मुंबई, नौ दिसम्बर । भारत धीरे-धीरे ‘‘गृह युद्ध’’ की तरफ बढ़ रहा है क्योंकि दंगे सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गए हैं बल्कि ये लोगों के घरों तक पहुंच गए हैं। यह बात आज यहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार ने कही।
उन्होंने दुख जताया कि हिंसा ‘‘सामान्य बात’’ हो गई है जबकि भोजन, कपड़ा और आवास जैसे मूल सवाल और किसान, शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे गुम हो गए हैं और इन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत धीरे-धीरे गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है जबकि हम इसे स्पष्ट रूप से नहीं देख पा रहे हैं। दंगे अब बड़े शहरों की बात नहीं रह गए। दंगे अब लोगों के घरों तक पहुंच गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रात्रि भोजन के टेबल दो हिस्से में बंट गए हैं। अगर कोई पिता धर्मनिरपेक्षता का पक्ष लेता है, तो बेटा उसे पाकिस्तान समर्थक बताता है।’’
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि घरों और गांवों में रेखाएं खींच दी गई हैं और मुस्लिम बहुल इलाकों को ‘‘मिनी पाकिस्तान’’ बताया जाने लगा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सांप्रदायिकता इस कदर जहर बन गयी है कि आरएसएस गांवों को बांटने में सफल हो गया है। दंगे के लिए बाहर से लोगों की जरूरत नहीं है, स्थानीय लोग ही काम कर रहे हैं। जो लोग एक साथ क्रिकेट खेलते हैं, एक ही स्कूल में पढ़े हैं वे कह रहे हैं कि उनके दोस्त पाकिस्तानी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर जीडीपी बढ़ेगी लेकिन आंकड़े गिनते समय कृषि, कपड़ा और निर्माण को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा तो यह बड़ी समस्या हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसान आत्महत्या कर रहे हैं — 12 हजार किसानों ने एक वर्ष के अंदर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली और उन्हें इंश्योरेंस देने वाली कंपनी दस हजार करोड़ रुपये का लाभ कमाती है तो यह समस्या है।’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार भाषणों और दुष्प्रचार पर चल रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने काला धन और नकली नोटों से निपटने के लिए नोटबंदी की। बहरहाल, एक महीने के अंदर दस लाख रुपये के नकली नोट पाए गए।attacknews.in