उज्जैन 24 मई। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में अव्यवस्थाओं और अभद्रता का आलम यह है कि,यहाँ आने वाले बाहरी दर्शनार्थी इसका शिकार हो रहे हैं,हाल ही में 23 मई को भोपाल से आई महिला दर्शनार्थी और उसके परिवार के साथ पुलिस आरक्षक और मंदिर की महिला कर्मचारियों ने अभद्रता के गाली-गलौज की और भंगी-चमार जैसे शब्दों का प्रयोग करके मंदिर परिसर को गूंजा दिया,इसकी शिकायत महिला ने पुलिस अधीक्षक को की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
घटना इस प्रकार हैं की भोपाल से उज्जैन श्री महाकालेश्वर के दर्शन करने परिवार सहित आई महिला को उस समय यहाँ की व्यवस्था के दर्दनाक हादसे से गुजरना पड़ा जब ड्यूटी पर तैनात आरक्षक बाबू लाल,राजेन्द्र तिवारी और कुलदीप जोशी और मंदिर की महिला कर्मचारियों बेन जोशी आदि ने मारपीट और अभद्रता कर दी,महिला और उसके परिवार ने शालीनता से इसका कारण पूछा तो गाली-गलौज करने लगे और भंगी-चमार बोलकर अपमानित करते रहें।
बताया जा रहा है कि,महिला और उसके परिवार का दोष यही था कि,इन्होने आरक्षक और मंदिर की महिला कर्मचारियों को पैसे लेकर लोगों को दर्शन करवायें जाने का विरोध कर दिया था,इसके बाद इन्होने उस महिला को इस कदर अपमानित किया कि,मंदिर परिसर मंत्रों की जगह गाली-गलौज से गूंजने लगा।
इस अपमानित व्यवहार के बाद महिला ने पुलिस अधीक्षक को घटनाक्रम की लिखित शिकायत की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दर्शनार्थी महिला ने बताया कि,अभद्रता करने वाले आरक्षक का कहना धा कि,हम जो पैसे लेते हैं उसे ऊपर तक हमें देना पड़ते है,कोई हमारा क्या उखाड़ लेगा।
महिला का कहना था कि,दर्शन करवाने की इस रिश्वत खोरी से मंदिर की गरिमा धूमिल हो गई है।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों से महाकालेश्वर मंदिर को कुछ लोगों ने प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है यहां पर आए दिन श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता की जा रही है । इस अभद्रता का शिकार ऊर्जा मंत्री पारस जैन के परिवार की महिला सदस्य भी हो चुकी है। इसके अलावा बैंगलोर की एक अन्य महिला ने मंदिर कर्मचारी के खिलाफ अश्लील मैसेज भेजने की शिकायत भी की है।
महाकालेश्वर मंदिर में की व्यवस्थाओं का जिम्मा जिन अधिकारियों के हाथ में आता है, वह अपने हिसाब से नए नए आदेश जारी कर देते हैं । इसके अलावा व्यवस्थाओं के नाम पर निजी सुरक्षा कर्मियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों का हौसला इस कदर बढ़ा दिया जाता है कि वह श्रद्धालुओं के साथ खुलेआम अभद्रता करते हैं । महाकालेश्वर मंदिर में नोट लेकर दर्शन कराने की शिकायत तो पुरानी हो चुकी है, लेकिन अब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के साथ खुलेआम अभद्रता हो रही है।
देवभूमि भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वाधिक महत्व का महाकालेश्वर मन्दिर शिवराज सरकार की तुगलकी नीतियों का शिकार होकर अव्यवस्थाओं से ग्रस्त हो गया है।
परमार और सिंधियाकालीन मन्दिर में पुरातत्व कानूनों की धज्जियाँ उड़ाकर किये गये अंधाधूंध निर्माणों को तोडफ़ोड़ ने एक ओर इस प्राचीन महालय को खोखला कर दिया है तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश श्री महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम, 1982 और उसके अन्तर्गत बने नियमों को रद्दी की टोकरी में फेंक कर शासकीय मंदिर प्रबन्धन ने मंदिर में अव्यवस्थाओं का साम्राज्य स्थापित कर दिया है।
साधारण दर्शनार्थी की तो मंदिर में वर्षों से कोई इज्जत नहीं बची है अब तो विशेष दर्शन व्यवस्था का शुल्क चुकाने वालों को भी शांतिपूर्वक दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। मंदिर अधिनियमों व नियमों को बला-ए-ताक रख नित नये बदलते मंदिर प्रशासकों पर वी.आई.पी. दर्शन और अभिषेक करवाने का अदृश्य भार आ गया है।attacknews.in