भोपाल, 21 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार आतंकित करने की राजनीति कर रही है।
लोकसभा चुनाव की पार्टी की तैयारियों में जुटे श्री चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ संभावित पराजय से बौखलाए हुए हैं। एक कहावत है, नाच न जाने, आंगन टेड़ा। संभालना आ नहीं रहा है। स्थिति संभल नहीं रही है और कर्मचारियों पर लट्ठ चला रहे हैं। आउटसोर्स वालों को देख लेंगे। सारे के सारे निकाल देंगे। सस्पेंड कर देंगे। नौकरी से निकाल देंगे। ये आतंकित करने की राजनीति यहां ये सरकार कर रही है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अगर नियंत्रण नहीं है तो क्यों कुर्सी पर बैठे हो। शर्म आना चाहिए, ऐसे मंत्रियों को, जो कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी षडयंत्र कर रही है। और इसलिए हम ये नहीं कर पा रहे हैं। यदि नहीं कर पा रहे हो, तो सरकार में क्यों बैठे हो।
श्री चौहान ने कहा कि गेंहू ठीक से खरीद नहीं पा रहे। किसानों को पेमेंट कर नहीं रहे। धान उठा नहीं रहे। पोर्टल खुल नहीं रहा है। जनता बर्बाद है और त्राहि त्राहि कर रही है और दोष भारतीय जनता पार्टी को दे रहे हो। अगर स्थिति संभल नहीं रही, तो हटो कुर्सी से।
दरअसल राज्य में बिजली संकट संबंधी खबरें आ रही हैं। इसके चलते सरकार ने बिजली और अन्य विभागों से जुड़े लगभग तीन सौ कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। इसी से जुड़े सवाल श्री चौहान से किए गए थे।
कांग्रेस ने शिवराज के कार्यकाल को भ्रष्टाचार और कुशासन वाला बताया:
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके (भाजपा) पंद्रह वर्षों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और कुशासन रहा और उन्हें पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए था।
इसके साथ ही श्रीमती ओझा ने गंभीर आरोप लगाया कि राज्य में अघोषित बिजली कटौती करवाकर भाजपा लोकसभा चुनाव में इसका फायदा लेना चाहती है। उसकी यह साजिश जनता के सामने प्रमाणित हो चुकी है।
श्रीमती ओझा ने कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री चौहान के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि 15 वर्षों के भ्रष्टाचार, जंगलराज, कुशासन और प्रदेश के अवरुद्ध विकास के लिए जिस भाजपा सरकार को अभी चार महीने पहले ही जनता ने उखाड़ फेंका है, उस ‘निक्कमी सरकार’ के मुखिया रहे श्री चौहान को ऐसा बयान देने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए था, आत्मावलोकन करना चाहिए था।
श्रीमती ओझा ने कहा कि बेहतर होता कि यह बयान देने की बजाय श्री चौहान, अपने 15 साल के ‘जंगलराज’, जिसमें व्यापमं, ई-टेंडरिंग, अवैध उत्खनन, सिंहस्थ, शिक्षा-चिकित्सा, मध्यान्ह भोजन जैसे अनेक घोटाले हुए। 21 हजार किसानों ने आत्महत्याएं कीं। हजारों महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुए। इन पर कोई ‘‘प्रायश्चित पत्र’’ लाते। वे प्रदेश की जनता के सामने यह बताते कि उनके पूरे कार्यकाल में मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार, कुपोषण, महिला अपराधों में ‘नंबर वन’ क्यों बना रहा।
श्रीमती ओझा ने कहा कि बिजली कटौती की बात करने वाले श्री चौहान और भाजपा का असत्य तब सामने आया, जब सीहोर में पदस्थ एक सहायक अभियंता, बिना कारण के बिजली सप्लाई बंद कर देता था और भाजपा समर्थकों से फेसबुक और सोशल मीडिया पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ असत्य और अनर्गल टिप्पणी करवाता था।
सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की नेता ने कहा कि ऐसा ही एक मामला उज्जैन के बिजली विभाग के अधिकारी भावसार का है, जिसने जनता में कांग्रेस के प्रति नाराजगी फैलाने के लिये बिजली बिलों के बकायादारों की संपत्ति कुर्क करने का फरमान जारी कर दिया। जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस सरकार ने बकायादारों की संपत्ति कुर्क करने और कर वसूली पर रोक लगा रखी है। इससे साफ है कि बिजली की अघोषित कटौती कराकर भाजपा लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे का फायदा उठाना चाहती थी। उसकी यह साजिश अब जनता के सामने प्रमाणित हो चुकी है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि प्रदेश और देश की जनता अब समझ चुकी है कि दोहरे चरित्र वाली भाजपा केवल असत्य, फरेब और जुमलों की राजनीति करती है। उसके ये हथकंडे अब काम नहीं आने वाले है। भाजपा से परेशान जनता ने प्रदेश में तो उसे सबक सिखा ही दिया, अब केंद्र की बारी है।
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