नई दिल्ली 22 अक्तूबर । गुजरात एटीएस ने कमलेश तिवारी के हत्यारोपियों को पकड़ लिया है. कमलेश पर गोली चलाने और चाकू मारने वाले ये दोनों ही आरोपी बताए जा रहे हैं. एटीएस का कहना है कि इन दोनों ने ही कमलेश पर हमला किया था. दोनों आरोपियों के नाम असफाक ओऱ मोईनुद्दीन बताए जा रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से हुई है. एटीएस का कहना है कि ये दोनों पाकिस्तान भागने की कोशिश में लगे हुए थे।
गुजरात एटीएस ने ऐसे किया खुलासा
गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की सनसनीखेज हत्या के मामले को तेजी से सुलझाने और इसके तीन साजिशकर्ताओं को पकड़ने के बाद अब दोनो हत्यारों को आज राजस्थान-गुजरात सीमा पर शामलाजी के निकट से पकड़ लिया।
एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि सूरत के लिंबायत निवासी मेडिकल रिप्रेजेंटिटव अशफाक जाकिरहुसैन शेख (34) और सूरत के ही उमरवाड़ा निवासी मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान (27), जो पेशे से फूड डिलिवरी ब्वॉय का काम करता था, ने ही इस हत्या को अंजाम दिया था। दोनो को आज गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर पकड़ा गया है।
18 अक्टूबर को श्री तिवारी की हत्या के बाद दोनो नेपाल फरार हो गये थे। उन पर ढाई ढाई लाख के इनाम भी रखे गये थे। उनके पास पैसे खत्म होने के बाद जब उन्होंने अपने परिजनों और कुछ पहचान वालों से और पैसे के लिए फोन पर सपर्क किया तो उनकी तकनीकी निगरानी शुरू कर दी गयी। दोनो दो दिन पहले नेपाल से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर आये थे और आज राजस्थान सीमा से गुजरात में प्रवेश करने वाले थे। तभी उनको पकड़ा गया। उन्होंने शुरूआती पूछताछ मेें ही हत्या की बात स्वीकार कर ली है। दोनो ने बताया है कि श्री तिवारी की ओर से पैगंबर मोहम्मद के संबंध में कथित टिप्पणियों के चलते इस घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि जरूरी कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद दोनो को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा।
एटीएस के डीआईजी हिमांशू शुक्ला ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को ये पता चला है कि नागपुर से गिरफ्तार सैय्यद असीम अली पिछले डेढ़ साल से सूरत से गिरफ्तार आरोपियों रशीद, मोहसीन, और फैज़ान के संपर्क में था. खास बात ये की इस डेढ़ साल के दौरान इन आरोपियों ने एक-दूसरे से बात करने के लिए कभी भी अपने फ़ोन का इस्तेमाल नही किया।
ये लोग हमेशा दूसरे का फ़ोन मांगकर उसमे नया सिम डालकर बात करते थे. कभी कभी तो सड़क चलते किसी का फ़ोन मांगकर उसमे नया सिम डालकर एक-दूसरे से बातचीत करते थे. बातचीत खत्म होने के बात सिम को तोड़कर फेंक देते थे. आरोपियों के बीच हमेशा दो नए सिम से बातचीत होती थी. पुलिस को शक है कि इस तरह से आरोपियों ने सैकड़ों सिम कार्ड का इस्तेमाल बातचीत के लिए किया और फिर उसे तोड़कर फेंक दिया।
होटल के कमरे में मिले थे हत्यारों के खून लगे कपड़े
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक होटल के कमरे से रविवार को पुलिस ने हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के हत्यारों के भगवा रंग के खून लगे कुरते समेत कुछ अन्य सामान बरामद किये ।
पुलिस ने यहां कहा कि कैसरबाग इलाके के होटल खालसा इन के एक कमरे से खून लगे भगवा रंग के कुरते और शेविंग किट समेत कुछ अन्य सामान बरामद किये गये हैं । सामान एक बैग में रखे हुये थे । होटल के मैनेजर ने कहा कि गुजरात के सूरत से आये दो युवक शेख असफाक हुसैन और पठान मोइनुदीन अपने इसी पहचान पत्र से होटल में रूके थे ।
उन्होंने अपना पता पदमावती सोसायटी,अपार्टमेंट नंबर 15 ,सूरत लिखाया था। दोनों वारदात की एक रात पहले रात 11 बजे के आसपास होटल आये थे ।
इसी प्रकार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी (हिसपा) कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश में शामिल तीन लोगों को गुजरात पुलिस ने शनिवार को सूरत से धर दबोचा था जबकि बिजनौर से दो मौलानाओं को हिरासत में लिया गया था । पुलिस ने 48 घंटों के भीतर हत्यारों को गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया था।
मुस्लिम समुदाय तथा इसके पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के चलते पहली बार 2015 में सुर्खियों में आये तिवारी (45) की शुक्रवार को नाका इलाके में स्थित उनके आवास पर गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की भर्त्सना करते हुये कहा था कि कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है और पुलिस जल्द ही इस घटना में शामिल सभी गुनाहगारों को ढूढ निकालेगी। वह खुद इस मामले की पल पल की जानकारी ले रहे हैं।