पटना 15 जून। लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच बिहार के जमुई से पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने अपने चाचा एवं हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस पर आज आरोप लगाया कि उनके पिता रामविलास पासवान जब आईसीयू में भर्ती थे तब भी वह (पारस) साजिश रच रहे थे।
श्री पासवान ने मंगलवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि उन्होंने पार्टी को अपने परिवार के साथ रखने की कोशिश की लेकिन असफल रहे ।
उन्होंने इसके साथ ही चाचा पारस को 29 मार्च 2021 को लिखे गए पत्र को भी सार्वजनिक किया है । पत्र के अनुसार उनके पिता रामविलास पासवान जब आईसीयू में भर्ती थे तभी श्री पारस साजिश रच रहे थे। श्री पासवान के निधन के बाद श्राद्ध के लिए भी उनकी मां रीना पासवान को 25 लाख रुपए देने पड़े थे और श्री पारस ने अपने पास से एक चवन्नी तक नहीं निकाली।
सांसद श्री पासवान ने होली के दिन यह पत्र लिखा था। पत्र की शुरुआत में उन्होंने लिखा है कि यह पहली होली है जब पापा (रामविलास पासवान) ही नहीं बल्कि परिवार भी साथ नहीं है।
उन्होंने लिखा कि पत्र लिखने के बजाय वह अपने चाचा (पारस) से मिलकर बात करना चाहते थे लेकिन उन्होंने बात करने तक से इंकार कर दिया। पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक और सूरज भान सिंह ने भी बीच बचाव करने की कोशिश की लेकिन चाचा नहीं माने। लिहाजा मजबूरी में पत्र लिखना पड़ा।
श्री पासवान ने लिखा है कि उनके छोटे चाचा रामचंद्र पासवान के निधन के बाद से ही श्री पारस बदल गए। छोटे चाचा के निधन के बाद जब उनके पुत्र प्रिंस राज को सांसद बनाकर पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तब श्री पारस ने जमकर विरोध किया। श्री राज को औपचारिक बधाई तक नहीं दी। जिस दिन पार्टी की कमान उन्हें सौंपी गई उसके बाद श्री पारस उनके घर पर आना जाना कम कर दिया।