लखनऊ 23 अक्तूबर ।राजधानी में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या में एक बड़ा खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि पहले कमलेश को गोली मारी गई और बाद में बेदर्दी के साथ चाकुओं से गोदा गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि कमलेश तिवारी को पहले गोली मारी गई, फिर धारदार हथियार से सात बार वार किए गए।
चाकू के वार से गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और तीन सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ। मौत का कारण गला रेतने से बना घाव है।
18 अक्तूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। कमलेश तिवारी की उनके ऑफिस में गला रेतकर हत्या की गई।
पहले बताया गया था कि गला रेतने के बाद उन्हें गोली भी मारी गई लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहले गोली मारने की बात सामने आई बताया जा रहा है ।
बदमाशों ने पहले कमलेश से उनके ऑफिस में मुलाकात की और साथ में चाय भी पी। इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे। मंगलवार को दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पहले अनुमान के अनुसार कहा गया था कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि कमलेश को जबड़े से लेकर छाती तक 15 बार चाकुओं से गोदा गया. इसके बाद हत्यारों ने उन्हें गोली मार दी।
कमलेश को एक गोली मारी गयी थी, जो शरीर के अंदर ही धंसी रह गयी।
रिपोर्ट बताती है कि कमलेश को चार सेंटीमीटर गहरे घाव देने के बाद उनके गले को रेता भी गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कमलेश के शरीर पर दो बार रेते जाने के निशान हैं।
कमलेश तिवारी को 18 अक्टूबर को राजधानी के उनके पार्टी दफ्तर में हत्या कर दी गयी थी. इस मामले के दोनों आरोपी मंगलवार को गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इसी मामले के 3 दूसरे साजिशकर्ता यूपी पुलिस की रिमांड पर हैं
कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी रशीद पठान उर्फ राशिद, मोहसिन शेख और फैजान घटना के दूसरे दिन ही सूरत में पकड़ लिए गए थे।इनमें फैजान ने ही सूरत में एक दुकान से मिठाई खरीदी थी. इस दुकान का बिल घटनास्थल पर मिला था. हत्यारे मिठाई के डिब्बे में ही पिस्टल और चाकू छिपाकर लाए थे.
आपको बता दें कि हिन्दू समाज पार्टी नेता कमलेश तिवारी के आरोपी हत्यारे 34 वर्षीय अशफाक और 27 साल के मोइनुद्दीन सूरत के ही रहने वाले हैं. इनमें से एक एमआर है तो दूसरा फूड डिलीवरी का काम करता था. यूपी पुलिस को लखनऊ के होटल से इनके खून से सने कपड़े मिले थे. बाद में शाहजहांपुर में घेराबंदी के दौरान दोनों यूपी पुलिस को चकमा देकर निकल गये. इस दौरान दोनों आरोपियों के पैसे खत्म हो गये और उन्होंने गुजरात में अपने परिवार से मदद मांगी. यहीं कोशिश पुलिस के लिए सुराग बन गयी।
यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के पांचवें दिन आखिरकार दोनों मुख्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया।दोनों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है. आज ही गुजरात से पकड़े गए तीनों साजिशकर्ताओं को भी लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने तीनों की चार दिन की पुलिस कस्टडी दी है।
आपको बता दें कि अशफाक सूरत के लिंबायत इलाके के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में रहता है वहीं मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान भी सूरत के ही उमारवाड़ा इलाके का स्थाई निवासी है. अशफाक पेशे से मेडिकल रीप्रजेंटेटिव का काम करता था वहीं मोइनुद्दीन फूड डिलिवरी बॉय का काम कर रहा था.
सरकार की कार्रवाई पर कमलेश तिवारी की मां कुसुम ने खुशी जाहिर की है। कुसुम तिवारी ने कहा कि हम आरोपियों की गिरफ्तारी से बहुत खुश हैं। सभी को फांसी दे दी जानी चाहिए। मैं सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हूं। उन्होंने गुजरात पुलिस की खूब तारीफ की। साथ ही अब यह भी कहा कि वह सरकार से भी संतुष्ट है। सरकार ने हर कदम पर उनका साथ दिया।
वहीं, कमलेश के बड़े बेटे सत्यम ने कहा कि पुलिस को इस तरह से पैरवी करनी चाहिए कि हर आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिली। पिता की हत्या में शामिल दोनों को फांसी जरूर मिले। कमलेश की पत्नी किरन ने कहा कि पति के हत्यारों को जेल में रोटी तक न खिलायी जाये।
बताया जा रहा है कि शाहजहांपुर में पुलिस को चकमा देकर दोनों यूपी से निकल गए थे और रास्ते से सूरत में अपने परिवार को संपर्क कर रुपयों का बंदोबस्त करने को कहा। बस, यही कॉल गुजरात एटीएस ने ट्रेस कर ली और इन हत्यारों तक पहुंच गई।