खरगोन, 28 जून ।मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भीकन गांव के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश बाहेती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में परिजनों द्वारा प्रताड़ना के आरोपों के बीच पुलिस को सुसाइड नोट मिला है।
भीकनगांव थाने के नगर निरीक्षक जगदीश गोयल ने बताया कि कल शाम से राजेश बाहेती द्वारा विभिन्न लोगों के फोन नहीं उठाए जाने की सूचना पुलिस को प्राप्त होने पर देर रात्रि उनके घर में दीवाल फांद कर प्रवेश किया गया था जहां वह बाथरूम के पास के कमरे में फांसी पर लटके पाए गए।
उन्होंने बताया कि एक डायरी में एक पन्ने का सुसाइड नोट पाया गया है, जिस में उल्लेखित तथ्यों की जांच की जा रही है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राजेश बाहेती ने बीती रात अपने सरकारी निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पंचनामा की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भीकनगांव अस्पताल भेजा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
भीकनगांव थाना पुलिस के अनुसार, जनपद सीईओ 56 वर्षीय राजेश बाहेती नगर में अपने शासकीय आवास पर अकेले ही रहते थे और उनका परिवार इंदौर में रहता था।
नगर निरीक्षक जगदीश गोयल ने बताया कि उन्होंने अपने शासकीय निवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार रात 11 बजे के आसपास सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा मामले की जांच शुरू की।
खरगौन एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि रविवार शाम को इंदौर निवासी परिजन सीईओ राजेश बाहेती को फोन लगा रहे थे। जब देर रात तक मोबाइल नहीं उठाया गया तो उन्होंने कर्मचारियों को मोबाइल लगाकर इसकी जानकारी दी। जब कर्मचारियों ने सरकारी आवास पर जाकर देखा तो सीईओ बाहेती फांसी के फंदे पर लटके मिले। कर्मचारियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। सोमवार सुबह खरगोन के फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच की।
बता दें कि राजेश बाहेती ने कुछ माह पहले ही भीकनगांव में सीईओ का पदभार संभाला था। इसके पूर्व वह जिले के बड़वाह के भी सीईओ रह चुके है। बताया गया है कि सीइओ बाहेती का व्यवहार सहज और सरल था। उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है।