जबलपुर, 12 मार्च । मध्यप्रदेश के जबलपुर की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला और युवती को नौकरी का झांसा देकर उन्हें राजस्थान में बेचने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार शहर के ग्वारीघाट थानान्तर्गत निवासी 23 वर्षीय युवती 28 जनवरी को घर से लापता हो गयी थी। पति के शराब पीने की लत के कारण वह अपनी दादी के घर आकर रहने लगी थी। महिला के लापता होने की रिपोर्ट उसकी दादी ने अगले दिन थाने में दर्ज करवाई थी। पुलिस ने गुमशुदगी के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया था।
महिला तीन दिन पहले वापस लौटी तो उसने पुलिस को बताया कि 22 फरवरी को भूकंप कालोनी की रहने वाली संतोषी बैरागी (मराठी ) पैसों का लालच देकर मजदूरी के बहाने से राजस्थान कोटा के पास बूंदी ले गयी।
जहां पर जबलपुर निवासी अनिल कुमार बर्मन तथा उसकी पत्नी ज्योति बर्मन उन्हें मिले।
उनके साथ शहर के गढा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला थी, जिसके बाद तीनों हम दोनों को बूदी में एक दादा जिसका नाम सुरेश सिह ठाकुर के पास ले गये, जो औरतों को बिकवाने का काम करता था।
मेरे साथ वाली महिला को उन्होने किसी को बेच दिया।
रंग सांवला होने के कारण मेरा सौदा नहीं हुआ, तो संतोषी के साथ उसे वापस जबलपुर भेज दिया।
शहर के मदन महन थाने में 11 मार्च को गढा निवासी 31 वर्षिय महिला ने खुद को बेचे जाने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
उसने बताया कि उसका विवाह 15 वर्ष पूर्व हुआ था और 3 वर्ष बाद ही पति से आपसी वाद विवाद कारण अगल रहती है।
वह घरों एवं होटलों मे काम कर जीवन यापन करते करती थी।
नवम्बर 2020 से छोटी लाइन स्थित एक भोजनालय में 200 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से रोटी बनाने का काम करने लगी थी।
होटल में काम करने वाले अनिल बर्मन ने उसे अपनी पत्नी ज्योति बर्मन उनके उसका परिचय संतोषी बैरागी से करवाया था।
तीनों ने उसे विश्वास मे लेकर अच्छी तनख्वाह राजस्थान में नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया था।
नौकरी के लिए राजस्थान जाने से पहले वह अपने 12 साल के बेटो को रीवा स्थित नानी के घर छोड आई थी।
ज्योति बर्मन उसके 26 जनवरी को अपने साथ कोटा लेकर गयी थी।
जहां अनिल बर्मन, संतोषी बैरागी एवं ग्वारीघाट निवासी एक अन्य महिला मिली।
कोटा से दोनों को बूंदी राजस्थान मे किसी सुरेश सिंह के घर ले गये।
सभी ने मिलकर उसका सौदा राजस्थान निवासी जमना शंकर से 2 लाख 80 हजार में कर दिया।
सुरेश सिंह ठाकुर ने अपना कमीशन काट कर बाकी पैसा, अनिल बर्मन, ज्योति बर्मन तथा संतोषी बैरागी दिये।
विरोध करने पर उन्होने धमकाया कि तुम्हारी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है।
जेैसा बोला करो, नहीं तो मारकर फेंक देंगे और तुम्हारे बेटे की भी हत्या करवा देंगे।
वह डर के कारण जमना शंकर के घर बलशाखा राजस्थान चली गयी थी।
जहाॅ दिन भर उससे नौकरों की तरह काम लिया जाता और रात्रि में जमना शंकर के द्वारा दुराचार किया जाता।
एक माह तक उसके साथ जमना शंकर ने दुराचार किया।
उसने बेटे को लाने की बात कहते हुए जमना शंकर को विश्वास में लिया।
जिसके बाद जमुना शंकर ने ट्रेन की टिकट करवा थी और कुछ पैसे देकर जबलपुर भेज दिया।
पुलिस ने ग्वारीघाट तथा मदन महन थाने में अगल-अलग प्रकरण दर्ज कर मानव तस्करी के कारोबार में शामिल बर्मन दम्पति सहित संतोषी को गिरफतार कर लिया है।
राजस्थान निवासी दोनों आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए टीम को रवाना किया जा रहा है।
ग्वारीघाट थाना प्रभारी विजय परस्ते ने बताया की पूछताछ के लिए तीनों आरोपियों को रिमांड में लिया जा रहा है।
प्रारंभिक पूछताछ में अनिल वर्मन ने बताया कि पिछले साल राजस्थान धूमने के लिए राजस्थान गया था।
जहां उसकी मुलाकात सुरेश सिंह से हुई थी।
सुरेश ने उसे महिला व युवती की खरीद-फरोख्त के संबंध में जानकारी दी थी, जिसके बाद उससे जुड गया था।
महिला और युवती की खरीद-फरोख्त में सुरेश की भूमिका अहम है।