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मध्यप्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह बढ़ी:दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों को बताई झगड़े की जड़;बाद में उमंग सिंघार ने उन्हें अनुशासन में रहने की नसीहत दे दी attacknews.in

भोपालशिवपुरी , 06 सितंबर । मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच घमासान थमता सा नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की आज यहां मीडिया से बातचीत के बाद वन मंत्री उमंग सिंघार के एक ट्वीट ने फिर से सबका ध्यान खींच लिया।


तीन दिन पहले श्री सिंह पर गंभीर आरोप लगाने वाले आदिवासी नेता एवं राज्य के वन मंत्री श्री सिंघार ने ट्वीट में लिखा है ‘मेरा यह सुझाव है कि सभी काे अनुशासन में रहना चाहिए।’ यह ट्वीट तत्काल ही मीडिया में छा गया। श्री दिग्विजय सिंह की मीडिया से बातचीत के कुछ ही देर बाद आया ट्वीट परोक्ष रूप से श्री सिंह पर ही हमला माना जा रहा है।


दरअसल मध्यप्रदेश में नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के बीच पिछले कुछ समय से राज्य के वरिष्ठ नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई देखी जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक, मंत्री और पदाधिकारी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं। इस तरह की मांग श्री सिंधिया के समर्थक सार्वजनिक रूप से करते आ रहे हैं।


एक सप्ताह पहले राजनैतिक गलियारों में खबर आयी कि एक दो दिन में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी। तभी वरिष्ठ नेता श्री अजय सिंह के निवास पर श्री दिग्विजय सिंह और राज्य के मंत्री डॉ गोविंद सिंह के पहुंचने और ‘मंत्रणा’ की खबरों से अनुमान लगाया गया कि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में स्वयं श्री दिग्विजय सिंह और श्री अजय सिंह आ गए हैं, हालाकि दोनों ने मीडिया से बातचीत में इससे ‘इंकार’ कर दिया।


इन घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस पदाधिकारियों, मंत्री और विधायकों के अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान आने लगे। कुछ ने पत्र लिखकर सोशल मीडिया में वायरल किए तो कुछ खुलकर मीडिया के समक्ष अपनी बात रख रहे हैं। इसके पहले श्री दिग्विजय सिंह द्वारा मंत्रियों को उनसे मिलने के लिए समय मांगने संबंधी पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया। वन मंत्री श्री सिंघार ने इसके बाद श्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख दिया और यह भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसके तत्काल बाद श्री सिंघार ने श्री सिंह पर गंभीर आरोप लगा दिए।


इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार की रात्रि में श्री सिंघार को तलब किया और सार्वजनिक रूप से बयान नहीं देने की नसीहत दी। इसके बाद श्री सिंघार पहले जैसे मुखर तो नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन वे सोशल मीडिया में ट्वीट आदि के जरिए अपने तेवर जरूर दिखा रहे हैं। श्री सिंघार वरिष्ठ नेता श्री सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।


पूरे मामले में दिग्विजय सिंह ने यह कहा:-



मध्यप्रदेश की राजनीति में पिछले चार दिन से वन मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच चल रहे विवाद के बीच श्री सिंह ने आज पहली बार सामने आते हुए कहा कि इस पूरे मामले को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री एवं प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ को देखना है।


श्री सिंह इस पूरे घटनाक्रम के बीच यहां पहली बार मीडिया के सामने आए और कहा कि वे इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। पूरा मामला अब श्रीमती गांधी और श्री कमलनाथ को देखना है। 


उन्होंने इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि क्या वे मंत्री श्री सिंघार से मुलाकात करेंगे और क्या उन्होंने इतने गंभीर आराेपों पर उन्हें माफ कर दिया है।


मंत्री श्री सिंघार से मुलाकात के संबंध में उन्होंने संकेतों में कहा कि वे डायबिटीज के मरीज नहीं हैं और मीठी चाय पीते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई भी अनुशासनहीनता करे, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

मंत्री श्री सिंघार ने इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह को आमंत्रित करते हुए कहा था कि श्री सिंह के आने पर वे उन्हें ‘चाय’ पिलाएंगे


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम सिंह का मामला उठाया। ये दोनों आईएसआई से पैसा लेने के आरोप में पकड़े गए थे। 


उन्होंने कहा कि 2017 में तत्कालीन सरकार ने ध्रुव सक्सेना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि जब इनकी जमानत हो गई, तब उन्होंने ये मुद्दा उठाया और वहीं से इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत हुई।


ये पूछे जाने पर कि क्या श्री सिंघार भाजपा के कहने पर उन पर आरोप लगा रहे हैं, श्री सिंह ने कहा कि उन्हें जो कहना था, वाे उन्होंने कह दिया।


वही दिग्विजय सिंह ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम बेहद ईमानदार हैं और उन्हें सरकार ने झूठा फंसाया है।


श्री सिंह ने कहा कि वे श्री चिदंबरम को 30 वर्ष से अधिक समय से जानते हैं। उनके खिलाफ प्रकरणों में कोई साक्ष्य भी नहीं है। वे नियम जानते हैं और नियमों के खिलाफ कभी जा नहीं सकते हैं।


उद्योगपति रतुल पुरी के प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर श्री सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन वे यह कहना चाहते हैं कि पूरी सरकार दुश्मनी पालती है। ये लोग गुजरात मॉडल पर कार्य कर रहे हैं यानी निर्दोष लोगों को फसाना और झूठे केस लगाना।


श्री सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ भी भाजपा पंद्रह साल तक प्रकरण देखती रही, ताकि उन्हें फसाया जा सके। लेकिन उनके खिलाफ ईडी, आईटी और सीबीआई कोई नहीं है। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि पूरा देश और प्रदेश की जनता जानती है कि ‘दिग्विजय सिंह’ क्या हैं।


सिंधिया समर्थकों ने लगाए बैनर


मध्यप्रदेश के शिवपुरी में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों द्वारा लगाए गए बैनरों ने प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की खबरों को और हवा दे दी है।


शहर के माधव चौक चौराहे पर श्री सिंधिया के समर्थन में तथा उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के परिप्रेक्ष्य में शहर कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य कुछ नेताओं ने एक विशाल बैनर लगाया है। इस बैनर में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से कांग्रेस नेताओं ने सवाल किए हैं।


मानक अग्रवाल ने भी हमला बोला उमंग सिंघार पर


मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया के पूर्व प्रभारी एवं वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने आज वन मंत्री उमंग सिंघार पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी भाजपा के खिलाफ संघर्ष नहीं किया और उनके कार्य हमेशा भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं।


श्री अग्रवाल ने यहां मीडिया से कहा कि श्री सिंघार भाजपा का मोहरा है। श्री अग्रवाल ने वन मंत्री को परजीवी और सुविधाभोगी शख्स तक भी बता दिया। श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य की पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं दिवंगत वरिष्ठ आदिवासी नेता जमुनादेवी के साथ उन्होंने कार्य किया है और इस दौरान श्री सिंघार (श्रीमती जमुनादेवी के भतीजे) के कार्यकलापों को उन्होंने नजदीक से देखा है।

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