उज्जैन 15 दिसम्बर । केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित बनाए गए तीनों कानून किसानों को सशक्त, आत्मनिर्भर एवं सक्षम बनायेंगे।
यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज उज्जैन में किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही।
इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इंदरसिंह परमार, पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीपसिंह डंग, श्री विष्णुदत्त शर्मा, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, श्री सुधीर गुप्ता एवं श्री गुमानसिंह डामोर, विधायक श्री पारस जैन, श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, श्री आशीष शर्मा, श्री बहादुरसिंह चौहान, डॉ. राजेन्द्र पाण्डे, श्री अनिरुद्ध माधव मारु, श्री दिलीपसिंह परिहार, श्री विवेक जोशी, श्री अम्बाराम कराड़ा, श्री पूर्व सांसद प्रो.चिन्तामणी मालवीय, पूर्व विधायक श्री दिलीपसिंह शेखावत, श्री बहादुरसिंह बोरमुण्डला, इकलाब सिंह गांधी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण एवं किसान भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में नए कानूनों से किसान सशक्त बनेंगे। अब किसान अपनी उपज को कहीं पर भी अपने मन माफिक दाम पर बेच सकता है। कानून लागू होने के पूर्व किसान अपनी उपज को मण्डी में ही बेंच सकता था, जहां वह सही दाम नहीं मिलने पर औने-पौने में ही फसलों को बेच देता था। किन्तु अब नया कानून बनने से किसान अपनी उपज को कहीं पर भी अपनी इच्छानुरुप बेच सकता है। सरकारी मण्डी के साथ-साथ अब प्रायव्हेट मण्डी भी खोली जाएगी जिसमें किसान अपनी उपज को मनमाफिक दाम मिलने पर बेच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी मण्डी बन्द नहीं होगी। सरकारी मण्डियों को विकसित कर उसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी तरह उन्होंने नए कृषि कानून के संबंध में बताया कि किसानों को बोवनी के समय ही कांट्रेक्ट फार्मिंग से अपनी उपज बेचने की आजादी होगी। साथ ही नए कानून के तहत अब कृषि उपज के भंडारण पर कोई स्टॉक लिमिट नहीं रहेगी। ये सभी कानून किसानों की उन्नति के लिए हैं। प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार किसानों की हितैषी है।
इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित सभी किसान बंधुओं से पूछा की नए कानून से वे सहमत है कि नहीं, सभी किसान बंधुओं ने एक साथ दोनों हाथ ऊंचे करके “सहमत है” के उद्घोष के साथ अपनी सहमति व्यक्त की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व की सरकार ने किसानों के सिर पर ब्याज की गठरी रख दी थी, जिसका बोझ अब सरकार उतार रही है। इसी तरह पिछली सरकार ने किसानों के फसल बीमा प्रीमियम की राशि भी जमा नहीं कराई थी, जिससे किसानों को समय पर फसल बीमे का लाभ नहीं मिल पाया था। हमारी सरकार ने कोरोना के संकट काल में विषम परिस्थितियां होने के बावजूद फसल बीमा प्रीमियम की राशि जमा कराकर किसानों को फसल बीमे का लाभ दिलाया है। आने वाली 18 तारीख को किसानों के खाते में 16 सौ करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से जमा कराई जाएगी। इसी तरह मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये की राशि भी जमा कराई जाएगी।
किसान आन्दोलन के संबंध में उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमा पर ऐसे संगठन एवं लोग नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, जिनका किसानी या किसानों से कोई संबंध नहीं है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी किसानों के कल्याण एवं विकास के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने सभी किसान बंधुओं से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने गांव में जाकर किसान हितैषी नए कानून की जानकारी ग्रामीणों को दें।
केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की सरकार देशहित में अनेक कार्य कर रही है। इसके पहले की सरकारों ने 55 वर्ष तक कृषि के क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया। इस क्षेत्र में पूँजी निवेश की आवश्यकता थी, किन्तु तत्कालीन सरकारों ने केवल औद्योगिक विकास पर ज्यादा जोर दिया, इस कारण कृषि क्षेत्र में किसानों की अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी। पूर्व प्रधान मंत्री स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों के विकास की दृष्टि से पूँजी निवेश बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना लाई थी। इससे किसानों को कृषि के लिए धन प्राप्त होने लगा। प्रदेश की सरकार बैंकों के ब्याज दर में निरन्तर कमी लागू हुए अब शून्य प्रतिशत पर किसानों को कर्ज दे रही है। इसी तरह कृषि फसल बीमा योजना भी पूर्व प्रधान मंत्री श्री वाजपेयी की सरकार ने लागू की थी। उस समय बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए तहसील को इकाई माना जाता था, किन्तु अब इसमें भी परिवर्तन कर खेत को इकाई बनाया गया है, अर्थात अब जिस किसान के खेत में फसल क्षति होगी, उसे बीमा लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून किसानों के हित में है। यदि इसके बाद भी आन्दोलनरत किसान भाई कोई सुझाव देते हैं तो उस पर विचार किया जाएगा। कृषि कानून समाप्त नहीं किया जाएगा। इस कानून से आने वाले समय में किसानों को लाभ होगा। उन्होंने देश हित में आन्दोलनरत किसान भाईयों ने अपील की है कि उन्हें अपना आन्दोलन समाप्त करना चाहिए। सरकार किसानों का सम्मान करती है और कानून में संशोधन के लिए भी तैयार है।
इस अवसर पर श्री विष्णुदत्त शर्मा ने भी सम्बोधित करते हुए नए कृषि कानून को किसानों का हितैषी बताया। इसके पूर्व सांसद श्री जी.एस.डामोर, श्री सुधीर गुप्ता, श्री अनिल फिरोजिया, राज्य सरकार के मंत्री श्री हरदीपसिंह डंग, डॉ. मोहन यादव, पूर्व सांसद डॉ.चिन्तामणी मालवीय, विधायक श्री यशपालसिंह सिसोदिया, श्री अनिरुद्ध माधव मारु, श्री दिलीप सिंह परिहार सहित अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया।