भोपाल 11 सितंबर । हम लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार में जो अंतरकलह है, वह पैसों की बंदरबाट के लिए है। सबको पता है कि कांग्रेस की इस सरकार में केवल काला है, गड़बड़झाला है और घोटाला है। कांग्रेस के लोग ही इस सरकार को प्रदेश में 5 साल नहीं रहने देंगे। इस सरकार ने हर वर्ग के लोगों से वादाखिलाफी की है और अन्याय कर रही है। सरकार के इसी रवैये के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का निर्णय किया है। इस आंदोलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अपने घर-परिवार की चिंता छोड़कर पूरे प्रदेश में जनता की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरे हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कही।
खून के आंसू रो रहा है किसान
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता से किया हुआ एक भी वादा पूरा नहीं किया। किसानों को कागजों पर कर्जमाफी दिखाते हैं। अति वर्षा से नुकसान हुआ है। आज किसान खून के आंसू रो रहा है। हम मुख्यमंत्री कमलनाथ से तो कभी उम्मीद कर ही नहीं सकते, लेकिन उनके मंत्री भी जनता का दुख बांटने के लिए नहीं पहुंचे। एक भी युवा को आपने बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। बिजली का बिल हॉफ नहीं किया। 2003 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद प्रदेश की सड़कें उन्नत हुई थीं, लेकिन अब फिर सड़कों की दुर्दशा हो रही है। प्रदेश में आज भ्रष्टाचार चरम पर है। मुख्यमंत्री कमलनाथ केवल अपनी सरकार बचाने की और अपने मंत्रियों के आर्थिक हितों की चिंता कर रहे हैं। तबादला उद्योग चरम पर है, विकास के काम ठप हैं। पूरे प्रदेश में अराजकता का वातावरण है। यह पहली बार है कि मध्यप्रदेश में ऐसी दुर्दशा दिखाई दे रही है।
विकास किया है, तो डायरेक्ट चुनाव से क्यों डरते हो?
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के लोग पत्रकार वार्ता करके कह रहे हैं कि प्रदेश में विकास हुआ है। यदि ऐसा है, तो कांग्रेसियों और कमलनाथ जी को किस बात का डर है? निकाय अध्यक्षों के चुनाव डायरेक्ट कराइए। आप डायरेक्ट चुनाव से बचना चाहते हो, आप गैरदलीय आधार पर चुनाव कराना चाहते हो। मुख्यमंत्री कमलनाथ जानते हैं कि जो भी कांग्रेस का चेहरा बनकर चुनाव में उतरेगा, जनता उसको सबक सिखा देगी। इसीलिए ये चाहते हैं कि मध्यप्रदेश में गैर दलीय आधार पर हो। महापौर और नगरपालिका अध्यक्ष को जनता न चुने, पार्षदों के द्वारा चुनाव हो ताकि एक बार फिर यह लोग खरीदफरोख्त करके अपने लोगों को नगरनिकायों में बिठा सकें। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस को चुनौती देते हैं कि आप में हिम्मत है तो डायरेक्ट चुनाव कराइए, दलीय आधार पर चुनाव कराइए।
प्रदेश में नहीं, मंत्रियों-विधायकों के हाथों में आया निवेश
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता आज त्राहि-त्राहि कर रही है। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की स्थिति अंधेरनगरी चैपट राजा जैसी हो गई है। मध्यप्रदेश में पिछले 9 महीनों में अगर निवेश कहीं आया है, तो कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों के हाथों में आया है। जनता के हाथ में तो कुछ नहीं आया है। इस सरकार ने जनहित की सारी योजनाएं बंद कर दीं। कन्यादान योजना के लिए 51 हजार रुपए देने की बात कही थी, लेकिन 51 रुपए भी नहीं मिले हैं। मुख्यमंत्री उपचार योजना बंद है, जिससे गरीब लोग बिना इलाज के मरने को तैयार हैं। प्रदेश की सरकार उनको कोई सुविधा नहीं दे रही है। बच्चों को मिलने वाले अनुदान बंद कर दिए। होस्टल सुविधा बंद कर दी। केंद्र सरकार की योजनाओं में प्रदेश सरकार को अंशदान मिलाना पड़ता है, लेकिन यह नहीं मिलाना चाहते। इसके चलते प्रदेश के लोगों को केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आप गरीब के साथ कब तक राजनीति करोगे। केंद्र सरकार उसके लिए पैसा दे रही है तो उसका लाभ मिलने दीजिए। जनता के साथ अन्याय बंद कीजिए। भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई जनहित की योजनाओं को चालू कीजिए और जो वादे किए थे उन्हें पूरा कीजिए।
झूठ का जंजाल बुन रही कांग्रेस
श्री सिंह ने कहा कि झाबुआ उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ सारी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सारे प्रदेश की जनता के हितों को दांव पर लगा रहे हैं? झाबुआ की जनता दुखी और परेशान है। कांग्रेस वहां जाकर झूठ का जंजाल बुनने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता इनको सफल नहीं होने देगी। जनता बोल रही है कि कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनवाकर बहुत बड़ी गलती हो गई। इसीलिए जनता दुखी है। उन्होंने कहा कि जनता इस सरकार से बहुत जल्दी छुटकारा चाहती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस सच्चाई को जानते हैं।
भाजपा ने 15 साल में मध्यप्रदेश को तबाह कर दिया: शोभा ओझा
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 15 साल में प्रदेश की जो स्थिति बना दी थी, उसके बाद उसे कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में हुए कार्यों के बारे में जवाब मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
श्रीमती ओझा ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि पिछले 15 साल में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़े। रोजगार की स्थिति बदतर हो गई और कुपोषण एवं गरीबी को लेकर प्रदेश चर्चाओं में रहा। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा कमलनाथ सरकार के नौ महीने के कार्यकाल में इतने काम हो गए कि कांग्रेस पार्टी उन्हें गिना नहीं पाएगी। इसके बाद भी विपक्षी दल शोर मचा रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को सरकार से जवाब मांगने का नैतिक तौर पर कोई अधिकार नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संवैधानिक तौर पर सरकार से जवाब मांग सकता है और उसके इसी अधिकार के चलते संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा से एक जिम्मेदार विपक्ष की तरह काम करने की अपेक्षा है।
इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के 100 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के पास जनता के सवालों का जवाब नहीं है। ऐसे में प्रदेश भाजपा को चाहिए कि वह अपने ही दल की केंद्र सरकार को नींद से जगाने के लिए ढोल बजाए।
मध्यप्रदेश भाजपा आज सभी जिला मुख्यालयों पर घंटानाद आंदोलन कर रही है। इसके तहत पार्टी के बड़े नेताओं की अगुवाई में कार्यकर्ता ढोल-मंजीरे और घंटा-घड़ियाल बजा कर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए सरकार से जवाब मांग रहे हैं। श्रीमती ओझा इसी संदर्भ में संवाददाताओं से चर्चा कर रहीं थीं। इसी क्रम में पार्टी के विभािन्न पदाधिकारी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अपनी सरकार की उपलब्धियां बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को प्रदेश बेहद खराब हालातों में मिला था, पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे मेहनत से आगे बढ़ाया। राज्य में 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है। इंदौर-भोपाल सिक्सलेन एक्सप्रेस प्रदेश के विकास में नया कदम होगा। सरकार किसानों से लेकर हर वर्ग की सोच रख कर आगे बढ़ रही है।
पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के साथ ही, सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, कन्या विवाह की राशि को 28 हजार से बढ़ा कर 51 हजार रुपये करना, राइट टू हेल्थ, राइट टू वाटर जैसे बुनियादी और ठोस कदम उठाकर, जनता को लाभान्वित करने की सोच के साथ ही, नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 36 जिलों की चालीस नदियों का चयन कर, 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सघन रूप से जल संरक्षण एवं संवर्धन का काम प्रारंभ किया गया है। ग्रामीण बसाहटों में 3 हजार से भी अधिक नए हैंडपंप लगा कर, पेयजल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है। कमलनाथ सरकार ने जहां पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है, वहीं उसने शिक्षकों को उनकी पसंद की वरीयता अनुसार स्थानांतरित करने के निर्णय से, प्रदेश के हजारों शिक्षकों के जीवन में खुशहाली का संचार किया है। अब तक कुपोषण से जूझते आ रहे मध्यप्रदेश में, सरकार ने कई ऐसे कदम उठाये हैं, जिनसे कुपोषण और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। अपने इसी प्रयास के अंतर्गत सरकार ‘मदर मिल्क बैंक’ शुरू करने जा रही है, ऐसे नवजात, जो चिकित्सकीय कारण से मां का दूध नहीं पी पाते, उन बच्चों को मिल्क बैंक का मिल्क दिया जा सकेगा। इससे प्री-मैच्योर बच्चों को डायरिया और बुखार से बचाने के साथ ही, शिशु मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी लाई जा सकेगी। जनता के जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे मिलावटखोरों के खिलाफ, कमलनाथ सरकार जिस तरह से कहर बन कर टूट पड़ी है, वह प्रदेश के नागरिकों के प्रति उसकी चिंता और संवेदनशीलता का जीवंत प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों की बड़ी आबादी को सीधा लाभ पहुंचाते हुए, तेंदूपत्ता बोरियों की संग्रहण दर, दो हजार से बढ़ा कर ढाई हजार रुपये करने के साथ ही, बैंक की बजाय, उन्हें सीधे नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। महिला उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज करने हेतु एकीकृत महिला हेल्पलाइन 181 स्वीकृत की गई है। ‘‘राम वन गमन पथ’’ के निर्माण और विकास के लिये भी सरकार ने बजट में बड़ी राशि स्वीकृत की है, वहीं विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर के विकास के लिये भी 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। महेश्वर में पर्यटन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास प्रारंभ कर दिये गये हैं।
श्रीमती ओझा ने आरोप लगाया कि 15 साल में राज्य में माफिया राज की जड़ें मजबूत हो गईं थीं। मुख्यमंत्री कमलनाथ अब मिलावट माफिया समेत अन्य सभी से निपट रहे हैं।
उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ढोल वो बजाता है, जिसके पास सुनाने के लिए काम नहीं होता, कांग्रेस का काम बोलता है।
घंटानाद आंदोलन के दौरान तैनात एक पुलिसकर्मी अस्वस्थ
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सूबे की कांग्रेस सरकार के खिलाफ किये गये घंटानाद आंदोलन के दौरान यहां व्यवस्था में तैनात एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) चक्कर खाकर गिर गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार घटना के बाद एसएसआई एम यू शेख को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उन्हें सीने में दर्द होने की समस्या सामने आयी है।