भोपाल, 10 मार्च ।वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस से त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा के चलते मध्यप्रदेश में उनके समर्थक 14 से अधिक मंत्रियों और विधायकों ने भी त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिए भेज दिए हैं। इसी के साथ चौदह माह पुरानी कांग्रेस सरकार का अब संकट से निकलना मुश्किल नजर आ रहा है।
बताया गया है कि कुल 19 मंत्रियों और विधायकों ने त्यागपत्र भेजा है, जो वर्तमान में बंगलूर में हैं। राज्य विधानसभा में वर्तमान में 228 विधायकों में से कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। आगर और जौरा विधानसभा सीट रिक्त हैं। उन्नीस विधायकों के त्यागपत्र स्वीकृत होने की स्थिति में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 95 पर आ जाएगी और इस तरह सरकार का संकट से निकलना मुश्किल हो जाएगा।
श्री सिंधिया के समर्थक नेताओं ने यहां बताया कि बंगलूर में ठहरे 19 विधायक और मंत्रियों ने विधायक पद से त्यागपत्र ईमेल के जरिए विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिए हैं।
श्री सिंधिया के खास समर्थक माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने भी ट्वीट में लिखा है ‘जहां श्री सिंधिया जी वहां मैं। मैंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कांग्रेस हटा लिया है।’ इसके अलावा ग्वालियर चंबल अंचल और प्रदेश में विभिन्न स्थानों से श्री सिंधिया के समर्थक पदाधिकारियों के भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजे जाने की सूचनाएं हैं।
अब सभी की निगाहें शाम को पांच बजे यहां मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक पर लगी हुयी हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ बड़ा निर्णय ले सकते हैं। सूचना है कि इस संबंध में वे अपने विश्वस्त साथियों के साथ सलाह मशविरा कर रहे हैं।
वहीं इसके बाद शाम सात बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा विधायक दल की भी महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इसमें मौजूदा राजनैतिक घटनाक्रम के मद्देनजर अगली रणनीति तय की जाएगी। इसमें विधायक दल का नया नेता चुने जाने की संभावना से भी पार्टी नेताओं ने इंकार नहीं किया है। बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के प्रदेश संगठन प्रभारी डा विनय सहस्त्रबुद्धे भी पहुंच गए हैं। प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों का दौर भी जारी है।
राज्य में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से चल रही राजनीतिक उठापटक अब पूरी तरह चरम पर पहुंच गयी है और माना जा रहा है कि आज रात तक सरकार के भविष्य को लेकर स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
मजबूत विपक्ष के रूप में कार्य करे कांग्रेस – लक्ष्मण सिंह
कांग्रेस विधायक एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह ने आज कहा कि अब राज्य में कांग्रेस को मजबूत विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहिए।
श्री लक्ष्मण सिंह ने यहां मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि अब हमें ‘नंबर गेम’ में नहीं पड़ना चाहिए। और न ही इसमें पड़ना चाहिए कि क्या और कैसे हुआ। अब कांग्रेस में सभी को एकजुट होकर मजबूत विपक्ष की जिम्मेदारी निभाना चाहिए। हमें जनता के बीच भी जाना चाहिए और उन्हें सच्चायी से अवगत कराना चाहिए।
बिसाहूलाल सिंह ने विधायक पद और कांग्रेस से त्यागपत्र दिया
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं आदिवासी नेता बिसाहूलाल सिंह ने आज विधायक पद और कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कभी नजदीकी रहे श्री सिंह ने वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में पत्रकारवार्ता में अपने त्यागपत्र की घोषणा की।
श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। और विधिवत भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है।
आदिवासी नेता श्री सिंह ने कहा कि राज्य की कमलनाथ सरकार में उनके क्षेत्र के काेई भी कार्य नहीं हो रहे थे। ऐसे अधिकारियों को उनके क्षेत्र में बैठा दिया गया है, जो उनकी और उनके कार्यकर्ताओं तक की नहीं सुनते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि वे भाजपा में किसी शर्त के साथ नहीं आए हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता यही रहेगी कि उनके क्षेत्र के विकास कार्य होते रहें।
वहीं श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भगदड़ मच गयी है। एक और कांग्रेस विधायक ऐदल सिंह कंसाना भी त्यागपत्र देने वाले हैं।
इसके पहले सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 19 विधायक भी त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष और राजभवन भेज चुके हैं।
मध्यप्रदेश में सरकार पर संकट के बीच शिवराज और नरोत्तम भोपाल पहुंचे, सिंधिया की खामोशी जारी
मध्यप्रदेश में चौदह माह पुरानी कमलनाथ सरकार पर आए संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा सुबह विमान सेवा से भोपाल पहुंचे, वहीं दिल्ली में मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं ‘नाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया की खामोशी के बीच सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर लगी रही ।
राज्य की कांग्रेस सरकार पर कल शाम संकट उस समय गहरा गया, जब श्री सिंधिया समर्थक माने जाने वाले राज्य के छह मंत्री और बारह विधायकों को दिल्ली और फिर वहां से बंगलूर में एकत्रित होने की सूचनाएं मिलीं। इन सभी विधायकों के मोबाइल फोन भी लगातार बंद रहे और उनके गनमैन भी साथ नहीं गए थे । दूसरी ओर श्री सिंधिया के कल दिल्ली में भाजपा के कथित तौर पर वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में रहने की सूचनाएं भी पहुंची थो।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं श्री सिंधिया के समर्थक पंकज चतुर्वेदी ने एक न्यूज चैनल से कहा कि श्री दिग्विजय सिंह ने श्री सिंधिया के स्वास्थ्य के बारे में क्या कहा, यह बात वे स्वयं बता सकते हैं। लेकिन कल टीवी चैनल पर सभी ने देखा कि श्री सिंधिया स्वयं गाड़ी चलाकर अपने घर पहुंचे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस और कांग्रेस सरकार में ‘ऑल इस वेल’ है। वे और अधिक बोलने से बचते हुए दिखायी दिए।
दूसरी ओर राज्य में फिलहाल मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाले दल भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री चौहान और श्री मिश्रा आज सुबह दिल्ली से भोपाल पहुंचे और पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने उनका शानदार स्वागत किया। हालाकि भाजपा भी अभी राज्य में पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखने और संभलकर बोलने की रणनीति अपनाती हुयी नजर आ रही है।
वहीं जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने सुबह अपने निवास पर मीडिया से चर्चा में दावा किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार संकट से उबर जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी हाईकमान हल निकालने में लगे हुए हैं।
होली के रंग में दिखायी दे रहे श्री शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि अब कांग्रेस को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्रियों के त्यागपत्र देने से अब राज्य में मुख्यमंत्री 34 मंत्री बना सकते हैं। इसके अलावा निगम मंडलों में 84 पद भी भरे जा सकते हैं। श्री शर्मा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सब ठीक हो जाएगा।
होली के दिन भी आज शाम पांच बजे कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक मुख्यमंत्री निवास पर बुलायी गयी है। वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक शाम सात बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय में होगी। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ कल शाम दिल्ली से अचानक भोपाल लौटे और उन्होंने तत्काल अपने सभी मंत्रियों, प्रमुख अधिकारियों और सहयोगियों को बुलाकर मुख्यमंत्री निवास में मैराथन बैठकें की। लगभग 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंप दिए और कहा कि वे अपने हिसाब से नया मंत्रिमंडल गठन कर लें। लेकिन लगभग आठ मंत्री बैठक में मौजूद ही नहीं थे।