चिकबलपुर (कर्नाटक), 23 फरवरी । पत्थर की एक खदान में जिलेटिन की छड़ों को हटाते समय मंगलवार तड़के हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के गृह निवास शिवमोगा में 22 जनवरी को भी एक ऐसे ही हादसे में छह लोगों की ही मौत हो गई थी।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री एवं चिकबलपुर से विधायक के. सुधाकर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि शव बेहद बुरी हालत में थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कर्नाटक के चिकबलपुर में लोगों के हताहत होने की खबर से दुखी हूं। मैं मृतकों के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं और अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
पुलिस के अनुसार, घटना पेरसेंड्रा के पास हिरणागवल्ली में हुई।
स्थानीय लोगों द्वारा जिलेटिन की छड़ों के अधिक इस्तेमाल की शिकायत किए जाने के बाद पुलिस ने सात फरवरी को यहां उत्खनन रोक दिया था, लेकिन यहां अवैध रूप से काम जारी था। कुछ दिन पहले यहां छापा भी मारा गया था और ठेकेदार को जिलेटिन का इस्तेमाल ना करने को लेकर चेतावनी दी गई थी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह यह हादसा उस समय हुआ, जब ये लोग जिलेटिन की छड़ें हटाने की कोशिश कर रहे थे।
घटना में घायल हुए एक वाहन के चालक ने पुलिस से कहा, ‘‘ उन्होंने (मारे गए लोगों ने) एक थैला पकड़ रखा था और उन्होंने मुझसे उन्हें वाहन से जंगल तक ले जाने को कहा था। वे एक सुनसान जगह पर गए और फिर अचानक एक विस्फोट हुआ।’’
चालक के पैरों और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं।
पुलिस ने बताया कि खनन अधिकारी जब खदान से एक वैन के जरिये जिलेटिन के परिवहन की कोशिश कर रहे थे, तभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण इनमें विस्फोट हो गया। विस्फोट में पांच लोगाें की मौत हो गयी लेकिन वैन का ड्राइवर बच गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। धमाका इतना जबरदस्त था कि शव घटनास्थल से 1000 मीटर दूर तक बिखरे हुए पाये गये।
मृतकों की पहचान इंजीनियर उमाकांत, कंप्यूटर ऑपरेटर गंगाधर, चौकीदार महेश, एकाउंटेंट रामू और एक अन्य व्यक्ति के रूप में की गयी ।
घायल को चिकबल्लापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पेरेसांद्रा पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
खदान का स्वामित्व गुडुबांडे के भारतीय जनता पार्टी के नेता नागराज रेड्डी, आंध्र प्रदेश के राघवेंद्र रेड्डी और शिवा रेड्डी के पास है।
गौरतलब है कि करीब एक माह पहले शिमोगा जिले में हुए इसी तरह के विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गयी थी।
कर्नाटक के खनन और भूविज्ञान मंत्री मुरुगेश आर निरानी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि सरकार अवैध खनन गतिविधियों, परिवहन और खनन के लिए उपयोग किए जाने वाले विस्फोटकों के भंडारण के खिलाफ कड़े कदम उठा रही हैं।
निरानी ने कहा, ‘‘ शिवमोगा में हुए हादसे के जख्म अभी भरे ही नहीं थे कि चिकबलपुर में यह दुर्भाग्यपूर्ण विस्फोट हो गया।’’
उन्होंने कहा कि जहां खनन किया जाता है, उन इलाकों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी।
निरानी ने कहा कि मृतकों के परिवार और घायलों को सरकार सभी आवश्यक मदद मुहैया कराएगी।
उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नेता इस अवैध गतिविधि में उसी तरह शामिल हैं, जिस तरह वे शिवमोगा में शामिल थे।
पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘ शिवमोगा विस्फोट के बाद नींद से उठने की बजाए, अवैध उत्खनन तथा विस्फोटकों के इस्तेमाल को खत्म करने के बजाए सरकार ऐसी गतिविधियों के समर्थन में खड़ी है, जिसके कारण जिलेटिन की वजह से एक और विस्फोट हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ शिवमोगा की तरह, यहां भी भाजपा शामिल थी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर सीधी तौर पर इसके लिए जिम्मेदार हैं ।