लखनऊ 27 नवम्बर। महाराष्ट्र में पिछले बीस दिन से चल रहे राजनीतिक उठापटक के बाद भारतीय जनता पार्टी के देवेन्द्र फडनवीस को भले ही तीन दिन में इस्तीफा देना पड़ा हो लेकिन सब से कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड अभी भी उत्तर प्रदेश के जगदंबिका पाल का है ।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था और लोकतांत्रिक कांग्रेस के जगदंबिका पाल को 21 फरवरी 1998 में शपथ दिला दी थी लेकिन वो 44 घंटे ही मुख्यमंत्री रह पाये ।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जगदंबिका पाल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की पूरी प्रक्रिया को ही खारिज कर दिया ।
उसवक्त उत्तर प्रदेश विधानसभा हिंसा का भी गवाह बनी जब विधायकों ने एक दूसरे पर सदन में ही बेंच पर लगे माईक को उखाड़ कर एक दूसरे पर हमला कर दिया । इसमें कई विधायकों को चोट आई और अपनी दीर्घा में बैठे कुछ पत्रकार भी जख्मी हुये ।
कर्नाटक के बी एस येदुरप्पा ने साल 2018 में हुये विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। राज्यपाल ने उन्हें सबसे बड़े दल के नेता के रूप में मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई थी लेकिन उन्होंने सदन में बहुमत साबित करने के पहले ही त्यागपत्र दे दिया क्योंकि बहुमत उनके पास नहीं था ।
कांग्रेस ने भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिये जनता दल एस के कुमार स्वामी को अपना समर्थन दे दिया था। हालांकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या जनता दल के विधायकों से दो गुनी ज्यादा थी लेकिन कुमार स्वामी मुख्यमंत्री बन गये । येदुरप्पा का कार्यकाल 17 से 19 मई 2018 तक मात्र 55 घंटे का ही रहा ।
इसी तरह बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतिश कुमार साल 2000 में तीन दिन के लिये मुख्यमंत्री बने लेकिन बहुमत के अभाव में उनकी कुर्सी जाती रही । इंडियन नेशनल लोकदल के ओम प्रकाश चौटाला 1990 में 5 दिन और 1991 में चार दिन ही मुख्यमंत्री पद पर रह सके ।