जालौन 06 जून । उत्तर प्रदेश में जनपद जालौन की कालपी तहसील में खनन माफिया प्रशासन के सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर अवैध बालू खनन में लगा है और अब उनके हौंसले इतने बुलंद हो गये कि श्मशाम की जमीन को भी नहीं बख्शा। बालू बटोरने के चक्कर में श्मशान घाट का नामोनिशान तक मिटा दिया और नदी की बीच धारा से दिन दहाड़े खनन चालू है।
कालपी तहसील के भेड़ीखुर्द गांव के पास खनन पट्टाधारकों की मनमर्जी इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोई नयी नहीं है लेकिन इस बार तो पट्टाधारक अपनी सभी सीमाएं लांघते हुए गांव के श्मशानघाट तक पहुंच गये और उन्होंने घाट से भी बड़ी बड़ी मशीनों से बालू निकालकर पूरा इलाका समतल कर दिया। पट्टाधारकों की इस मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों में जबरदस्त रोष है और उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इस बारे में जानकारी भी दी लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
ग्रामीणों का आरोप है कि भेड़ी खुर्द में मोरम खंड संख्या एक के पट्टाधारक ने बेतवा नदी किनारे के गांव के अंत्येष्टि स्थल को ही पॉकलैंड मशीनों से जमींजोद कर वहां से अवैध तरीके से मोरम का खनन करवाने में जुटा हुआ है।
जब ग्रामीणों ने मामले की जानकारी अधिकारियों को दी तो किसी ने शिकायत की सत्यता तक जानने का कोई प्रयास नहीं किया। ऐसी स्थिति में अब यदि बरसात के मौसम में गांव के किसी परिजन का निधन होता है तो वह उसकी अंतिम क्रिया किस स्थान पर करेगा यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब शायद ही खनिज विभाग सहित किसीअन्य अधिकारियों के पास होगा। यही कारण है कि अब ग्रामीण उक्त पट्टाधारक के आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
भेड़ी खुर्द के लोगों ने बताया कि कालपी तहसील क्षेत्र के ग्राम भेड़ी खुर्द में गाटा संख्या 1396 ग खंड संख्या 11 जिसका रकबा 20.24 हेक्टेयर है जिसका पट्टा मनकामेश्वर इन्फ्रास्ट्राक्चर पार्टनर निर्मलकांत तिवारी पुत्र स्व. मदन मोहन तिवारी निवासी 204 बुधौलियाना राठ के नाम 08 मार्च 2021 से 7 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए स्वीकृत हुआ था। उक्त पट्टाधारक को जब पता चला के खंड संख्या 11 की बगल में स्थित श्मशान घाट में मोरम का अकूत भंडार है तो लाल सोने के लालच ने उसने पॉकलैंड मशीन की मदद से मोक्षधाम की जमीन ही खोद डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि मामले की पूरी जानकारी जिला खनन अधिकारी को है लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और अब लोग ही इस मामले में पट्टाधारक के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में हैं।
दूसरी ओर जब जिला खनिज अधिकारी आरबी सिंह से रविवार को दूरभाष पर इस मामले की जानकारी मांगी गयी तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में हैं और पट्टाधारक को नोटिस जारी कर दिया गया है लेकिन क्षेत्रीय किसानों का आरोप है जिला खनन अधिकारी सिर्फ नोटिस जारी करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। पहले भी पट्टाधारक के खिलाफ अप्रैल में जब गांववालों ने विरोध प्रदर्शन किया था तो खनिज अधिकारी ने नोटिस जारी करने की बात कही थी।
नोटिस जारी करने के बाद पट्टाधारक के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई हुई या नहीं इसका कुछ पता नहीं है अगर कड़ी कार्रवाई हुई होती तो वह फिर श्मशान खोंदने की हिमाकत नहीं करता लेकिन दबंग पट्टाधारक का ऐसा करना यह बताता है कि उसके हौंसले कितने बुलंद है और अधिकारियों के संरक्षण में ही यह सब संभव हो पा रहा है। ग्रामीणों के आरोपों की पुष्टि कालपी विधायक नरेंद्र सिंह ने भी की है और पूरे मामले की जांच करवाने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की बात कही है।