झारखंड में भाजपा-आजसू 13 सीटों पर एक-दूसरे के वोट काटकर झामुमो-कांग्रेस की जीत आसान बनाकर सत्ता से हाथ खो बैठे

रांची 25 दिसंबर । झारखंड में पांच वर्ष से सरकार में साथ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने इस बार विधानसभा चुनाव में अलग लड़कर न सिर्फ एक दूसरे को 13 सीटों पर नुकसान पहुंचाया बल्कि सत्ता भी गंवा दी।

विधानसभा के चुनाव में इस बार अकेले अपने दम पर उतरी भाजपा 37 से 25 और आजसू पांच से दो सीट पर आ गई। अलग-अलग चुनाव लड़ने का खामियाजा दोनों दलों को उठाना पड़ा। दोनों ने राज्य की 13 सीटों पर एक दूसरे का वोट काट कर अपने विरोधी महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत आसान कर दी।

इन 13 सीटों का लाभ यदि पांच साल तक सरकार में साथ रहे भाजपा-आजसू को मिल जाता तो इनकी सीटों की संख्या 40 हो जाती, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 41 से सिर्फ एक ही कम होती। इतना ही नहीं कई अन्य सीटों पर जहां भाजपा और आजसू के उम्मीदवार कम मतों के अंतर से हार गए वहां गठबंधन होने पर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं का साथ मिलता तो इन दोनों को और अधिक सीटें मिल सकती थी।

आजसू के वोट काटने के कारण भाजपा नाला, जामा, गांडेय, घाटशिला, जुगसलाई, खिजरी, मधुपुर, चक्रधरपुर और लोहरदगा सीट हार गई वहीं भाजपा के वोट काटने के कारण आजसू के उम्मीदवार बड़कागांव, रामगढ़, डुमरी और इचागढ़ में पराजित हो गए।