पटना 13 दिसंबर । नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन देने के बाद से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है और आज पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. सी. पी. सिंह ने नाराज प्रशांत किशोर पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह जदयू में अनुकम्पा पर आये हैं और यदि उन्हें पार्टी लाइन पसंद नहीं तो वह अपना रास्ता देखे लें।
श्री सिंह ने आज यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएबी के मुद्दे पर श्री किशोर की नाराजगी को लेकर किये गये सवाल के जवाब में कहा, “कौन हैं प्रशांत किशोर। अभी वह किसके लिए काम कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि वह अनुकम्पा पर जदयू में आये हैं। हमारे नेता ने उन्हें इतना बड़ा सम्मान दिया लेकिन वह क्या कर रहे हैं देखिए।” उन्होंने श्री किशोर के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी उनपर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। वह पार्टी में कुछ भी नहीं हैं।
जदयू सांसद ने कहा कि पार्टी में अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ है और उसके बाद नई कमेटी नहीं बनी है। लिहाजा न श्री किशोर पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और न वह (आरसीपी) महासचिव। उन्होंने कहा कि श्री किशोर जदयू के सदस्य भी नहीं हैं। वह बतायें कि उन्होंने कितने लोगों को पार्टी का सक्रिय सदस्य बनाया है और क्या वह संगठन के कार्य के लिए कहीं भी बिहार में गए हैं।
भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी अब 16 गैर भाजपाई मुख्यमंत्री पर : प्रशांत
इससे पहले कल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसद के दोनों सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन दिए जाने से नाराज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने यह कहकर कि अब भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी गैर (भारतीय जनता पार्टी ) भाजपा के 16 मुख्यमंत्रियों पर है, एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी।
श्री किशोर ने आज इस विधेयक को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, संसद में बहुमत की जीत हुई है। अब न्यायपालिका के अलावा भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी 16 गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों पर है क्योंकि इन राज्यों में इस विधेयक के कानून बनने के बाद लागू भी करना है।“
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को ना कह चुके हैं। अब अन्य मुख्यमंत्रियों को भी एनआरसी और सीएबी पर अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।“
इस पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया और कहा कि श्री किशोर पार्टी के महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं, जब जदयू के शीर्ष नेतृत्व ने इस विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट कर समर्थन दे दिया है तो वह अब बयानबाजी कर पार्टी की आधिकारिक लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। श्री किशोर पार्टी लाइन से अलग लकीर खींचने का प्रयास क्यों कर रहे हैं, यह तो वही बेहतर समझ रहे हैं।