नई दिल्ली 31 अगस्त। जैन मुनि तरुण सागर महाराज की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया हुआ है, जहां अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। डॉक्टरों के हवाले से कहा जा रहा है कि 20 दिन पहले पीलिया की शिकायत मिलने के बाद तरुण सागर महाराज को मैक्स अस्पताल में लाया गया था, लेकिन ई्लाज के बाद भी उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
बुधवार को उन्होंने आगे इलाज कराने से मना कर दिया और अपने अनुयायियों के साथ गुरुवार शाम कृष्णा नगर (दिल्ली) स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल आ गए। दिल्ली जैन समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तरुण सागर अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संथारा ले रहे हैं।
बता दे, तरूण सागर महाराज के प्रवचनों का टीवी पर प्रसारण होता है। वे अपने प्रवचनों में कही बातों को लेकर विवादों में रहे है। हाल ही में उन्होंने सरकार से दो बच्चों का नियम लागू करने का आग्रह किया था। उन्होंने मीडिया से कहा कि दो से ज्यादा बच्चों वाले हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या है संथारा
जैन धर्म में संथारा की प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया बुजुर्ग लोग अपनाते हैं। इसमें जब इंसान को आभास होता है कि उसकी मौत नजदीक है तो वह खाना-पीना छोड़ देता है। जैन धर्म शास्त्रों के मुताबिक उपवास के जरिए मौत प्राप्त करने की प्रकिया है।
जैन धर्म में इसे मोक्ष प्राप्त करने की प्रक्रिया माना जाता है। हालांकि कोर्ट इसे बैन कर चुका है। राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 2015 में इसे आत्महत्या जैसे अपराध की श्रेणी में रखा है। इसे अपनाने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 306 और 309 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया है।attacknews.in