भोपाल, 10 अप्रैल । मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में हुए लगभग तीन हजार करोड़ रूपयों के ई टैंडर घोटाले के मामले में आज राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने आज कुछ कंपनियों और राज्य के निर्माण विभागों से जुड़े लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली।
ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक अरूण मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज की गयी है।
ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में राज्य के लोक निर्माण, जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों के अलावा कुछ अन्य विभागों में निर्माण कार्याें संबंधी अरबों रूपयों के ठेके ई टैंडर के जरिए दिए गए थे। इस दौरान पसंद की कंपनियों को ठेका देने में ई टैंडर के जरिए धाेखाधड़ी की गयी थी। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। उसने जांच के दौरान आज प्राथमिकी दर्ज कर ली।
ईओडब्ल्यू की ओर से मुहैया करायी गयी प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग आधा दर्जन कंपनियों, निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई मुख्य रूप से केंद्र सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की रिपोर्ट के आधार पर की है, हालाकि जांच एजेंसी के पास इससे जुड़े और भी सबूत हैं। बताया गया है कि विभिन्न निर्माण विभागों में करोड़ों रूपयों के ठेके ई टैंडर के जरिए दिए गए हैं। इसमें कथित तौर पर पासवर्ड आदि के जरिए छेड़छाड़ कर अपने पसंद के लोगों को काम दिए गए।
कंप्यूटर घोटाले के दस्तावेज ईओडब्लू को सौंपे गए
मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुए कंप्यूटर घोटाले की जांच के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) ने भिण्ड कलेक्टर से इस घोटाले से जुडे दस्तावेज मांग लिए हैं। इस मामले में ईओडब्लू भोपाल थाना में आठ महीने पहले एफआईआर दर्ज हुई थी।
कलेक्टर डाॅ जे विजय कुमार ने आज बताया कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) ने कंप्यूटर खरीदी से संबंधित रिकार्ड मांगा था, उसे उपलब्ध करा दिया गया है।
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