नयी दिल्ली 23 नवम्बर। बिना केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाये महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाये जाने को लेकर उठ रही आपत्तियों के बीच सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसमें संवैधानिक औपचारिकताओं का पूरी तरह से पालन किया गया है और यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने विशिष्ट अधिकारों का प्रयोग किये जाने के बाद उठाया गया है।
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाये जाने को लेकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक का कोई विवरण नहीं देते हुए शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में स्थायी सरकार देने के लिए अपने विशेष अधिकारों का प्रयाेग किया है।
श्री प्रसाद ने कांग्रेस, शिवसेना एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार पर पलटवार करते हुए कहा, “आपको बुलाया जाये तो आप दावा करेंगे नहीं, कोई लिखित अनुरोध करेंगे नहीं और समय पर समय मांगा जाये तो क्या एक बड़ा राज्य ऐसे ही चलता रहे?” उन्होंने सवाल किया, “क्या श्री शरद पवार, कांग्रेस, शिवसेना का क्या कोई दावा राज्यपाल के पास लंबित था।”
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री में मंत्रिमंडल का अधिकार निहित होता है। भारत सरकार के नियमावली में नियम संख्या 12 के तहत प्रधानमंत्री को विशिष्ट परिस्थितियों में मंत्रिमंडल की ओर से खुद फैसला करने का अधिकार होता है और बाद में मंत्रिमंडल की बैठक में उसकी स्वीकृति हासिल की जाती है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त करने के लिए इसी नियम का प्रयोग किया गया था।
श्री प्रसाद ने यह स्पष्टीकरण कांग्रेस की ओर से उठाये गये इस प्रश्न पर दिया कि राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लेने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कब हुई। विधि मंत्री ने राज्यपाल द्वारा शपथ दिलाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि राज्यपाल ने पहले तीनों पक्षों को बुलाया था। मगर किसी ने किसी ने दावा नहीं किया था। इतने दिन हो गये थे। उनके सामने आज सुबह जब भाजपा का दावा पेश किया गया तो उस समय कांग्रेस-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठजोड़ का कोई अन्य दावा विचाराधीन नहीं था। यह दावा दोनों पार्टियों के विधायक दल के नेताओं ने अपने विधायकों के हस्ताक्षर वाले समर्थन पत्र के साथ पेश किया था। इसलिए संदेह का प्रश्न नहीं था।
गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार तड़के जारी अधिसूचना में कहा गया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में लागू राष्ट्रपति शासन हटाने की मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नयी सरकार का गठन नहीं होने के मद्देनजर श्री कोविंद ने गत 12 नवंबर को वहां छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा की थी।
पिछले कुछ दिनों से वहां शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस तीनों पार्टी मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी थी और इनके बीच लगभग सहमति भी बन गयी थी।
महाराष्ट्र में शुक्रवार रातोंरात बदले राजनीतिक घटनाक्रम में सुबह आठ बजे श्री फड़नवीस ने राज्य के नये मुख्यमंत्री और श्री पवार ने नये उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।