बैंगलुरू 30 मई। कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने के बाद जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने 24 घंटे के अंदर किसानों का लोन माफ करने का ऐलान किया था. लेकिन, अभी तक सीएम का ये फैसला धरातल पर नहीं आ पाया है. इस मसले को लेकर कुमारस्वामी ने बुधवार को बेंगलुरु में किसानों के साथ बैठक की.
इस दौरान कुमारस्वामी कर्ज माफी का इंतजार कर रहे किसानों पर भड़कते भी नज़र आए. किसानों की जल्दबाजी पर कर्नाटक के नए सीएम ने पूछा- ‘आखिर आपलोगों को लोन माफ कराने की इतनी जल्दी क्यों है? क्या बाइक खरीदने या शादी के लिए लोन लिया था?’
बैठक में कुमारस्वामी किसानों को यह समझाते भी दिखे कि आखिर लोन माफी पर फैसला लेने में सरकार को देरी क्यों हो रही है.
कुमारस्वामी ने किसानों से कहा, “मैं कांग्रेस के समर्थन से सीएम बना हूं. मेरी कुछ सीमाएं हैं. कोई भी फैसला लेने से पहले मुझे कांग्रेस से सलाह-मशवरा करना होगा.” कुमारस्वामी ने 15 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने का भरोसा दिया है.
डिप्टी सीएम जी परमेश्वर की मौजूदगी में किसानों को संबोधित कर रहे कुमारस्वामी ने कहा, “मेरी सरकार की प्राथमिकता किसानों को बचाना है. मैं किसानों की कर्ज माफी की अपनी प्रतिबद्धता को जरूर पूरा करूंगा. हम अपने वादे से पीछे हटने वाले नहीं हैं.”
करीब तीन घंटे तक किसानों की बात सुनने के बाद कुमारस्वामी ने कहा,‘‘15 दिन में हम लोग एक फैसले पर पहुंच जाएंगे. इन 15 दिन में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा…चाहे जो भी मुश्किल आए, हमारी सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और आपको (किसानों को) बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
कुमारस्वामी ने कहा कि वह और डिप्टी सीएम जी परमेश्वर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भी किसानों की कर्ज माफी के लिए प्रतिबद्ध हैं.
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ मैं इसकी (कर्ज की रकम की) गिनती कर रहा हूं. चाहे वह हजारों करोड़ रुपये की रकम क्यों नहीं हो…आपको बचाना ही हमारी सरकार की जिम्मेदारी है.’’
बता दें कि इससे पहले एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर 7 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ, तो वो सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
राहुल गांधी के आशीर्वाद से CM बना हूं, उनसे पूछकर कर्ज माफी का फैसला लूंगा: कुमारस्वामी
कुमारस्वामी ने एक बार फिर साफ किया है कि उनकी सरकार लोगों के आशीर्वाद से नहीं बल्कि कांग्रेस के आशीर्वाद से बनी है.
उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस द्वारा प्रस्ताव अनुमोदन के बाद ही इस संबंध में कोई फैसला कर पाएंगे.
उधर, किसान समुदाय के लिए चुनाव पूर्व आश्वासन को पूरा करने में कथित देरी को लेकर कुमारस्वामी पर बीजेपी हमलावर है. इसलिए किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए उन्होंने किसान समूह के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की.
कांग्रेस के आशीर्वाद से मिली सत्ता’ मिलता-जुलता बयान कुमारस्वामी ने पहले भी हाल ही में दिया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान पर सफाई दी कि उनका आशय किसी का दिल दुखाना बल्कि वास्तविक स्थिति से अवगत कराना था क्योंकि वे गठबंधन सरकार चला रहे हैं.
महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्ज माफी के मसले पर कांग्रेस के नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं. कांग्रेस की ओर से इस मसले पर उत्साह न दिखाई देने के बाद कुमारस्वामी अब उसे मनाने की कवायद में लगे हुए हैं.
कुमारस्वामी ने कहा कि वह और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी भी किसानों की कर्ज माफी के लिए प्रतिबद्ध हैं. वहां मौजूद लोगों से उन्होंने कहा, “मैं इसकी (कर्ज की रकम की) गणना कर रहा हूं. चाहे वह हजारों करोड़ रुपये की रकम क्यों नहीं हो, आपको बचाना ही हमारी सरकार की जिम्मेदारी है.’’
बैठक में परमेश्वर, विधानसभा में विपक्ष के उपनेता गोविंद काराजोला (बीजेपी) और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि वह दो-तीन दिन में राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएंगे और उनकी ओर से किसानों को दिए जाने वाले कर्ज के बारे में सूचना मांगेंगे.
कर्ज माफी पर बार-बार बदल रहे बयान
कुमारस्वामी ने सीएम पद की शपथ लेते ही घोषणा की थी कि वे कर्ज माफी करेंगे. आज किसाननों के साथ बैठक में 15 दिन के अंदर किसानों की कर्ज माफी की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का वादा किया और इस बात पर जोर दिया कि अब वह ‘पीछे हटने वाले नहीं’ हैं. लेकिन अब अपने ताजा बयान में उन्होंने जिस तरह से अपनी सीमाओं का जिक्र किया है उससे तो ऐसा ही लगता है कि ये मामला उतना आसान नहीं है जितना कुमारस्वामी समझ रहे थे।attacknews.in