सीधी, 26 अप्रैल । मध्यप्रदेश के विंध्य अंचल की प्रतिष्ठित सीधी संसदीय सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वर्तमान सांसद श्रीमती रीति पाठक से है।
सीधी संसदीय सीट पर शनिवार शाम को चुनावी शोरगुल थम जाएगा और अब प्रचार के अंतिम समय में दोनों ही दल पूरी ताकत झोंक रहे हैं। आज ही इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा की हैं। वहीं कांग्रेस की ओर मुख्य कमान प्रत्याशी एवं विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय सिंह स्वयं संभाले हुए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनके समर्थन में सभा कर चुके हैं।
सीधी कांग्रेस, खासतौर से वरिष्ठ पार्टी नेता अर्जुन सिंह के प्रभाव वाला क्षेत्र रहा है। वर्तमान में यहां श्री अजय सिंह का भी प्रभाव है, लेकिन पांच माह पहले विधानसभा चुनाव में चुरहट क्षेत्र से श्री अजय सिंह की अप्रत्याशित पराजय ने अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। सीधी संसदीय क्षेत्र का चुनाव इस लिहाज से भी श्री अजय सिंह के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वहीं भाजपा इस सीट को अपने कब्जे में बरकरार रखने की रणनीति पर कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है। भाजपा के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी चुनावी सभाएं ले चुके हैं। भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत मतदान केंद्र तक सक्रिय कार्यकर्ताओं को तैनात किया है। भाजपा प्रत्याशी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ ही भाजपा की पंद्रह वर्षों की उपलब्धियां बता कर प्रचार में जुटी हैं। वहीं कांग्रेस की चार माह पुरानी कमलनाथ सरकार की कथित वादाखिलाफी को भी उठाया जा रहा है।
भाजपा जहां आतंकवादियों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई, एयरस्ट्राइक और अन्य योजनाओं के राज्य की कांग्रेस सरकार की कथित नाकामियों को गिना रही है। वहीं कांग्रेस सरकार मोदी सरकार की असफलताओं के अलावा राज्य की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कह रही है कि उसने किसानों के कर्जमाफ करने समेत 80 से अधिक वचन पूरे किए हैं। कांग्रेस केंद्र में उसकी सरकार बनने पर गरीबों के खातों में प्रति परिवार के हिसाब से 72 हजार रूपए सालाना देने के वादे को बार बार बता रही है।
चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस हालाकि राष्ट्रीय मुद्दे ही प्रमुख रूप से उठा रहे हैं। कांग्रेस मोदी सरकार की कथित असफलताओं के साथ ही नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दे उठाने से नहीं चूक रही है। कांग्रेस के नेता प्रचार के दौरान नोटबंदी और जीएसटी के कारण व्यापारियों को हुए नुकसान का जिक्र भी बार बार करते हैं। इन सब स्थितियों के बीच 29 अप्रैल यानी सोमवार को सीधी संसदीय क्षेत्र के सभी 26 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो जाएगी। तेइस मई को मतगणना के साथ ही यह पता चल पाएगा कि मतदाताओं का झुकाव किस ओर रहा।
सीधी संसदीय क्षेत्र के अधीन आठ विधानसभा सीट आती हैं। सीधी जिले की चार विधानसभा सीधी, चुरहट, धौहनी और सिंहावल के अलावा सिंगरौली जिले की तीन विधानसभा सिंगरौली, चितरंगी, देवसर और शहडोल जिले की एक विधानसभा सीट ब्यौहारी शामिल है। यदि सीधी संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों के 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम देखें, तो सीधी जिले की एक विधानसभा सिहावल में कांग्रेस विधायक के अलावा सात सीटों पर भाजपा के विधायक हैं।
यह आकड़ा देखकर लगता है कि भाजपा सीधी लोकसभा में मजबूत है। लेकिन भाजपा की निवर्तमान सांसद रीति पाठक को पुन: लोकसभा प्रत्याशी बनाने से पार्टी के कुछ विधायकों और संगठन के स्थानीय नेताओं की कथित नाराजगी के चलते उनकी राह भी इस बार इतनी आसान प्रतीत नहीं हो रही है। प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद अभी भी पिछड़े माने जाने वाले सीधी अंचल में लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दे भारी नजर आ रहे हैं।
सीधी संसदीय क्षेत्र में 18 लाख 32 हजार से अधिक मतदाता वोट डाल सकेंगे। कुल 2377 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की सुविधा के लिहाज से व्यापक इंतजाम किये जा रहे हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। संसदीय क्षेत्र में कुल 26 प्रत्याशी हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही दिखायी दे रहा है।
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