मुंबई , 20 फरवरी । महाराष्ट्र में प्रौद्योगिकी साधनों के इस्तेमाल से एक करोड़ फर्जी राशन कॉर्ड पकड़े गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को यह बात कही।
फडणवीस ने सूचना प्रौद्योगिकी अनुबंधों के लिए निविदा प्रस्ताव मंगाने के लिए नए मॉडल (आरएफपी) की भी घोषणा की। इस प्रारूप को केंद्रीय आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय और सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नासकॉम ने बनाया है।
फडणवीस ने नासकॉम लीडरशिप फोरम के सालाना कार्यक्रम में कहा , ” तकनीकी पहलों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में बदलाव आया है। सभी डिजिटल पहलों की मदद से हमने वास्तव में एक करोड़ फर्जी राशन कार्ड पकड़े हैं। ”
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की आबादी 11 करोड़ से अधिक है। राज्य दक्षता बढ़ाने और संसाधनों के बेहतर आवंटन के लिए सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
फडणवीस ने कहा कि तकनीकी साधनों के बेहतर इस्तेमाल से अमरावती जिले के हरिसाल गांव में कुपोषण से मरने वालों की संख्या घटकर शून्य हो गई है।
आईटी उद्योग की लंबे समय से अनुबंधों के लिए निविदा संरचना स्थापित करने की मांग पर फडणवीस ने राज्य द्वारा दो महीने में आरएफपी मॉडल अपनाने की घोषणा की है।
उद्योग ने आईटी अनुबंधों के लिए बोलीदाताओं के चयन और भुगतान को लेकर चिंताएं जताई थी। उद्योग का कहना है कि एक आईटी अनुबंध अन्य कामों के अनुबंध से अलग है और सरकार सबसे कम बोली लगाने वाले और काम के अंत में भुगतान करने जैसे पहलुओं पर जोर नहीं दे सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र को 2025 तक 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। मौजूदा समय में इसका आकार 400 अरब डॉलर का है।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेवा क्षेत्र को 15.5 प्रतिशत , उद्योग को 13 प्रतिशत और कृषि को 6 प्रतिशत की दर से बढ़ना होगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी उद्योग को महाराष्ट्र में अपना केंद्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है
attacknews.in