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इंदौर में पकड़ाया फर्जी आयकर छापामारी करने वाला गिरोह, कईं छापामारी कर चुका था और कई छापामारी करने की तैयारी में था, काम करने का तरीका हिंदी फिल्म स्पेशल-26 की तरह धा attacknews.in

इंदौर(मध्यप्रदेश), 23 अप्रैल । पुलिस ने फिल्मी तर्ज पर फर्जी आयकर छापा मारने वाले गिरोह का मंगलवार को भंडाफोड़ करते हुए इसके सरगना समेत पांच युवकों को धर दबोचा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अमरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों की पहचान देवेन्द्र डाबर (29), सुनील मण्डलोई (24), रवि सोलंकी (24), दुर्गेश गेहलोत (23) और सतीश गावड (30) के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि डाबर गिरोह का सरगना है और वह खुद को आयकर विभाग के “इंटेलिजेंस एण्ड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट” का “चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर” बताता था । उन्होंने बताया कि उसने फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखा था।

सिंह ने बताया कि गिरोह के बारे में सुराग मिले हैं कि उसने कुछ समय पहले बुरहानपुर में आयकर विभाग का फर्जी छापा मारकर संबंधित व्यक्ति से अवैध वसूली की है।

उन्होंने आरोपियों के कब्जे से बरामद दस्तावेजों के हवाले से बताया, “गिरोह ने इंदौर के साथ ही धार, खंडवा, देवास, खरगोन, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों के लगभग 35 बड़े व्यापारियों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटायी थी। इनके ठिकानों पर फर्जी आयकर छापे मारने की तैयारी की जा रही थी।”

एएसपी ने बताया कि गिरोह इंदौर की सिलिकॉन सिटी में एक साल तक आयकर विभाग का फर्जी दफ्तर भी चला चुका है। इस दफ्तर में करीब 80 बेरोजगार नौजवानों को बुलाकर उन्हें आयकर विभाग में अलग-अलग पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लगभग 40 लाख रुपये की ठगी की गयी है। ऐसे कई युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिये गये थे।

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से आयकर विभाग की फर्जी सील के साथ पुलिस की वर्दी, “भारत सरकार” लिखी नेम प्लेट आदि चीजें बरामद की गयी हैं । मामले में विस्तृत जांच जारी है ।

ऐसे पकड़ाया गिरोह:

इंदौर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महोदय इंदौर जोन श्री वरूण कपूर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र इन्दौर (शहर) को शहर में नकली आयकर अधिकारी के संबंध में कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था।

उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन में क्राईम ब्रांच की टीम को इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।

आवेदक शुभम साहू नि. 97-98 राज नगर एक्सटेंशन इंदौर के द्वारा फर्जी आयकर अधिकारी के संबंध में कार्यवाही हेतु आवेदन पत्र वरिष्ठ कार्यालय को दिया गया था, जिस पर र्काईम ब्रांच इंदौर एवं थाना राजेन्द्र नगर पुलिस के साथ संयूक्त कार्यवाही करते आरोपी 1. देवेन्द्र पिता माधवलाल डाबर जाति भील उम्र-29 D.O.B 31.12.1990 नि.स्थाई पता बजरंग कालोनी (मंगलवारिया) कुक्षी जिला धार, हाल पता-401
भील कालोनी मूसाखेडी थाना आजाद नगर इंदौर 2. सुनील मण्डलोई पिता नानसिह मण्डलोई उम्र 24 साल निवासी 117 आजाद कालोनी कुक्षी जिला धार 3. रवि पिता महेश सोलंकी उम्र 24 साल निवासी 663/2 शांति नगर मुसाखेडी पिंक सिटी के पास इन्दौर 4. दुर्गेश पिता हरीसिहं गेहलोत उम्र 23 साल निवासी 219 न्यू इंदिरा एकता नगर मुसाखेडी रिंग रोड इन्दौर थाना आजाद नगर इन्दौर 5. सतीश पिता चम्पालाल गावड निवासी 325 भील कालोनी मुसाखेडी इन्दौर को पकडा व थाना राजेन्द्र नगर इंदौर में अपराध क्र.294/19 धारा-419,420,34 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया।

क्राईम ब्रांच को जांच के दौरान आवेदक शुभम साहू ने बताया गया कि वह प्राइवेट जाँब की तलाश में घूम रहा था, तब उसके दोस्त पवन पिता शंकर सिंह सोंलकी के माध्यम से देवेन्द्र डाबर से उसके घर पर मिला जिसने स्वयं को इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट (C.B.D.T) अटेचमेंट सेक्शन-06 चीफ इन्वेटीगेंशन आफिसर बताते हुए पूरा विश्वास दिलाते हुये आयकर विभाग की अपनी आई.डी.दिखाई। पवन सोंलकी के पद (सर्वेयर फिल्ड आफिसर, (F.O) का रिक्त होना बताया जिसके लिए 10 वीं, 12 वी की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, 04 (पासपोर्ट साइज) की फोटो दिए और दिनांक 10.08.17 को आवेदक शुभम साहू को नियुक्ति पत्र पर (I.T.D. Govt. of India) लिखा होकर भारत सरकार का मोनो लगा था, मुख्य आयुक्त, आयकर विभाग इंदौर की सील व हस्ताक्षर तथा साथ ही अग्रेजी में (Govt. of India I.T.S. Officer I.T.D. Indore की सील लगी होकर स्वंय के द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

आरोपी के घर व ऑफिस पर लगभग 25 लडके थे, जिन्हे देवेन्द्र डाबर ने आयकर विभाग से जुडी किताबो से आयकर विभाग के बारे में पढाया। आरोपी देवेन्द्र डाबर के आलावा क्लास में कभी-कभी आरोपी सुनील मण्डलोई तथा आरोपी रवि सोंलकी द्वारा भी आयकर विभाग के बारे में पढाया जाता था।

आरोपी के द्वारा सभी लडको को उनके पदानुसार एक आई.डी.कार्ड बनाकर दिया जिसमें लडको की फोटो के साथ आयकर विभाग की गोल सील लगी होकर जिस पर (I.T.D. Indore and Govt. of India) लिखा होकर देवेन्द्र डाबर के हस्ताक्षर थे। देवेन्द्र डाबर ने ज्वाइनिंग के 03 माह बाद 10 से 12 हजार प्रतिमाह मासिक वेतन देने का बोला था, परन्तु नही दिए। वर्ष 2018 में देवेन्द्र डाबर के द्वारा 190-बी सिलीकाँन सिटी थाना राजेन्द्र इंदौर में स्थित एक ऑफिस खोला गया। देवेन्द्र डाबर ने अपने उक्त ऑफिस में करीबन 06 भृत्य व ड्रायवर जो कि खाकी रंग की वर्दी व कंधे पर (Govt. of India) लिखा होकर शेर का मोनो लगा रहता था। उक्त ऑफिस में करीबन 35-40 लडके आते थे, जहाँ पर आवदेक व अन्य साथ में कार्य करने वाले लडको को फाईल दिया करते थे, जिसको हमे अग्रेंजी में लिखना होता था, फाईलो को देवेन्द्र डाबर, सुनील मण्डलोई तथा रवि सोंलकी द्वारा चैंक किया जाता था। ऑफिस की फाईलो, रजिस्ट्ररो पर देवेन्द्र डाबर, सुनील मण्डलोई तथा रवि सोंलकी के हस्ताक्षर होते थे, तब आवेदक तथा अन्य लडको ने देवेन्द्र डाबर को नौकरी में अस्थाई से स्थाई करने के लिए बोला, तो उसने प्रत्येक लडके से 50-50 हजार रूपए की मांग की, तब आवेदक तथा उसके दोस्त पवन सोंलकी के द्वारा 25-25 हजार रूपए सिलीकाँन सिटी ऑफिस में नगद दिए थे, परन्तु उसकी जानकारी के अनुसार देवेन्द्र डाबर ने सुनील मण्डलोई के माध्यम से मोहित जाधव व अन्य लडको से नौकरी में अस्थाई से स्थाई पद पर नियुक्त करने के नाम पर लाखो रूपए की धोखाधडी की है।

राजेन्द्र नगर स्थित ऑफिस में संधारित स्टाफ के रजिस्ट्रर में करीबन 70 से 75 लडके के नाम लिखे हुए थे, और सभी लडको से नौकरी में अस्थाई से स्थाई करने के नाम पर लाखो रूपए लिए है। जब लडके वेतन की बात करते थे, तो आरोपीयों द्वारा भारत सरकार के पास अभी बजट नही होना बताया जाता था।

आरोपीगणो द्वारा वर्ष 2018 में विधान सभा चुनाव के दौरान पिथमपुर क्षेत्र में करीबन 20 लडको को चुनाव की डियूटी कराकर आदेश जारी किया था। देवेन्द्र डाबर अपने साथीयों के साथ मिलकर एक आयकर अधिकारी की तरह बर्ताव करता था और आयकर अधिकारी की तरह एक सफेद रंग की सफारी जिसका नंबर MP 09 CF 9700 है पर घूमता था उक्त वाहन पर सामने की ओर एक लाल रंग की प्लेट पर भारत सरकार का नाम व मोनो लगा होकर इन्वेटीगेंशन ऑफिसर इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट नई दिल्ली द्वारा प्रदत्त लिखा हुआ था, और आगे, पीछे लाल रंग से (Govt. of India) लिखा हुआ था। वह अपने साथ गाडी में गनमेन, ड्राइवर, सुनील मण्डलोई तथा अन्य लोगो को वर्दी पहनाकर बैठाता था। इसके ड्राइवर सतीश गवाडे ने मुझे तथा अन्य लडको को बताया था कि देवेन्द्र डाबर सर ने कई जगह आयकर की रेड (दबिश) दी जाना भी बताया है।

देवेन्द्र डाबर के द्वारा उसके ऑफिस में काम करने वाले लडको से कुक्षी, मनावर, खण्डवा, देवास, खरगोन, इंदौर, अलीराजपुर, धार, झाबुआ, उदयनगर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो के बडे व्यापारीयों की फाईल (चल अचल सम्पत्ति की जानकारी) तैयार करवाई थी। जिसका उद्देश्य लडको को ट्रेनिंग देकर लडको के माध्यम से फर्जी रेड करवाने का था। देवेन्द्र डाबरे ने स्पेशल-26 फिल्म की तरह अपनी तैयारी कर रखी थी और कोई बडी फर्जी रेड करने वाला था बाद में आवेदक व अन्य लडको को मालूम पडा कि देवेन्द्र डाबर व उनके साथीयों का रूपयो को लेकर आपसी विवाद होने से ऑफिस बंद करना पडा। पीडित साक्षियों को मात्र एक बार वेतन देकर बाद में सालों तक वेतन नही दिया।

देवेन्द्र डाबर के द्वारा भृत्य (चपरासी) के पद पर भर्ती लडको को भारत सरकार के खाकी वर्दी, बैंच/मोनो/बेल्ट आदि लेकर दिया था और साथ में बैठाकर चलता था, उन्हे भी बेवकुफ बनाकर भर्ती करने के नाम पर लाखो रुपये लिये है। दुर्गेश गेहलोत देवेन्द्र डाबर का निज सहायक P.A. था और पुरा काम वही देखता था जो कि देवेन्द्र से शुरु से जुडा हुआ था और उसे देवेन्द्र तथा उसके साथीयो द्वारा की जा रही फर्जीबाडा व अवैध वसूली की जानकारी थी। सुनील मण्डलोई, रवि सोंलकी, सतीश गावड, दुर्गेश गेहलोत यह लोग मुझे व अन्य लोगों को देवेन्द्र डाबर के सही होने की बात बताते थे तथा लडको को विश्वास में लेते थें। सतीश गावड देवेन्द्र का शुरु से ड्रायवर था और हमेशा साथ में रहकर देवेन्द्र का साथ देता था। देवेन्द्र डाबर के द्वारा सभी लडको से गोपनीयता भंग नही करने का शपथ पत्र भरवाया गया था जिसमें यह शर्त थी, कि जो कोई भी इस विभाग/ऑफिस की गोपनीयता भंग करेगा उसे आयकर कानून के तहत 50,000/-रुपये अर्थदण्ड व 01 साल की सजा होने का प्रावधान हैं जिसके कारण लडके चाहकर भी शिकायत नही कर पाते थे।

देवेन्द्र डाबर, सुनील मण्डलोई, रवि सोंलकी, सतीश गावड, दुर्गेश गेहलोत व अन्य लोगो के द्वारा एक मत होकर मुझे व अन्य लडको को छल करने के उद्देश्य से आयकर विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और मिथ्या, कूट रचित दस्तावेज व नकली सील का उपयोग करते हुए मुझसे व अन्य लडको से नौकरी दिलाने व कराने का विश्वास दिलाते हुए दस्तावेज व आई.डी. कार्ड (आयकर विभाग) का दिया गया और आयकर विभाग का फर्जी ऑफिस (190-बी सिलीकाँन सिटी) खोलकर लडके पवन सोलंकी, मोहित जाधव, अरुण सोलंकी, माधव चौहन, मोइन खान, सुरेश चौहान, सखाराम देवके, अशोक साहनी, संदीप परमार, रंजीत यादव, कुलदीप भिडें, संजय चौहान, कैलाश मुवेल, आदि करीब 65-70 लोगो से लाखो रूपए की ठगी की गई है।

आरोपियों की प्रोफाइल:

1. देवेन्द्र डाबर –

आरोपी के पिता तहसील कार्यालय कुक्षी से बाबू (क्लर्क) के पद से सेवानिवृत्त हुए है। विगत 07 वर्ष से इंदौर शहर में रह रहा है। कक्षा 12वी के बाद बी.ए.प्रथम वर्ष का प्राइवेट फार्म भरा गया, किन्तु पेपर नही दिए गए। आरोपी बचपन से पूजा-पाठ, गायत्री पूजा एवं ओगड पूजा कराने का शौकीन था। आरोपी के द्वारा आयकर विभाग के द्वारा जारी विज्ञप्ति के बारे में पढा था, जिसमें बेनामी व आय से अधिक संपत्ति की सूचना आयकर विभाग को दी जाने पर कार्यवाही उपरांत 10 प्रतिशत का कमिशन दिए जाने के कारण आरोपी के द्वारा इसी सूचना को आधार बनाते अपने रिश्तेदार व दस्तो को स्वयं इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट (C.B.D.T.)अटैचमेंट सेक्शन-06 चीफ इन्वेटीगेंशन आफिसर का ऑफिसर बताते अस्थाई रूप आयकर विभाग में विभिन्न पदो पर भर्ती करने का आश्वासन दिया गया और भर्ती के नाम पर लडको से लाखो रूपए ठगे गये। आरोपी को कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान हैं, साथ ही आयकर विभाग से संबंधित किताबे व इंटरनेट से जानकारी हासिल करते आई.डी.कार्ड, आदेश पत्र, प्रोफार्मा, नियुक्ति पत्र आदि जारी किए जाते थे और फर्जी सील व सिक्के गलत जानकारी देते प्राप्त की गई।
■ मुख्य अभियुक्त/ मास्टर माईंड।
■ नियुक्ति पत्रक /आई.डी ./आदेश व अन्य दस्तावेजो पर हस्ताक्षर करता व जारी करता था।
■ सी.आई.ओ. चीफ इन्वेस्टीगेशन आफिसर (इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट (C.B.D.T.) अटैचमेंट सेक्शन-06 चीफ इन्वेटीगेंशन आफिसर )
ऽ खबरी-(20 से 25 व्यक्ति) (S.F.O.) सीनियर फिल्ड आफिसर (01)सर्वेयर(10 से 15 व्यक्ति)/भृत्य (06 व्यक्ति)/वरिष्ठ जाँच अधिकारी(S.I.O.) (01), जाँच अधिकारी (C.I.O.) (01) आदि पदो की भर्ती हेतु करीब 65 से 70 लडको के नियुक्ति आदेश जारी करते प्रत्येक से 25 हजार से 02 लाख रुपये तक लगभग 40 लाख रुपये प्राप्त किये गये एवं स्वयं को (C.I.O.) (इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट (C.B.D.T.) अटैचमेंट सेक्शन-06 चीफ इन्वेटीगेंशन आफिसर- आयकर विभाग सेक्सन-06 बताया।

2. सुनील मण्डलोई

आरोपी सुनील मुख्य आरोपी देवेन्द्र का दोस्त है, जो 12वी क्लास तक पढा है, व बी.ई.की पढाई की हैं लेकिन पढाई पूरी नही की हैं, जिसे आय़कर विभाग में (S.F.O.) (सीनियर फिल्ड आफिसर) के पद पर तैनात किया था। जो कि विभाग का एक ही मुख्य पद था और इसके द्वारा साक्षी कुलदीप भीडे, आशीष चौहान, अरविन्द अलावा, संजय चौहान, मोहित जाधव से भर्ती हेतु लाखो रुपये लिये गये व कुछ राशि मुख्य अभियुक्त को भी दी गई इसके द्वारा फाईलो पर अधिकारी के रुप में हस्ताक्षर किये गये लडको को आयकर विभाग के बारे में किताबों से पढता था और विश्वास मे लेता था।

3. रवि सोलंकी

आरोपी रवि मुख्य आरोपी देवेन्द्र डाबर का रिश्तेदार है जो कि(S.I.O.) सीनियर इन्वेटिगेंशन अधिकारी के पद पर पदस्थ था, जाँच कर्ता अधिकारी (I.O./S.F.O.) के पद पर पदस्थ होकर ऑफिस की फाईलों पर हस्ताक्षर करता था और निचले कर्मचारियों द्वारा तैयार रिपोर्ट को वैरीफाई भी करता था। आयकर विभाग के बारे में किताबों से पढता था और विश्वास मे लेता था।

4. दुर्गेश गेहलोत

आरोपी दुर्गेश मुख्य आरोपी देवेन्द्र डाबर का P.A. निज सहायक था, जिसके द्वारा रिकार्ड का संधारण किया जाता था और ल़डको के ऊपर पूरा कट्रोंल रखता था जो कि मुख्य अभियुक्त का सबसे करीबी व्यक्ति के रुप में ऑफिस का पूरा काम देखता था। मुख्य अभियुक्त के बारे में व उसके कार्यों के बारे में प्रारंभ से जानकारी थी ।

5. सतीश गावड

आरोपी सतीश आरोपी देवेन्द्र डाबर का चालक होकर उसका पर्सनल गनमैन भी था जो कि अपने पास एक रायफल (एयरगन) भी रखता था। मुख्य अभियुक्त से प्रारंभ से जुडा हुआ था और अभियुक्त के साथ में रहने के लिए प्रतिमाह मासिक वेतन भी लिया करता था। वाहन क्रमांक टाटा सफारी MP 09 CF 9700 को आयकर विभाग की फर्जी नेमप्लेट जिस पर भारत सरकार लिखाकर होकर (इन्वेटीगेंशन आफिसर इंटेलीजेंस एण्ड क्रिमीनल इंवेस्टीगेशन ड़िपार्टमेन्ट नई दिल्ली द्वारा प्रदत्त) लिखकर चलाता था, पीडितो को मुख्य अभियुक्त के बारे में सही होने की जानकारी देते हुए एक खाकी वर्दी जिस पर भारत सरकार लिखा होकर अशोक का मोनो (बेल्ट, बैंच) लगा रहकर पहनता था। देवेन्द्र डाबर के साथ कई जगह रेड दी जा चुकी है।

आरोपीगणो से स्वंय की आई.डी. व अन्य की आई.डी, सील-सिक्के/नियुक्ति पत्रक, आदेश पत्र व रजिस्ट्रर, लेपटाप व प्रिंटर, हस्ताक्षर शुदा फाईल, मोबाईल फोन, आयकर विभाग की वाहन प्लेट, वाहन व एयरगन, साक्षियों के द्वारा जमा की गई वर्दी व बैंच, नेमप्लेट, भारत सरकार की वर्दी मय बेल्ट व बैंच मिले हैं।

आरोपीगणो से उनकी टीम और टीम मैंम्बर की भूमिका के बारे में तथा आरोपीगणां के द्वारा ठगी की गई राशि व की गई रेड कार्यवाही से हुई बरामद राशि के संबंध में जानकारी ली जा रही है। आरोपीगणों के बैंक खातों तथा सम्पत्ति की जानकारी प्राप्त की जा रही हैं। इन्कम टेक्स विभाग से आरोपीयों के तार जुडे होने के संबंध मे विस्तृत पूछताछ की जा रही हैं । विवेचना के दौरान किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके विरूध्द वैधानिक कार्यवाही की जायेंगी।

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