नयी दिल्ली/मुंबई , 23 नवंबर ।महाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद भाजपा-राकांपा सरकार ने प्रभार संभाला।
गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की।
इस आशय का राज-पत्र केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर जारी किया।
कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित राज-पत्र के अनुसार, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 356 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, मैं भारत का राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, मेरे द्वारा 12 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र राज्य के संबंध में की गई घोषणा को निरस्त करता हूं, जो 23 नवंबर 2019 से प्रभावी है।’’
राष्ट्रपति शासन हटने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फड़णवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार ने महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के 18 दिन बाद भी कोई राजनीतिक हल नहीं निकल सकने की स्थिति में 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
महाराष्ट्र का वह घटनाक्रम: मुख्यमंत्री के तौर पर फड़णवीस की वापसी, अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री
राष्ट्रपति शासन हटते ही राकांपा नेता अजित पवार के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस की शनिवार को वापसी हो गयी। वहीं, अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बहरहाल, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे का व्यक्तिगत निर्णय है न कि पार्टी का।
राजभवन में तड़के हुए शपथ ग्रहण समारोह के बारे में लोगों को आभास भी नहीं हुआ और कुछ लोगों ने इसे ‘‘गुप्त’’ घटना बताया। फड़णवीस के 2014 में शपथ ग्रहण समारोह में वानखेड़े स्टेडियम में हजारों लोग मौजूद थे।
राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के तुरंत बाद शपथ ग्रहण समारोह हुआ। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र का शासन हटाने के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और इस संबंध में एक गजट अधिसूचना तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर जारी की गयी।
यह शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी।
शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला लेकर अजित पवार पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया।
फड़णवीस की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के साथ ही राज्य में महीने भर से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया।
शरद पवार ने शुक्रवार रात को ही कहा था कि नयी सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे। तीनों पार्टियों ने नयी सरकार के गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा भी तैयार कर लिया था।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’
गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा और शिवसेना ने 288 सदस्यीय सदन में क्रमश: 105 और 56 सीटें जीती थीं लेकिन शिवसेना ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद साझा करने से इनकार करने के बाद उसके साथ अपने तीन दशक पुराने संबंध खत्म कर लिए।
दूसरी ओर, चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाली कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती।
भावुक दिखायी दे रही राकांपा सांसद और अजीत पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा कि पवार परिवार और पार्टी बंट गयी है।
महाराष्ट्र में हैरत में डालने वाला यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में शरद पवार की पार्टी की तारीफ की थी वो भी ऐसे समय में जब राकांपा महाराष्ट्र में गैर भाजपा गठबंधन बनाने के प्रयासों में जुटी थी।
दिल्ली में मोदी के साथ पवार की हाल की बैठक से भी महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में अटकलों का दौर चल पड़ा था।
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा और राकांपा को एक साथ लाने में एक बड़े उद्योगपति की भी भूमिका है।
जब पवार से हाल ही में सरकार गठन में एक कोरपोरेट घराने की कथित संलिप्तता के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि उन्होंने नेताओं के अलावा किसी के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की थी।
मोदी ने हमेशा पवार की तारीफ की और वह राज्य विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भी उनके खिलाफ तीखा हमला करने से बचे।
मोदी ने हाल ही में पवार की तारीफ तब की थी जब वह राज्यसभा के 250वें सत्र में बोल रहे थे। मोदी ने कहा कि भाजपा समेत अन्य दलों को राकांपा और बीजू जनता दल से सीखना चाहिए कि संसदीय नियमों का कैसे पालन किया जाता है।
साल 2016 में जब पवार के निमंत्रण पर मोदी मंजरी में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट आए थे तो उन्होंने राकांपा अध्यक्ष की सार्वजनिक जीवन में अन्यों के लिए उदाहरण के तौर पर प्रशंसा की थी।
मोदी ने तब कहा था, ‘‘मैं निजी तौर पर पवार का सम्मान करता हूं। मैं उस समय गुजरात का मुख्यमंत्री था। उन्होंने मेरी उंगली पकड़कर मुझे चलने में मदद की। मैं सार्वजनिक रूप से यह कहकर गर्व महसूस करता हूं।’’
फड़णवीस की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के साथ ही राज्य में महीने भर से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया।
इस घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक गलियारे में सरगर्मियां बढ़ा दी है बल्कि यह राज्य के लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया क्योंकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस राज्य में सरकार गठन को लेकर बातचीत कर रहे थे।
शरद पवार ने शुक्रवार शाम को ही कहा था कि नयी सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे। इस घोषणा ने उन अटकलों को खत्म करने का संकेत दिया था कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा।
तीनों पार्टियों ने नयी सरकार के गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा भी तैयार कर लिया था।
बहरहाल, जब शनिवार तड़के शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो उसके बाद शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’
प्रधानमंत्री मोदी और शाह ने फड़णवीस एवं अजीत पवार को बधाई दी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर शनिवार को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई । मुझे विश्वास है कि ये दोनों महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिये काम करेंगे । ’’
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ देवेन्द्र फड़णवीस जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अजीत पवार जी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी।’’
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी फड़णवीस और अजित पवार को बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट किया,“मैं देवेन्द्र फड़णवीस जी और अजीत पवार जी को महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए बधाई देता हूं। मुझे यकीन है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में यह सरकार महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूमे
मुंबई, से खबर है कि,भाजपा कार्यकर्ता शनिवार को उस समय खुशी से झूम उठे जब पार्टी ने शिवेसना, राकांपा और कांग्रेस को हैरत में डालते हुए महाराष्ट्र में सरकार बना ली।
देवेंद्र फड़णवीस की मुख्यमंत्री पद पर वापसी के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुंबई और नवी मुंबई समेत राज्य के कई हिस्सों में मिठाइयां बांटी और ढोल की थाप पर थिरके।
राष्ट्रपति से महाराष्ट्र मामले में हस्तक्षेप करने की मांग :वाम दल
वाम दलों ने महाराष्ट्र में एक नाटकीय घटनाक्रम में फड़नवीस सरकार के गठन की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने संविधान की धज्जियां उड़ाकर यह सरकार बनायी है इसलिए राष्ट्रपति को इस मामले में हस्तक्षेप करके संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अलग-अलग बयान जारी कर महाराष्ट्र की घटना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के राज्यापाल ने जो भूमिका निभाई है,उससे यह सिद्ध हो गया कि भारतीय जनता पार्टी संसदीय परम्पराओं की अनदेखी की है और लोकतंत्र की हत्या की है।
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने अपने बयान में कहा कि पिछले पांच सालों में भाजपा ने राज्यपाल पद का दुरुपयोग करके उत्तराखंड ,गोवा,मणिपुर,नागालैंड तथा अन्य राज्यों में इस तरह सरकार का गठन करके लोकतंत्र का मखौल उड़ाया है और भारतीय गणतंत्र को धक्का पहुंचाया है। उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अपील की कि वह इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके संविधान की रक्षा करें।
माकपा पोलित ब्यूरो ने अपने बयान में कहा कि जिस चोरी-छिपे तरीके से मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उससे सिद्ध हो गया कि भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है और किसी हद तक गिर सकती है। उसने वही किया जो उसने गोवा, कर्नाटक तथा पूर्वोत्तर राज्यों में किया था।
पार्टी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक इस्तेमाल के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्यपाल कार्यालय का दुरुपयोग किया गया। पार्टी ने कहा है कि वह आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की गतिविधियों पर नज़र रखेगी।
कांग्रेस ने गंवाया एक और मौका : प्रिया दत्त
कांग्रेस की नेता प्रिया दत ने आरोप लगाया है कि पार्टी के ढीलेपन के चलते महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में सफल रही है।
सुश्री प्रिया दत्त ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र में जो भी राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है भारतीय जनता पार्टी ने उसका पूरा फायदा उठाया है। भाजपा इसी तरह के मौके की तलाश में थी और उसने सही मौका देखकर फायदा उठाया है और सरकार बनायी है।
महाराष्ट्र में हुआ जनादेश से विश्वासघात : कांग्रेस
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में रातों-रात बदले घटनाक्रम को राजनीतिक कूटिलता और जनादेश के साथ विश्वासघात करार दिया है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज ट्वीट कर इस घटनाक्रम पर तंज कसते हुए कहा,“मुझे मत देखो यूँ उजाले में लाकर,सियासत हूँ मैं, कपड़े नहीं पहनती।” उन्होंने इसे राजनितिक विश्वासघात बताते हुए कहा,“इसे कहते हैं-:जनादेश से विश्वासघात, लोकतंत्र की सुपारी।”
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा था कि महाराष्ट्र में अचानक जो घटनाक्रम हुआ है वह राजनितिक धूर्तता और राजनेताओं की कूटिलता का परिणाम है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के कांग्रेस को धोखा देने संबंधी सवाल पर श्री अल्वी ने कहा कि यह राजनीतिज्ञों की कूटिलता है कि वो सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि श्री मोदी के नए भारत में इसी तरह की राजनीति हो रही है। उनको सिर्फ सत्ता चाहिए और उनको विचारधारा से कुछ लेना देना नहीं है।
महाराष्ट्र की घटना राजनीतिक धूर्तता का परिणाम: अल्वी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि महाराष्ट्र में अचानक जो घटनाक्रम हुआ है वह राजनितिक धूर्तता और राजनेताओें की चालाकी का परिणाम है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार ने कांग्रेस को धोखा देने संबंधी सवाल पर श्री अल्वी ने कहा कि यह राजनीतिज्ञों की चालाकी है कि वो सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला करते हुए कहा कि श्री मोदी के नए भारत में इसी तरह की राजनीति हो रही है। उनको सिर्फ सत्ता चाहिए और उनको विचारधारा से कुछ लेना देना नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ता के लिए रात के अंधेरे में राष्ट्रपति शासन हटाया गया और धूप निकलने से पहले वहां मुख्यमंत्री ने शपथ भी ले ली।
फडनवीस-अजीत सरकार पांच वर्षाें तक रहेगी:पाटिल
महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को राज्य में भाजपा-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-राकांपा (का एक धड़ा) सरकार बनने के बाद कहा कि सरकार अपने पांच वर्षाें का कार्यकाल पूरा करेगी।
श्री पाटिल ने कहा कि देवेन्द्र फड़नवीस और अजीत पवार की सरकार पांच वर्षाें का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी।
स्थायी’ होगी महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार – नड्डा
अहमदाबाद से खबर है कि,भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आज कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस के नेतृत्व में बनी पार्टी नीत सरकार स्थायी होगी।
देश की राजनीति में हाल की सबसे चौकाऊ घटनाओं मेंं से एक समझी जा रही महाराष्ट्र की आज सुबह की फणनवीस सरकार के गठन और उनके तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार (नये उपमुख्यमंत्री) के शपथ ग्रहण की घटना के कुछ ही घंटों के बाद यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आये श्री नड्डा ने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में कहा, ‘यह स्थायी सरकार होगी।’