भोपाल, 09 मार्च ।मध्यप्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच 28 में से लगभग 20 मंत्रियों ने आज देर रात अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दिए।इन 8 मंत्रियों के इस्तीफे नहीं होने की स्थिति में कमलनाध यदि इन्हें हटाते हैं या इन्हें बाहर का रास्ता दिखाते है तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है क्योंकि इनमें यह ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं ।
मुख्यमंत्री निवास पर कमलनाथ सरकार के मंत्रियों की आपात बैठक में 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंपे। राज्य के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री निवास के बाहर मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी।
श्री वर्मा ने कहा कि राज्य में भाजपा के ‘कुत्सित प्रयासों’ को रोकने के लिए मंत्रियों ने यह कदम उठाया है। मंत्रियों की इच्छा है कि मुख्यमंत्री अब नए सिरे से अपने मंत्रिमंडल का गठन करें। श्री वर्मा के अनुसार कांग्रेस विधायक दल की बैठक कल शाम पांच बजे होगी।
राज्य में मुख्यमंत्री के अलावा कुल 28 मंत्री हैं। इनमें से 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंपे हैं। इसका आशय यह है कि शेष आठ मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। निश्चित तौर पर ये मंत्री बैठक में मौजूद नहीं रहे होंगे।
इन इस्तीफों की वजह यह मानी जा रही है कि मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को मौजूदा हालातों में अपनी इच्छा के अनुरूप नए मंत्री बनाने का विकल्प दे दिया है।
दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में निर्धारित मापदंड (कुल सदस्य संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत) के अनुसार राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
बैठक के बाहर निकलकर वन मंत्री उमंग सिंघार ने मीडिया से कहा कि सबकुछ ठीक होगा और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के साथ हैं।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में
मध्यप्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक दल की बैठक मंगलवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री निवास पर बुलायी गयी है।
कांग्रेस विधायक पक्ष के मुख्य सचेतक एवं राज्य के संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह की ओर से इस संबंध में सभी विधायकों को सूचित किया गया है। इस बैठक में सभी पार्टी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य की गयी है।
विधायक शेरा मेरे मित्र हैं: बच्चन
इंदौर, से खबर है कि मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापठक के बीच राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को मंत्री बनाये जाने की अटकलों को लेकर आज कहा शेरा उनके मित्र हैं।
श्री बच्चन ने यहां पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में निर्दलीय विधायक श्री शेरा के द्वारा उन्हें गृह मंत्री बनाये जाने को लेकर मीडिया में चल रहे उनके बयानों पर कहा कि यदि ऐसा कुछ होता हैं, तो उन्हें प्रसन्नता होगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं श्री शेरा की अनुशंसा करेंगे।
श्री बच्चन ने इसी क्रम में कहा, हालांकि मंत्री बनाना, मंत्रालय तय करना पूरी तरह से मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस आलाकामन का निर्णय क्षेत्र है। लेकिन श्री शेरा के मंत्री बनने न बनने से इतर उनके उनसे पारिवारिक और मित्रवत संबंध हैं। जो सदैव रहेंगे।
माफिया की मदद से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है भाजपा – कमलनाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौजूदा राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच आज कहा कि पंद्रह सालों तक सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज में माफिया पनपा था और अब भाजपा ऐसे ही माफिया के साथ मिलकर राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वो ऐसा होने नहीं देंगे।
श्री कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि उनकी सरकार ने दृढ़ता के साथ ऐसे माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रारंभ की। जनता की आवाज पर ऐसे माफिया के खिलाफ अभियान चलाया। इसलिए भाजपा माफिया के साथ मिलकर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। लेकिन वो (मुख्यमंत्री) ऐसा होने नहीं देंगे।
श्री कमलनाथ ने अपने महत्वपूर्ण बयान में कहा कि उन्होंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है। उनके लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है। पंद्रह वर्षों तक भाजपा ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था। वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि सौदेबाजी की राजनीति मध्यप्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि 15 साल में भाजपा के राज में हर क्षेत्र में माफिया समानांतर सरकार बन गया था। प्रदेश की जनता त्रस्त थी और उसने माफिया रूप से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता सौंपी। मुख्यमंत्री के अनुसार उन्होंने जनता की अपेक्षा पर माफिया के खिलाफ अभियान चलाया और अब माफिया के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।