भोपाल, 25 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज अपने मंत्रिमंडल का गठन करते हुए 28 विधायकों को मंत्री बनाया, जिनमें छह पूर्व मंत्री शामिल हैं। बाइस विधायक पहली बार मंत्री पद का दायित्व संभालेंगे और इनमें से अधिकांश युवा हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यहां राजभवन में आयोजित गरिमामय समारोह में 28 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। सभी कैबिनेट मंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य नेता भी मौजूद रहे।
दो सौ तीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में निर्धारित मापदंड के अनुरूप मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत 29 मंत्री हैं। इस लिहाज से अभी मंत्रिमंडल में छह स्थान रिक्त हैं।
मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में डॉ विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ गोविंद सिंह, बाला बच्चन और आरिफ अकील दिग्विजय सिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इन छह वरिष्ठ नेताओं के अलावा बृजेंद्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, श्रीमती इमरती देवी, ओंकार सिंह मरकाम, प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, उमंग सिंगार, सुखदेव पांसे, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, पी सी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल और तरूण भनोत को मंत्री पद से नवाजा गया है।
मंत्रिमंडल में दो महिला सदस्य डॉ विजयलक्ष्मी साधौ और सुश्री इमरती देवी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह और पूर्व उप मुख्यमंत्री दिवंगत सुभाष यादव के पुत्र सचिन यादव भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने में सफल रहे।
श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को शपथ ली थी और वे तत्काल ही प्रशासनिक कार्याें के साथ ही अपनी टीम बनाने के कार्य में जुट गए थे। इस बीच माना जा रहा है कि मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा दो तीन दिन के अंदर हो जाएगा।
मध्य प्रदेश में मंगलवार को हुए में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का खेमा अपने विधायकों को मंत्री बनाने में कामयाब रहा है जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से कम मंत्री बने हैं।
कुल 28 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली है और ऐसा माना जा रहा है कि 28 में से कमलाथ और दिग्विजय खेमें के 8-8 मंत्री हैं जबकि सिंधिया गुट से 7 मंत्री हैं। बाकी 5 लोग किसी गुट से नहीं हैं और उन्हें राहुल गांधी के कहने मंत्री बनाया गया है। मंत्रीमंडल विस्तार में दिग्विजय सिंह अपने पुत्र जयवर्धन को मंत्री बनवाने में कामयाब हो गए हैं।
जिन 4 निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने में कांग्रेस को समर्थन दिया है उनमें से 2 को मंत्री बनाया गया है। निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा जो बुरहानपुर से विधायक बनकर आए हैं उन्हें मंत्री बनाया गया है, इसके अलावा निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है, सुरेंद्र सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदीप जायसवाल को कमलनाथ का करीबी समझा जाता है।
मंत्रीमंडल विस्तार में आगामी लोकसभा चुनाव और जातियों के समीकरण को भी ध्यान में रखा गया है, सबसे अधिक 8 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, 5 मंत्री अनुसूचित जाती और 3 मंत्री अनुसूचित जनजाति से बनाए गए हैं ।
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