भोपाल, 28 दिसंबर । मध्यप्रदेश के कमलनाथ मंत्रिमंडल में 25 दिसंबर को 28 मंत्रियों को शामिल किये जाने के तीन दिन बाद भी उन्हें विभागों का बंटवार अब तक नहीं किया जा सका है। हालांकि कांग्रेस अधिकृत तौर पर कह रही है कि मंत्रियों के विभाग तय करने में कोई देर नहीं हो रही है, लेकिन पार्टी के कुछ सूत्रों और विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के विभिन्न नेताओं के गुटों के बीच अहम विभागों को हासिल करने की जिद के चलते परेशानी खड़ी हो रही है।
इससे पहले, 25 दिसंबर से पहले मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों के नामों को अंतिम रुप देने के वास्ते मुख्यमंत्री कमलनाथ चार दिन तक दिल्ली में रहे ताकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह से विचार विमर्श के बाद मंत्रियों के नाम तय कर सके।
पार्टी के एक सूत्र के अनुसार अपने अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल करवाने के बाद सभी गुट अब ‘‘अच्छे’’ विभाग पाना चाहते हैं और गुटों की इस जद्दोजहद में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में विलंब हो रहा है। अच्छे विभाग जैसे गृह, वित्त, नगरीय विकास एवं प्रशासन, लोक निर्माण विभाग की अधिक मांग है और सभी गुट इन विभागों पर अपना मंत्री चाहते हैं।
कांग्रेस के सूत्र ने बताया कि 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल में कुल 28 कैबिनेट मंत्री शामिल किये गये हैं। इनमें दस मंत्री दिग्विजय सिंह गुट के, नौ मंत्री कमलनाथ गुट के और आठ मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। जबकि एक मंत्री सचिन यादव पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के छोटे भाई हैं।
इस बीच, कांग्रेस के एक नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अधिकांश विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति बन गयी है।
प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने शुक्रवार को कहा कि, मंत्रियों के विभाग आवंटन में देरी के आरोप अथवा पार्टी में गुटबाजी से इंकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रियों के शपथ लिए आज केवल तीसरा ही दिन है। किसी प्रक्रिया में कुछ समय तो लगता ही है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार शाम को अपने निवास पर इसके लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं नई सरकार को अपनी शुभकामनाएं देता हूं लेकिन पहले मंत्रिमंडल के गठन में देरी हुई और अब विभागों के बंटवारे में हो रहा विलम्ब चिंता का विषय है।’’
ओझा ने चौहान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चौहान कांग्रेस की सरकार की चिंता न करें और देखें कि भाजपा शीघ्र ही नेता प्रतिपक्ष का चुनाव कर ले और खुद को विपक्ष की भूमिका के लिये तैयार करे। हम अपने वचनपत्र के अनुसार प्रदेश की जनता से किये गये अपने वादे पूरे करेंगे।
कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने पार्टी में गुटवाजी से इंकार करते हुए इसे विपक्ष का दुष्प्रचार बताया और कहा कि कांग्रेस एकजुट है।
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