नयी दिल्ली, 11 मार्च ।मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलायी ।
सिंधिया भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह आहत थे क्योंकि वह अपने पूर्व संगठन (कांग्रेस) में लोगों की सेवा नहीं कर पा रहे थे।
नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता दिवंगत राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में (उनका) एक बहुत बड़ा योगदान रहा है । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं।’’
नड्डा ने कहा, ‘‘हमारे लिए राजमाता जी एक आदर्श तथा हम सब के लिए वह एक दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रही हैं। उन्होंने पार्टी को शैशव काल से ही उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया। आज बहुत खुशी की बात है कि उनके पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भाजपा में शामिल हुए है ।’’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास के आधार पर काम होता है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी बात रखने और देश के लिये काम करने का मौका मिलता है और वह (सिंधिया) उन्मुक्त वातावरण में अपनी बात रख सकेंगे, काम कर सकेंगे ।
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को धन्यवाद दिया ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सर्वप्रथम आदरणीय नड्डा जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया और एक स्थान दिया । ’’ सिंधिया ने कहा कि अभी जो कांग्रेस पार्टी है, वह पार्टी नहीं है जो पहले थी ।
उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कारणों में ‘‘ पार्टी में वास्तविकता से इंकार’’ तथा ‘‘नई सोच, विचारधारा एवं नये नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना’’ बताया ।
सिंधिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में ‘‘एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए। चाहे वो किसानों के ऋण माफ़ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो, ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है ।’’ मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर वचनपत्र पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान त्रस्त है, नौजवान परेशान है और रोजगार के अवसर नहीं है ।
सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है और वह भविष्य की चुनौतियों को परखते हुए उसका क्रियान्वयन कर रहे हैं । मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित है ।
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
मंगलवार की सुबह जब देश होली मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। इससे पहले, मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधिया की बैठक लगभग एक घंटे तक चली। इसके बाद सिंधिया ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया था।
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है।
सिंधिया को भाजपा से राज्यसभा भेजा जा रहा है । वहीं, बाद में सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है । इससे पहले मंगलवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों के मुद्दे पर चर्चा हुई ।
मध्य प्रदेश में यह राजनीतिक स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। गुना के पूर्व सांसद के समर्थक विधायकों का दावा है कि सिंधिया अपनी ‘‘अनदेखी’’ से ‘‘क्षुब्ध’’ हैं। पिछले काफी समय से सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान की खबरें आ रही थी । दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया।
हालांकि, समस्या हाल में तब बढ़ गई जब सरकार में सिंधिया समर्थकों को दरकिनार किये जाने और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की उनकी महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होने की खबरें आईं । ऐसी भी खबरें आई कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनकी शिकायतें सुनने को तैयार नहीं था। मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव 26 मार्च को होने हैं जबकि प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च को बुलाया गया है ।
श्री सिंधिया पिछले 18 साल से कांग्रेस में थे और वह केन्द्रीय मंत्री भी रहे थे । वह पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने अनुच्छेद 370 के हटाये जाने का खुले तौर पर समर्थन किया था जबकि कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।
उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि उनके जीवन में बदलाव के दो महत्वपूर्ण क्षण ऐसे आये जिन्होंने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। पहला दिन 30 सितंबर 2001 को उनके पिता माधव राव सिंधिया के देहान्त का दिन था और दूसरा दिन 10 मार्च 2020 का दिन था जो उनके पिता की 75वीं वर्षगांठ का दिन था और उस दिन उन्होंने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, “मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य भारत मां और उसके लोगों की सेवा करना है। राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति का माध्यम भर है और कुछ नहीं।” उन्होंने कहा कि उनके पिता और 18 वर्ष के राजनीतिक जीवन में उन्होंने प्राणपण और पूरी श्रद्धा से उसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए कांग्रेस के माध्यम से काम किया। पर आज जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उससे मन दुखी एवं व्यथित है।
उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य को अब उस संगठन के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस में जो स्थिति निर्मित हो गयी है, उसमें वह संगठन नहीं रह गयी है जो कभी थी। वास्तविकता से इन्कार किया जाता है और वहां जड़ता का वातावरण पैदा हो गया है। नयी सोच, नये विचार को सही मान्यता नहीं मिलना, जैसे राष्ट्रीय स्तर पर है, वैसे ही मध्यप्रदेश में भी हो गया है।”
श्री सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर एक सपना देखा था, जो 18 माह के भीतर बिखर गया है। किसानों के ऋण माफ नहीं हुए। ओलावृष्टि के मुआवजे और बोनस के भुगतान के बारे में कुछ नहीं हुआ। मंदसौर के किसानों पर गोलीकांड के बाद दर्ज मुकदमे नहीं हटे। युवाओं के लिए रोजगार नहीं है, बेरोजगारी भत्ता देने की बात भूल गये। इसके विपरीत राज्य में भ्रष्टाचार का बड़ा वातावरण बन गया है। ट्रांसफर उद्योग और रेत माफिया हावी है।
उन्होंने कहा कि जब सत्य के पथ पर मूल्यों के आधार पर चलेंगे तो ही भारत को प्रगति के रास्ते पर चलाया जा सकेगा। उन्होंने भाजपा नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें जनसेवा और राष्ट्रसेवा के लिए मंच प्रदान करने के लिए वह प्रधानमंत्री श्री माेदी, श्री शाह और श्री नड्डा का आभार व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में दो बार लगातार ऐसा जनादेश किसी भी नेता को नहीं मिला जैसा श्री मोदी को मिला है। वह एक सक्रिय, क्षमतावान, पूर्ण समर्पित भाव वाली कार्यक्षमता से काम कर रहे हैं। देश का नाम विश्व स्तर पर ले जाने के लिए भविष्य की चुनौतियों को परख कर योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना श्री मोदी की विलक्षण क्षमता है। भारत का भविष्य उनके हाथों में पूरी तरह से सुरक्षित है।
श्री सिंधिया ने कहा कि वह प्रधानमंत्री श्री मोदी, गृह मंत्री श्री शाह और श्री नड्डा के दिखाये रास्ते पर चलेंगे। करोड़ों कार्यकर्ता के साथ मिलकर देश के विकास के लिए काम करने का अवसर देने के लिए वह इन नेताओं के प्रति कृतज्ञ हैं।