भोपाल, 05 मार्च ।मध्यप्रदेश में विगत दो दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच आज देर शाम कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने कथित तौर पर अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया।
दरअसल श्री डंग उन चार विधायकों में शामिल बताए जा रहे हैं, जो ‘लापता’ हैं। इन विधायकों में श्री डंग के अलावा कांग्रेस के ही श्री बिसाहूलाल सिंह तथा रघुराज कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर एक पत्र (त्यागपत्र) वायरल हो रहा है, जो कथित तौर पर श्री डंग ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा है। इसमें कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि वे उनका (श्री डंग) त्यागपत्र स्वीकार करें।
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति और किसी जिम्मेदारी अधिकारी से चर्चा नहीं हो सकी। वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह पत्र फर्जी भी हो सकता है।
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने एक न्यूज चैनल से कहा कि त्यागपत्र नियमानुसार अध्यक्ष से मिलकर हार्डकॉपी में ही दिया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि श्री डंग पार्टी में ही रहेंगे और विधायक भी रहेंगे। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि श्री डंग की सरकार में सुनी नहीं जाती।
उन्होंने कहा कि श्री डंग उनके पास भी कुछ काम लेकर आए थे और वो कार्य किए गए।
इस बीच एक विधायक एवं पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह के परिजनों ने आज यहां टीटीनगर थाने में शिकायत दर्ज करायी कि वे लापता हैं और उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर ली है।
पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह की गुमशुदगी के संबंध में रिपोर्ट दर्ज हुयी भोपाल में
मध्यप्रदेश के पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री एवं कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के ‘गुम’ होने के संबंध में आज यहां उनके पुत्र ने टीटीनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी।
श्री सिंह के पैंतीस वर्षीय पुत्र तेजभान सिंह ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि उनके पैंसठ वर्षीय पिता बिसाहूलाल सिंह दो मार्च को शाम पांच बजे यहां मालवीय नगर निवास से यह कहकर निकले थे कि वे रायपुर जा रहे हैं। लेकिन वे आज तक रायपुर नहीं पहुंचे। रिश्तेदारों और परिचितों से भी उनके बारे में कोई पता नहीं चल सका।
डंग को लेकर विष्णुदत्त शर्मा का बयान आया
भारतीय जनता पार्टी के मध्यप्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के कथित इस्तीफे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से सवाल करते हुए जानना चाहा है कि ऐसी नौबत क्यों आयी।
प्रदेश भाजपा की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार लगातार भ्रष्टाचार और अराजकता में डूबी हुई है। सरकार सिर्फ रेत के अवैध खनन और शराब के व्यापार को बढ़ाने का काम कर रही है। ‘ट्रांसफर उद्योग’ के माध्यम से एक ओर जहां वसूली की जा रही है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार और स्वाभिमानी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
हरदीप ने प्रत्यक्ष रूप से मिलकर त्यागपत्र नहीं सौंपा – प्रजापति
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने कहा है कि उन्हें विधायक हरदीप सिंह डंग के त्यागपत्र देने की खबर मिली है। उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है।
श्री प्रजापति ने एक वक्तव्य में कहा है ‘मुझे सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफा देने की खबर मिली है। उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है। जब वे प्रत्यक्ष रूप से मुझसे मिलकर इस्तीफा सौंपेंगे, तो मैं नियमानुसार उस पर विचार कर आवश्यक कदम उठाऊंगा।’
डंग को लेकर कमलनाथ का बयान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि श्री हरदीप सिंह डंग के इस्तीफा देने की खबर मिली है। लेकिन उन्हें अभी तक श्री डंग का न तो कोई पत्र मिला है और न ही इस संबंध में उनसे कोई चर्चा हुयी।
श्री कमलनाथ ने एक वक्तव्य में कहा कि श्री डंग हमारी पार्टी के विधायक हैं। उनके इस्तीफा देने की खबर मिली है। लेकिन उन्हें इस संबंध में उनका अभी तक न तो कोई पत्र मिला और न ही कोई चर्चा हुयी और न ही प्रत्यक्ष मुलाकात की है।
मध्य प्रदेश में विफल हुआ सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र : कांग्रेस
नयी दिल्ली, से खबर है कि, कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है और उसे गिराने का भारतीय जनता पार्टी का षड़यंत्र विफल हो गया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी प्रवक्ता विवेक तन्खा तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि पिछले पांच छह साल से जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है तब से प्रदेशों में लोकतंत्र खत्म किया जा रहा है। इस क्रम में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में चुनी हुई सरकार को गिराया गया, उसके बाद मणिपुर में कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार गिरायी गयी, गोवा में कांग्रेस के बहुमत को नजरअंदार किया गया और उसे सरकार बनाने नहीं दिया गया। इसी तरह कर्नाटक में राज्यपाल ने कांग्रेस के बहुमत को नजरअंदाज कर भाजपा को शपथ दिलाई। अब भाजपा ने मध्य प्रदेश में सेंध लगाने का प्रयास किया लेकिन वह विफल हो गयी है।
कांग्रेस नेताओं ने पत्रकारों को संबोधित करने के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया “मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, और एक निर्दलीय प्रदीप जैसवाल मंत्री हैं। अर्थात 115 बहुमत का आंकड़ा है, जो कांग्रेस के पास है। दो बहुजन समाज पार्टी के विधायक, रामाबाई परिहार और संजीव कुशवाहा ने आज भी कांग्रेस के समर्थन की अपनी बात दोहराई है। समाजवादी पार्टी के राधे शुक्ला ने भी अपनी आस्था सरकार में व्यक्त की है। केदार डावर और विक्रम सिंह राणा निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं।”
उन्होंने कहा ‘बुधवार को भाजपाईयों ने षडयंत्र के तहत कुछ विधायकों को हरियाणा के मानेसर में एक होटल में बंधक बनाया, पर वो स्वेच्छा से कांग्रेस के समर्थन में वापस आ खड़े हुए। ऐसी भी सूचना है कि दिल्ली से भाजपा के नेता चार विधायकों को जबरदस्ती बेंगलुरु ले गए हैं, इनमें तीन कांग्रेस के और एक निर्दलीय हैं। भाजपा का यह घिनौना षडयंत्र कांग्रेस के नहीं, अपितु मध्य प्रदेश के खिलाफ है जिसका जवाब प्रदेश की जनता राज्य विधानसभा की कुछ सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में देगी।”
श्री आजाद ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार गिराने का यह चौथा प्रयास हुआ है। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में भी उठाएगी। उन्होंने दावा किया कांग्रेस ने कभी इस तरह की राजनीति नहीं की और भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त कर कांग्रेस सरकार को गिराने का यह प्रयास कर रही है जो लोकतंत्र विरोधी कदम है और कांग्रेस इस तरह के कदम की कड़ी निंदा करती है।