भोपाल, 22 जनवरी । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार रात अचानक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की और उनसे करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
हालांकि, शिवराज और ज्योतिरादित्य दोनों ने ही इसे शिष्टाचार भेंट बताया।
ज्योतिरादित्य ने अचानक चौहान से उनके निवास पर मिलने की इच्छा जताई और स्वीकृति मिलने पर वह सोमवार रात 9 बजे के आसपास उनसे मिलने पहुंच गए।
दोनों नेताओं ने बंद कमरे में करीब एक घंटे तक चर्चा की।
मुलाकात के बाद ज्योतिरादित्य एवं शिवराज दोनों ने मीडिया को बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी और बातचीत अच्छी रही।
ज्योतिरादित्य ने कहा, ‘‘हमने कई मुद्दों पर बातचीत की’’।
यह पूछे जाने पर कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उनके खिलाफ ‘माफ करो महाराज, अपने तो शिवराज’ कहकर प्रचार किया था, इस पर ज्योतिरादित्य ने कहा, ‘‘मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो आजीवन रिश्तों में कटुता लेकर चलूं। मैं रात गई, बात गई में विश्वास करता हूं। कांग्रेस सत्ता में है। हमें सबको साथ लेकर चलना है। चुनावी मैदान में कशमकश होती है, लेकिन बाद में नहीं।’’ वहीं, शिवराज ने कहा, ‘हमने मुलाकात की और चर्चा की। लेकिन कोई शिकायत या बुरी भावना नहीं।
सिंधिया ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हम दोनों के बीच कोई मनमुटाव नहीं है, कोई कड़वाहट नहीं है, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जो चुनाव के समय की कड़वाहट को लेकर पूरी जिंदगी बिताऊं। जैसा कहा जाता है कि रात गई बात गई। इसलिए आगे की सोचना होगा।’’
सिंधिया ने आगे कहा, ‘‘मध्य प्रदेश का भविष्य संवारना है, उज्जवल करना है, इसलिए हमें सबको साथ लेकर चलना है, खासकर कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है क्योंकि यह सत्ता में है। चुनाव मैदान में कशमकश होती है, मगर चुनाव के बाद सबको मिलकर साथ काम करना चाहिए।’’
सिंधिया ने चौहान के साथ हुई बातचीत को अच्छा बताते हुए कहा कि वे हमारे राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं उनसे मिलने आया था, बहुत सारी बातें हुई।
सिंधिया से सवाल किया गया कि क्या विपक्ष का कांग्रेस को साथ मिलेगा तो उन्होंने कहा कि, विपक्ष को सदैव अच्छी चीजों का साथ देना चाहिए और कमियों को उजागर करना चाहिए। देश के प्रजातंत्र में विपक्ष की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी सत्ता पक्ष की होती है। केंद्र में कंाग्रेस का महत्वूपर्ण योगदान है, अपेक्षा है कि इसी तरह का राज्य में भाजपा का रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने भी इस मुलाकात को सौजन्य मुलाकात करार दिया है। इससे पहले चौहान का मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर जाना और सिंधिया व कमलनाथ द्वारा चौहान का गर्मजोशी से स्वागत खासा चर्चाओं में रहा था। अब यह मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा में है।
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