बैंगलुरू 15 जून। पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को कहा कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था।
परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है।
एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे व एमएम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया।
एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी) गोविंद पंसारे, एमएम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई।’
अधिकारी ने बताया कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं, जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है।
अधिकारी ने कहा, ‘हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है। हम अभी तक उत्तर प्रदेश से उनके ताल्लुक का पता नहीं चला सके हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों की भर्ती किया लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों।
दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इनकार किया है।
अधिकारी ने बताया कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ।attacknews.in