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मध्यप्रदेश में कमलनाध सरकार पर संकट गहराया,ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों की संख्या से कोई भी कठोर निर्णय के लिए तैयार दोनों नेता attacknews.in

भोपाल, 09 मार्च ।पिछले एक सप्ताह से मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक अब चरम पर पहुंच गयी लगती है। राज्य की कमलनाथ सरकार से कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की दिल्ली में सक्रियता और उनके समर्थक लगभग सत्रह मंत्री और विधायकों को कथित तौर पर बंगलूर में रखे जाने की सूचना के बाद यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले चार घंटों से अपने निवास पर महत्वपूर्ण बैठकें ली।

इस बीच मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने होली होने के बावजूद मंगलवार की शाम सात बजे यहां प्रदेश पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक बुलायी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते लगभग तीन दिनों से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं और उनकी केंद्रीय नेतृत्व से अनेक दौर की चर्चाएं हुयी हैं।

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदलकर शाम को दिल्ली से भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री निवास पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अपने मंत्रियों और विश्वस्तों के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री निवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा रहा । श्री कमलनाथ से मिलने मुख्य सचिव एस आर मोहंती और पुलिस महानिदेशक राजेंद्र कुमार भी पहुंचे। बताया गया है कि कमलनाथ सरकार ने मौजूदा हालातों के बीच कानूनी और वैधानिक विकल्पों पर भी चर्चा की।

राजनैतिक हलकों में वरिष्ठ नेता श्री सिंधिया की ‘चुप्पी’ के मायने निकाले जा रहे हैं। बताया गया है कि श्री सिंधिया मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाने के इच्छुक थे। इसके पहले उनके समर्थक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर श्री सिंधिया की ताजपोशी चाहते थे। समर्थकों ने पार्टी के आंतरिक मंच और कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर भी इस मांग को उठाया। लेकिन लगातार समय बीतने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

वहीं कल रात दिल्ली पहुंचे श्री कमलनाथ ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और राज्य के राजनैतिक संकट का समाधान निकालने का प्रयास किया। लेकिन देर शाम श्री कमलनाथ अचानक भोपाल लौटे। पहले श्री सिंधिया के भी साथ आने की खबरें थीं, लेकिन वे नहीं आए और दिल्ली में दिन भर सक्रिय रहे, लेकिन इस दौरान श्री सिंधिया की ओर से प्रयास किया गया कि इसकी भनक किसी को भी नहीं लगे। वहीं उनके समर्थक लगभग 17 मंत्री और विधायक भी दिल्ली पहुंचे और वहां से उन्हें बंगलूर ले जाए जाने की खबर है। वहां पर सभी को सख्त निगरानी में रखा गया है।

मध्यप्रदेश में लगभग एक सप्ताह से चल रहे घटनाक्रमों के बीच शाम को राजनैतिक गलियारों में एक बार फिर सियासी उठापटक को लेकर अटकलबाजियां और चर्चाएं शुरू हो गयीं थीं । इस बीच बताया गया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक लगभग सत्रह विधायक और मंत्री बंगलूर में एकत्रित हुए हैं तो राजनीति पारा तेजी से चढ़ा ।

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ शाम को अपने कार्यक्रम में बदलाव करते हुए दिल्ली से वापस भोपाल आ गए। श्री कमलनाथ कल देर शाम भोपाल से दिल्ली रवाना हुए थे और उनके होली के बाद भोपाल लौटने का कार्यक्रम था। इसके पहले श्री कमलनाथ ने आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में कहा कि राजनैतिक हालातों के बारे में चर्चा हुयी है और वे कांग्रेस अध्यक्ष के सुझावों पर अमल करेंगे।

सोनिया से मिले कमलनाथ ने की थी यह चर्चा :

मध्य प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थो जिसमें मुख्य रूप से राज्यसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई।

मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ उनकी सभी मुद्दों पर चर्चा हुई।

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर कोई नाम तय हुए हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीदवारों पर फैसला सर्वसम्मति से होगा।

सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट तक चली सोनिया और कमलनाथ की मुलाकात के दौरान राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सोनिया को राज्य के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से भी अवगत कराया।

दरअसल, हाल ही में कांग्रेस ने भाजपा पर अपने कुछ विधायकों को अगवा करने और सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने इस आरोप को खारिज किया था।

मध्य प्रदेश से तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। विधानसभा के मौजूदा गणित को देखते हुए कांग्रेस को दो सीटें मिलने की संभावना है।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस एक सीट से दिग्विजय और दूसरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है । हालांकि चर्चा यह भी है कि इन दोनों में से किसी एक नेता को छत्तीसगढ़ अथवा किसी दूसरे राज्य से भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

कमलनाथ के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अंबिका सोनी ने भी सोनिया से मुलाकात की। इन दोनों मुलाकातों को भी राज्यसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।

हालांकि हुड्डा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ शिष्टाचार भेंट थी।

आगामी 26 मई को राज्यसभा की जिन 55 सीटों के लिए चुनाव होना है उनमें से नौ सीटें कांग्रेस को मिल सकती हैं। माना जा रहा है कि होली के बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।

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