बड़वानी, 6 जून । मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा शहर थाना क्षेत्र के बाहरी इलाके में पुलिस ने कनाडा निवासी व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर दी गयी हत्या की सुपारी के उद्देश्य से खरीदी गयीं 16 देशी पिस्तौलों के साथ एक शूटर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
बड़वानी के पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने आज शाम सेंधवा में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि हरियाणा के सिरसा जिले के जगमीत सिंह, जगसीर सिंह उर्फ जग्गा, दिनेश गरुवा और राजस्थान के बीकानेर क्षेत्र के शार्प शूटर अरुण तावनिया को 16 देशी पिस्तौलौं के साथ गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कल सेंधवा शहर के बाहरी इलाके वरला मार्ग पर सेंधवा शहर, सेंधवा ग्रामीण, तथा वरला थाना पुलिस के संयुक्त बल ने आरोपियों की कार को घेराबंदी करके रोका था।
कार से उतर कर फरार हो रहे चारों आरोपियों को बड़वानी जिले के वरला थाना क्षेत्र के उमरठी से खरीदे गए 16 देसी पिस्तौलौं के साथ हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी 35 वर्षीय जगमीत सिंह ने बताया कि वह रांची के रामगढ़ स्थित सिख रेजीमेंट में प्रधान आरक्षक के रूप में काम करता था।
उसका एक रिश्तेदार जंग बहादुर कनाडा में रहता है।
उसके और जंग बहादुर के रिश्तेदार एवं ग्राम प्रधान की 2019 में प्रदीप सिंह द्वारा करवाई गई थी।
इस हत्या का बदला लेने के सिलसिले में जंग बहादुर द्वारा उसे प्रदीप सिंह की हत्या करने की सुपारी दी गई थी।
इसी के उद्देश्य से वह हथियार खरीद कर वापस जा रहा था।
पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने बताया कि सारे आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड तलाशे जा रहे हैं।
सेंधवा शहर थाने के नगर निरीक्षक बलदेव मुजालदा ने बताया कि जगमीत सिंह 2019 में प्रदीप सिंह द्वारा उसके रिश्तेदार ग्राम प्रधान की हत्या कराए जाने के उपरांत सेना से भाग गया था।
इसके चलते उसे भगोड़ा घोषित किया गया था।
इसके बाद उसने प्रदीप सिंह पर हमला बोल दिया था, जिसके चलते राजस्थान के बीकानेर जिले के भादरा में उसके विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था।
इसी दौरान जेल में उसकी मुलाकात अरुण से हुई थी।
उन्होंने बताया कि फिलहाल जगमीत सिंह पैरोल पर था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आज एक अन्य घटना में शिवपुरी जिले में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक के पुत्र अनिल शर्मा और एक अन्य सागर सिंह को सेंधवा के समीप चार पिस्तौलों के साथ गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि पिछले 5 दिनों में पुलिस ने 25 देशी पिस्तौलें बरामद कर 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने स्वीकार किया कि वर्षों से हथियार निर्माण के लिए पूरे भारत में कुख्यात उमरठी हथियार बनने और बिकने की प्रक्रिया पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है।
उन्होंने हथियार निर्माता सिकलीगरों को मुख्यधारा में लाने के लिए समग्र और ठोस योजना की आवश्यकता जताई।