लखनऊ 22 अक्तूबर। हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष अघ्यक्ष कमलेश तिवारी की पिछले शुक्रवार 18 अक्तूबर को राजधानी लखनऊ में हुई हत्या के मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते ( एटीएस) ने बरेली से मंगलवार को एक मौलाना को हिरासत में लिया है।
मौलाना की संदिग्ध हरकतों पर एटीएस ने अपना शिकंजा कसा है। अब मौलाना से लखनऊ में पूछताछ की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपितों के मददगार प्रेमनगर निवासी मौलाना कैफ़ी अली रिज़वी को बीती रात एक बजे लखनऊ से गई एसटीएफ़ टीम ने हिरासत में लिया। टीम आज तड़के उसे लखनऊ ले गई। शुक्रवार रात को बरेली आए आरोपित मौलाना के घर कुछ देर रुके थे।
कानपुर से खरीदा गया था सिम:
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की निर्मम हत्याकांड का यूपी पुलिस ने खुलासा किया तो बेहद चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहें हैं। जिसमें साफ साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं बेपनाह लापरवाही बरती गई है, कुछ इसी का हवाला गोपनीय सुरक्षा एजेंसियों की वो रिपोर्ट दे रहीं है जिसके लिए पहले से ही आगाह कर दिया गया था।
खुलासे के बाद ताजा अपडेट में ज्ञात हुआ है कि हत्यारों ने फोन कॉल के लिए जिस सिम का इस्तेमाल किया था उसे कानपुर से खरीदा गया था।
सूचना के आधार पर सोमवार 21 अक्टूबर की सुबह एसटीएफ ने कानपुर पहुँचकर बताये पते पर छापेमारी की। जिसमें खुलासा हुआ कि कानपुर के रेलबाजार थानाक्षेत्र स्थित पुष्कर की मोबाइल शॉप से हत्यारो ने सिम खरीदा था। सिम खरीदने के लिए हत्यारोपियो ने अशफाक नाम की आईडी का प्रयोग किया था और जियो कंपनी का सिम खरीद कर उसी से पूरी वारदात के वक्त बातचीत का सिलसिला चालू रखा था।
इस खुलासे के मुताबिक जिस नंबर से आखिरी बार अभियुक्तों ने कमलेश तिवारी से बात की थी, उसी नंबर से गुजरात के कई नंबरों पर बात की गई। जिससे पुलिस को इस हत्याकांड का सिरा तलाशने में आसानी हुई।जिसके लिए यूपी के डीजीपी ओ पी सिंह ने खुद गुजरात के डीजीपी से बात कर मदद मांगी।गुजरात एटीएस सीधे मिठाई की दुकान पर पहुंची और वहां का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें एक युवक मिठाई लेता हुआ नजर आया। एटीएस ने उसकी शिनाख्त फैजान के रूप में की।देर रात एटीएस ने फैजान को गिरफ्तार भी कर लिया और फिर मोहसिन और राशिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया। जिनसे हुई पूछताछ में उन्होंने बताया कि इस मामले में दो अन्य लोगों में गौरव तिवारी और मोहसिन के भाई को भी हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
गौरव तिवारी मूल रूप से यूपी का ही रहने वाला है। उसने कमलेश तिवारी को फोन कर उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। खुलासे के मुताबिक उक्त दोनों व्यक्तियों को छोड़ भले ही दिया गया हो, लेकिन उन पर पूरी नजर रखी जा रही है। पकड़े गए तीन युवकों का भी कोई आपराधिक इतिहास अब तक नहीं पता चला है।
कमलेश की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती मोईन कासिमी को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ, बिजनौर पुलिस और गुजरात पुलिस व एटीएस द्वारा छानबीन की जा रही है।
हत्या की जांच कर अधिकारियों के मुताबिक जिन युवकों के नाम सामने आए हैं वह गुजरात के सूरत में रहकर अलग-अलग काम करते हैं। मूल रूप से यह यूपी के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। उन्होंने नाम बताने से इंकार करते हुए कहा कि इससे हमारी विवेचना पर असर पड़ सकता है। वहीं सूत्रों का कहना है कि गुजरात में गिरफ्तार किया गया रशीद पठान दुबई में रह चुका है। हालांकि इस हत्याकांड में किसी तरह की फंडिंग की गई है या नहीं, इसकी तस्दीक अभी तक नहीं हो पाई है। फिलहाल कानपुर पहुँची एसटीएफ ने यह भी पता लगा लिया है कि हत्यारोपी मास्टर माइंड हैं जिन्होंने कानपुर से सिम खरीदा तो दूसरे जिले में जाकर सिम चालू किया। एसटीएफ ने कानपुर पहुँचकर मोबाइल शॉप महिला मालिक पुष्कल से गहन पूछताछ की और निगरानी संपर्क में बने रहने की हिदायत देते हुए चली गयी।