नई दिल्ली 18 मई। कर्नाटक की राजनीति में शनिवार का दिन अहम रहने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा सरकार को शनिवार को बहुमत सिद्ध करना है। लेकिन उससे ठीक पहले प्रो-टेम स्पीकर को लेकर विवाद शुरू हो चुका है।
कर्नाटक के राज्यपाल ने के जी बोपैय्या को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि नियमों के मुताबिक सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है और आर वी देशपांडे सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं।
के जी बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मुन सिंघवी ने कहा कि बीजेपी ने ठीक नहीं किया है। संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए उन्होंने सरकार बनाई और अब प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। सिंघवी ने कहा कि बीजेपी किसी तरह सत्ता में बने रहना चाहती है। लेकिन अंतिम नतीजे क्या आने वाले हैं सबको पता है।
इसके बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बोपैय्या जी को 2008 में भी प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। उस समय वो आज की उम्र से 10 वर्ष छोटे थे। कांग्रेस अनावश्यक इस मुद्दे पर बखेड़ा पैदा कर रही है। बोपैय्या जी का चयन नियमों के मुताबिक हुआ है।
इन सबके बीच प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में आज रात ही जाने का फैसला किया है। कांग्रेस इस संबंध में फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आठ बार निर्वाचित विधायक को नजरंदाज कर दिया गया। लेकिन 2-3 बार निर्वाचित विधायक को मौका दिया गया है।
इस बीच येदियुरप्पा 75 ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर ‘‘100 प्रतिशत’’ आश्वस्त हैं। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे … बहुमत साबित करने के लिए हमारे पास 100 प्रतिशत सहयोग एवं समर्थन है।’’
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘इन सब राजनीतिक खेलों के बीच, हम कल बहुमत साबित करेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।’’ येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए। येदियुरप्पा ने कहा कि कल बीजेपी कर्नाटक में जश्न मनाएगी।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा सबके सामने आ चुका है। कर्नाटक में मिली हार को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी नेताओं का सिर्फ एक मकसद है कि किसी भी तरह से बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना है। चुनावों के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के नेता पानी पीकर एक दूसरे को गाली देते थे। लेकिन अब गलबहियां कर रहे हैं.
शुक्रवार को कर्नाटक की सियासी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई। येदियुरप्पा सरकार ने कहा कि 15 दिनों के अंदर वो सदन में विश्वासमत हासिल कर लेंगे। लेकिन बीजेपी की दलील को अदालत ने मानने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसा बरकरार रहे लिहाजा ये जरूरी है कि विश्वासमत हासिल करने के लिए उतना लंबा समय नहीं दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही सेक्रेट बैलेट के जरिए मतदान कराने की अर्जी को नामंजूर कर दी।attacknews.in