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार गृह मंत्री अनिल देशमुख को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और सच नहीं बोल रहे हैं।
श्री पवार ने कहा था कि पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के पत्र में उल्लिखित तिथियों के दौरान श्री देशमुख नागपुर में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण क्वाराइंटन में थे। इस बयान का खंडन करते हुए श्री फडनवीस ने कहा कि श्री देशमुख नागपुर में नहीं बल्कि मुंबई में थे और क्वारंटाइन में भी नहीं थे। उन्होंने इस संबंध में कई साक्ष्य भी दिखाये।
श्री फडनवीस ने संवाददाताओं से कहा कि श्री पवार, श्री देशमुख का बचाव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्री पवार को सारी स्थिति बतायी नहीं गयी, जिसके कारण श्री पवार सच नहीं बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जल्द ही वह केंद्रीय गृह सचिव से मिलेंगे और उन्हें परम बीर सिंह के पत्र और संबंधित मुद्दों की पूरी जानकारी देंगे और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का अनुरोध करेंगे क्योंकि इसमें बहुत बड़ी हस्तियां शामिल हैं।
परम बीर सिंह के पत्र में श्री देखमुख पर गिरफ्तार और निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे के माध्यम से 100 करोड़ रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया गया है।
फडनवीस महाराष्ट्र सरकार को बदनाम कर रहे हैं: मलिक
इधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
श्री फड़नवीस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर आरोप लगाये थे। उसके बाद श्री मलिक ने तुरंत पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि श्री फडनवीस ने आज सुबह आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गलत तरीके से सारी जानकारी देने की कोशिश की।