बेंगलुरु, 15 जनवरी । कर्नाटक की सात माह पुरानी जनता दल (सेकुलर)- कांग्रेस गठबंधन सरकार को मंगलवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कर्नाटक सरकार को गिराने के जोरदार प्रयास किये जाने की खबरें मीडिया में आ रही हैं।
श्री एच नगेश( मौबिगालियू सीट) और श्री एस. शंकर (रानेबेन्नुर सीट) ने कर्नाटक के राज्यपाल वाजूभाई वाला को पत्र लिखकर कहा है कि वे एच. डी. कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेते हैं। उन्होंने समर्थन वापस लेने का कोई कारण नहीं बताया है।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने दोनों निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने पर आश्चर्य व्यक्त किया लेकिन कहा कि 225 सदस्यीय विधानसभा में जद (एस)- कांग्रेस को मिलाकर 118 विधायकों का समर्थन सरकार को हासिल है जिससे सरकार को खतरा नहीं है और यह अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।
श्री शंकर ने हालांकि अपने पत्र में लिखा है कि वह गठबंधन सरकार को दिया जा रहा समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेते हैं और इस बारे में उचित कार्रवाई करने की अपील करते हैं। इसी तरह का पत्र दूसरे निर्दलीय विधायक श्री नगेश ने भी लिखा है। एक नामित सदस्य सहित कर्नाटक विधानसभा में 225 सदस्य हैं, दो निर्दलीय विधायकों के गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने से अब राज्य सरकार को 118 विधायकों का ही समर्थन हासिल है। इनमें नामित सदस्य भी शामिल है।
निर्दलीय विधायक आर. शंकर को कांग्रेस विधायक दल का संबद्ध सदस्य बनने से इन्कार करने के बाद मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। वह इन दिनों मुम्बई में हैं। श्री नगेश को राज्य के एक निगम का अध्यक्ष नामित किया गया था।
कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष सहित कांग्रेस के 80 विधायक हैं। जद (एस) के 37 विधायक , बहुजन समाज पार्टी का एक है और दो निर्दलीय विधायक हैं। विपक्षी दल भाजपा के 104 विधायक हैं।
कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “ मैं दो निर्दलीय विधायकों के फैसले से अवगत नहीं हूं लेकिन गठबंधन सरकार सुरक्षित है।”
कुमारस्वामी ने कहा: सरकार को कोई खतरा नहीं है:-
कर्नाटक में जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी को हल्के में लेते हुए कहा कि उनकी सरकार को काेई खतरा नहीं है।”
निर्दलीय विधायकों की ओर से सरकार से समर्थन वापस लेने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री कुमारस्वामी ने कहा, “विधानसभा में बहुमत विधायकों का समर्थन मुझे हासिल है।” उन्होंने कहा,“ निर्दलीय विधायकों का समर्थन वापसी सरकार की स्थिरता से जुड़ा मामला नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को राज्य की सत्ता से दूर रखने के लिए जद (एस) ने कांग्रेस के मजबूत समर्थन से सरकार बनाई है।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा कि गठबंधन सरकार कभी भी निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बल पर नहीं टिकी थी। सरकार को गिराने का भारतीय जनता पार्टी का प्रयास कभी सफल नहीं होगा।
दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने पार्टी नेताओं तथा मंत्रियों के साथ कई बैठकें कीं। राज्य में गठबंधन सरकार को गिराने के भाजपा नेताओं के आक्रामक रूख को देखते हुए श्री वेणुगोपाल कल देर रात बेंगलुरु पहुंचे तथा वन मंत्री सतीश जर्कीहोली, उद्योग मंत्री के जे जॉर्ज तथा अन्य नेताओं को बुलाकर इस विकट स्थिति से उबरने के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक श्री वेणुगोपाल पार्टी के प्रत्येक विधायक से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं विशेषकर उन विधायकों से जो भाजपा के भी संपर्क में हैं।
कांग्रेस ने कहा: सरकार स्थिर है:
कांग्रेस ने आज दावा किया कि कर्नाटक में सरकार पूरी तरह से स्थिर है और अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कर्नाटक में सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप जनता की सेवा कर रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायकों को दिल्ली में रखा हुआ है। दक्षिण के विधायकों को दिल्ली की सर्दी का अहसास कराया जा रहा है। इससे कर्नाटक सरकार कैसे अस्थिर हो सकती है। डर उनको लगता है जिन्होंने अपने विधायकों को बंद करके रखा है।” कर्नाटक में जनता दल (सेकुलर)- कांग्रेस गठबंधन सरकार है।
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