भोपाल, 03 सितंबर । मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक दूसरे पर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाने के बाद आज पार्टी महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने सभी वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से पार्टी के मसले पार्टी फोरम पर ही उठाने का अनुरोध किया है।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री बाबरिया ने कहा कि राज्य की जनता ने बहुत विश्वास और अपेक्षा के साथ कांग्रेस को सत्ता सौंपी है। ऐसी स्थिति में सभी नेताओं और मंत्रियों की पहली प्राथमिकता आमजन का कल्याण और उनके लिए कार्य करने की होना चाहिए। पार्टी के आंतरिक मामलों को मंत्री, नेता और पदाधिकारी पार्टी के ही विभिन्न फोरम या फिर वरिष्ठ नेताओं के समक्ष उठा सकते हैं। उन्हें मीडिया, सोशल मीडिया, पत्र अथवा बयानों के माध्यम से सार्वजनिक विमर्श का विषय नहीं बनने देना चाहिए।
शोभा ओझा ने की उमर सिंघार से मुलाक़ात-
अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार से आज यहां प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने उनके निवास पर मुलाकात की।
श्री सिंघार से मुलाकात के बाद श्रीमती ओझा ने बताया कि उन्होंने वन मंत्री की बातों को सुना और पार्टी की भावनाओं से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वन मंत्री संभवत: आज शाम ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा कि नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। इसके अलावा नेताओं को यदि अपनी बात रखनी है तो उसे सार्वजनिक मंच की बजाए पार्टी के अंदर ही रखना चाहिए। ऐसा नहीं करने से पार्टी को नुकसान होता है।
शोभा ओझा ने माना कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी को और दी शिवराज सिंह चौहान को सलाह-
श्रीमती ओझा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने पर पलटवार करते हुए आज कहा कि उन्हें (श्री चौहान) अपने ‘जंगलराज’ पर प्राश्यचितपत्र लाना चाहिए।
श्रीमती ओझा ने यहां अपने बयान में कहा कि विधानसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने श्री चौहान को ‘प्रदेशनिकाला’ दिया है। इसके बाद से ही श्री चौहान राज्य में राजनैतिक पुनर्वास की लालसा में कुछ भी बयान दे रहे हैं। बेहतर तो यह है कि श्री चौहान कांग्रेस को कोसने की बजाए डेढ़ दशक के भाजपा के जंगलराज पर जनता के सामने प्रायश्चितपत्र सामने लेकर आते।
उन्हाेंने कहा कि श्री चौहान को कांग्रेस की गुटबाजी की चिंता नहीं करना चाहिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस की आठ माह पुरानी कमलनाथ सरकार ने अनेक जनहितैषी निर्णय लिए हैं। वहीं भाजपा के पंद्रह वर्षों के शासनकाल में सिर्फ घोटाले ही सामने आए, जिससे इस राज्य की स्थिति देश के पिछड़े राज्यों की तरह हो गयी थी। अब मौजूदा सरकार राज्य को इस स्थिति से बाहर लेकर आ रही है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि जब भाजपा स्वयं गुटबाजी से त्रस्त है और उसके नेता लगातार अपना वजूद सिद्ध करने के प्रयास में लगे रहते हैं। ऐसे में भाजपा नेता को कांग्रेस के बारे में बोलने का हक नहीं है।
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