मध्यप्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में नहीं बना समन्वय और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा कमलनाध के बीच हो गया घमासान attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 फरवरी । मध्य प्रदेश में सरकार और कांग्रेस संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए गठित समन्वय समिति की बैठक शनिवार को यहां हुई।

माना जा रहा है कि इस बैठक में कमलनाथ सरकार को किसान कर्जमाफी को लेकर चेतावनी देने से जुड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक बयान सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

इस बैठक में मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।

सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी वाले सिंधिया के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाददाताओं से दो टूक कहा, ‘तो उतर जाएं।’

खबरों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों इस बात पर नाराजगी जताई थी कि सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को निभाया नहीं है। इसी संदर्भ उन्होंने चेतावनी दी थी कि वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।

सोनिया तक पहुंची कमलनाथ-सिंधिया की लड़ाई

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सिंधिया की तरफ से राज्य सरकार पर किए गए हमले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया है कि सरकार घोषणापत्र के वादों को पूरा करने के लिए कितनी सक्षम है।

मुख्यमंत्री ने बताया था कि उनकी पंचायत चुनाव और नगर पालिका चुनाव की तैयारियों और संगठन के मुद्दों को लेकर बातचीत हुई।

वहीं सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं।

सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने पर नहीं हिचकिचाउंगा: सिंधिया

उधर मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था कि यदि सरकार पार्टी के घोषणापत्र को लागू नहीं करती है तो वह अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने पर नहीं हिचकिचाएंगे।

उन्होंने कहा था, अतिथि शिक्षकों से मैं कहना चाहता हूं कि मैंने आपकी मांग चुनाव से पहले भी सुनी थी। मैंने आपकी आवाज उठाई और आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी जो मांग सरकार के जिस घोषणापत्र में अंकित है वो हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’

पूर्व कांग्रेस सांसद ने अतिथि शिक्षकों को संयम रखने की सलाह दी थी। उन्हेोंने कहा था, यदि घोषणापत्र की एक-एक चीज पूरी नहीं हुई तो आप सड़क पर खुद को अकेले मत समझिएगा। सड़क पर आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। अभी सरकार बनी है, एक साल हुआ है।

बैठक बीच में छोड़कर निकले सिंधिया –

समन्वय समिति की बैठक में भी पार्टी के बड़े नेताओं के बीच खींचतान साफ देखने को मिली। बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक बीच में छोड़कर ही बाहर निकल गए।

बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से जब मीडिया ने सिंधिया की नाराजगी के बारे में पूछा तो पूरे मामले पर सफाई देते नजर आए। बावरिया सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान से भी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।

समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस सरकार के एक साल के कामकाज पर भी चर्चा हुई।