भोपाल, 23 दिसंबर । साल 2018 मध्यप्रदेश में कई चेहरों के नाम रहा। चुनावी साल होने के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अौर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग पूरे साल सुर्खियों में बने रहे। हालांकि इनके अतिरिक्त भी कई चेहरे ऐसे रहे, जो पूरे साल किसी न किसी कारण के चलते खबरों में बने रहे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस साल पूरे साल चर्चाओं का केंद्र बिंदु बने रहे। अप्रैल में पार्टी आलाकमान ने उन्हें नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी की प्रदेश इकाई की कमान सौंप दी। विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी से कांटे की टक्कर के बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की, जिसके बाद श्री कमलनाथ की प्रदेश के मुखिया के तौर पर ताजपोशी हुई।
मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के कुछ ही घंटों के भीतर श्री कमलनाथ ने कांग्रेस के चुनाव के पहले लाए वचन पत्र के मुताबिक किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर इस पर अमल शुरु कर दिया।
तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने के बीच श्री कमलनाथ के इस पर अमल करने वाले पहले मुख्यमंत्री बनने ने भी देश भर में सुर्खियां बटोरीं।
पिछले 13 साल से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई करते हुए मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने इस साल भले ही कुर्सी गंवा दी हो, लेकिन इसके बाद भी वे लगातार सुर्खियों में बने रहे।
श्री चौहान ने विधानसभा चुनाव के अभियान का आगाज जन आशीर्वाद यात्रा से करते हुए सभी 52 जिलों की यात्रा की। वे समूचे चुनाव में भाजपा का मुख्य चेहरा रहे। हालांकि भाजपा की सत्ता में वापसी नहीं होने के बाद भी श्री चौहान सभी की नजरों में बने रहे।
मुख्यमंत्री पद से हटते ही श्री चौहान ने स्वयं को ‘कॉमनमैन ऑफ मध्यप्रदेश’ के तौर पर प्रदर्शित करते हुए लगातार इस बारे में ट्वीट किए। उन्होंने भोपाल से बीना तक की यात्रा ट्रेन से करने और मुख्यमंत्री निवास छोड़ कर अपेक्षाकृत छोटे आवास में जाने की भी जानकारियां सार्वजनिक करते हुए कहा कि उन्हें जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है और उनके घर के दरवाजे जनता के लिए हमेशा खुले हुए हैं।
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