भोपाल, 13 मार्च ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर देर शाम यहां उनके हवाईअड्डा जाते वक्त जानलेवा हमला हुआ है, जिसकी वे निंदा करते हैं।
श्री चौहान ने देर रात वीडियो के माध्यम से बयान जारी कर कहा कि वे इस घटना के बारे में जानकर स्तब्ध हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति समाप्त हो चुकी है। अराजकता का राज है। आम व्यक्ति तो छोड़िए, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी पर जानलेवा हमला किया गया।
कांग्रेस के ‘बागी’ विधायक बंगलूर से आज नहीं पहुंचे भोपाल
मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के चरम पर पहुंचने के बीच आज फिर अनेक नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले और बंगलूर में रुके कांग्रेस के लगभग 20 बागी विधायक भोपाल नहीं पहुंचे।
दिन में इनमें से 13 विधायकों को आज विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति के समक्ष उपस्थित होना था और बताया गया कि बंगलूर से ये विधायक दो विशेष विमान से पहुंचने वाले हैं। लेकिन वे शाम तक नहीं आए।
इससे पहले यह खबर थी कि,बेंगलुरु में ठहरे मध्यप्रदेश कांग्रेस के सिंधिया खेमे के 19 कथित बागी विधायकों में से अधिकतर विधायकों के शुक्रवार शाम तक विशेष विमान से भोपाल पहुंचने की उम्मीद है। उनमें सिंधिया समर्थक छह मंत्री भी हैं।
सिंधिया के एक करीबी समर्थक ने यहां बताया था कि बेंगलुरु से विधायक भोपाल के लिए रवाना हो चुके हैं, उनमें मध्य प्रदेश सरकार के छह मंत्री भी हैं। उन्होंने बताया था कि ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मुलाकात करेंगे क्योंकि अध्यक्ष ने उनके द्वारा भेजे गए त्यागपत्र के मद्देनजर नोटिस जारी कर शुक्रवार को उन्हें व्यक्तिगत तौर पर मिलने हेतु बुलाया था।
उन्होंने बताया था कि विधायकों को लेकर विशेष विमान बेंगलुरु से रवाना हो चुका है। उसके जल्द ही यहां पहुंचने की उम्मीद है।
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने छह मंत्रियों तुलसी सिलावट, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रद्युन्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी और इमरती देवी को नोटिस जारी कर अपने इस्तीफे के सत्यापन के लिए व्यक्तिगत तौर पर शुक्रवार को तलब किया था।
इसी प्रकार विधानसभा अध्यक्ष ने सात विधायकों को शनिवार और शेष को रविवार को अपने त्यागपत्र सत्यापित करने के लिए हाजिर होने का नोटिस जारी किया था ।
सिंधिया खेमे के इन विधायकों ने चार दिन पहले त्यागपत्र दे दिया था। लेकिन कांग्रेस ने इन विधायकों को बंधक रखे जाने का आरोप लगाया है। उसके बाद अध्यक्ष ने यह जानने के लिए कि इन विधायकों ने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है या नहीं, उन्हें व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया था।
इस बीच, इन विधायकों के भोपाल आगमन के मद्देनजर हवाई अड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है तथा बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हवाई अड्डे पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी तादाद में जमा हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के चार इमली स्थित निवास पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
राज्यपाल ने मध्यप्रदेश के छह मंत्रियों को बर्खास्त किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की अनुशंसा पर आज राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के छह मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।
श्री कमलनाथ ने हाल ही में इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाए जाने को लेकर राज्यपाल श्री टंडन से अनुशंसा की थी, जिस पर राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के 6 सदस्यों को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से पृथक कर दिया है। इन मंत्रियों के नाम इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी हैं।
गोविंद सिंह ने 19 विधायकों के संबंध में अध्यक्ष को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने आज विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति को कांग्रेस के कथित तौर पर त्यागपत्र देने वाले 19 विधायकों के संबंध में पत्र लिखकर इनकी सत्यता जांचने का अनुरोध किया है।
डॉ सिंह ने श्री प्रजापति से मुलाकात कर यह पत्र सौंपा। डॉ सिंह ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला है कि कांग्रेस के 19 विधायकों की ओर से 10 मार्च को त्यागपत्र प्रस्तुत किए गए हैं। ये त्यागपत्र संबंधित विधायकों ने स्वयं पेश नहीं कर विपक्ष दल भाजपा के सदस्यों ने पेश किए। इसके अलावा संबंधितों विधायकों से उनके मोबाइल फोन और घर इत्यादि पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसलिए प्रतीत होता है कि उनके त्यागपत्र कूटरचित हैं अथवा उनसे प्रलोभन या दबाववश त्यागपत्र लिखवाए गए हैं।
डॉ सिंह ने अध्यक्ष से संबंधित विधायकों को अपने समक्ष भौतिक रूप से उपस्थित कराने का अनुरोध किया है ताकि स्वयं उनसे सच्चायी का पता लगा सकें। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पूरी जांच पड़ताल के बाद ही त्यागपत्रों के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाए। अन्यथा उन्हें निरस्त कर दिया जाए।
इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि राज्य की चुनी हुयी सरकार को अस्थिर करने की साजिश प्रतीत होती है।
पांच उम्मीदवारों ने दाखिल किए नामांकनपत्र
मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यसभा के द्विवार्षिक निर्वाचन के लिए नामजदगी के आज अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन, कांग्रेस के एक तथा एक निर्दलीय उम्मीदवार द्वारा अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किये गए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी एवं रंजना बघेल ने भाजपा के प्रत्याशी के रूप में, फूलसिंह बरैया ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में तथा रामदास दहीवाले ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रिटर्निंग ऑफिसर ए पी सिंह के समक्ष नामांकन-पत्र दाखिल किए। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के प्रत्याशी श्री दिग्विजय सिंह ने गुरूवार को दाखिल अपने नामांकन-पत्र के तीन अतिरिक्त सेट भी आज जमा किये।
मध्यप्रदेश के विधायकों ने किये खाटूश्याम मंदिर में दर्शन
मध्यप्रदेश में सियासी संकट के चलते राजस्थान लाये गये मध्यप्रदेश कांग्रेस के विधायकों ने आज सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटूश्याम मंदिर में दर्शन किये।
राजधानी जयपुर में दो रिसोर्ट में ठहराए गए मध्यप्रदेश के ये कांग्रेस विधायक शुक्रवार को सैर-सपाटे पर निकले और बसों से खाटूश्याम मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने खाटू नरेश के दर्शन किए। इस मौके विधायकों ने कहा कि श्याम बाबा के द्वार यही मन्नत लेकर आए हैं कि कमलनाथ सरकार का कार्यकाल पूरा हो। कुछ विधायकों का कहना था कि वे लोग बागी विधायकों के भी संपर्क में हैं।
सियासी घटनाक्रमों के बीच भाजपा नेताओं की बैठकें जारी
मध्यप्रदेश में चौदह माह पुरानी कमलनाथ सरकार पर आए अभूतपूर्व संकट के चलते जारी राजनैतिक हलचलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों का दौर भी जारी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कल श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विशेष विमान से यहां भोपाल पहुंचे थे और वे अभी भी यहीं पर ठहरे हुए हैं। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य नेता विभिन्न अवसरों पर एकसाथ देखे जा रहे हैं।
श्री सिंधिया कल प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे। उनकी मौजूदगी में वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुयी। इसके बाद सभी नेता श्री चौहान के निवास पर रात्रिभोज पर मिले। आज सुबह से फिर भाजपा नेता मिले और प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी। इस बीच श्री चौहान के निवास और उनके आसपास भी सुरक्षा घेरा बढ़ाया गया है।
पहले विधायकों को छुड़ाकर वापस लाया जाए – कमलनाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि सबसे पहले बंगलूर में ‘बंधक’ कांग्रेस विधायकों को वापस भोपाल बुलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
श्री कमलनाथ ने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।
श्री कमलनाथ ने कहा कि सबसे पहले तो उन्होंने राज्यपाल को होली की बधाई दी। इसके बाद उनसे बंधक विधायकों काे वापस बुलाने का अनुरोध किया गया। यह पूरे देश ने देखा है कि किस तरह कांग्रेस विधायकों को कैद में रखा गया।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत है कि 22 विधायकों को बंधक बना लिया जाए और फिर फ्लोर टेस्ट की मांग की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण और अन्य अवसरों पर फ्लोर टेस्ट हो ही जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस तो राजनीति में भी है।
इसके अलावा राज्य में इतने सारे सियासी घटनाक्रमों के बीच श्री कमलनाथ ने एक न्यूज माध्यम से चर्चा में कहा कि यह पूरी की पूरी भाजपा की साजिश है। उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि राज्य सरकार पूरी तरह मजबूत है और उसे कोई खतरा नहीं है।
मध्यप्रदेश के बर्खास्त छह मंत्रियों के विभागों का बंटवारा
मध्यप्रदेश के छह बर्खास्त मंत्रियों के विभागों का बंटवारा आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने शेष मंत्रियों के बीच कर दिया है।
संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ को महिला एवं बाल विकास, संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को परिवहन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे को श्रम विभाग, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी को राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल को स्कूल शिक्षा विभाग और वित्त मंत्री तरुण भनोत को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सौपा गया।