भोपाल, 13 मार्च । मध्यप्रदेश में सियासी घटनाक्रमों के लगातार जारी रहने के बीच आज राज्यपाल लालजी टंडन से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात कर एक पत्र सौंपा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधायकों की ‘हॉर्सट्रेडिंग’ का आरोप लगाया।
तीन पेज का यह पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही श्री कमलनाथ ने उन्हें राजनैतिक हालातों से अवगत कराया।
इस बीच बंगलूर में रुके हुए लगभग 20 कांग्रेस विधायकों के दोपहर तक वापस भोपाल पहुंचने की उम्मीद थी। ये सभी वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य समर्थक बताए गए हैं और इन्होंने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति के साथ ही राज्यपाल को भी भेज दिए हैं।
पहले यह माना जा रहा था कि इन विधायकों को राज्यपाल और अध्यक्ष से मिलवाया जा सकता है। इन विधायकों के भोपाल आने की सूचना पर एयरपोर्ट और अन्य संबंधित स्थानों पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी ।
श्री कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपे पत्र में तीन और चार मार्च की रात्रि से शुरू हुए घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्याैरा दिया और उनसे अनुरोध किया कि वे बंगलूर में ‘बंधक’ बनाए गए 19 कांग्रेस विधायकों को वापस बुलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य में संवैधानिक व्यवस्था और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए अपनी कोई भी कोशिश नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इस संपूर्ण मामले की जांच करायी जाना चाहिए, जिससे राज्य में संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था को पटरी से उतारने का प्रयास करने वाले लोगों की पहचान हो सके और उन्हें दंडित भी किया जा सके।
श्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार विधानसभा में ‘फ्लोर टेस्ट’ कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र 16 मार्च से प्रारंभ हो रहा है और अध्यक्ष की ओर से तय तिथि पर वे फ्लोर टेस्ट कराने को तैयार हैं।
पहले विधायकों को छुड़ाकर वापस लाया जाए – कमलनाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि सबसे पहले बंगलूर में ‘बंधक’ कांग्रेस विधायकों को वापस भोपाल बुलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
श्री कमलनाथ ने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। श्री कमलनाथ ने कहा कि सबसे पहले तो उन्होंने राज्यपाल को होली की बधाई दी। इसके बाद उनसे बंधक विधायकों काे वापस बुलाने का अनुरोध किया गया। यह पूरे देश ने देखा है कि किस तरह कांग्रेस विधायकों को कैद में रखा गया।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत है कि 22 विधायकों को बंधक बना लिया जाए और फिर फ्लोर टेस्ट की मांग की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण और अन्य अवसरों पर फ्लोर टेस्ट हो ही जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस तो राजनीति में भी है।
इसके अलावा राज्य में इतने सारे सियासी घटनाक्रमों के बीच श्री कमलनाथ ने एक न्यूज माध्यम से चर्चा में कहा कि यह पूरी की पूरी भाजपा की साजिश है। उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि राज्य सरकार पूरी तरह मजबूत है और उसे कोई खतरा नहीं है।
प्रशांत