रांची, 29 दिसंबर । झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।
यहां मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
इस प्रकार चुनाव-पूर्व गठबंधन में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शाम ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बैठक बुलायी है।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुयीं। समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा और अतुल अंजान तथा द्रमुक नेता एम के स्टालिन भी शामिल हुए।
समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी शामिल नहीं हुयीं।
झारखंड में पिछले दिलों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।
उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं।
इंजीनियर नहीं बन पाए हेमंत दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने
अलग झारखंड राज्य के लिए चले लंबे संघर्ष के नेतृत्वकर्ताओं में से एक ‘दिशोम गुरू’ शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन घरेलू उलझनों के कारण अपनी मां रूपी सोरेन किस्कू की इच्छा के अनुरूप इंजीनियर तो नहीं बन पाए लेकिन अपने राजनीतिक कौशल के बल पर दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री अवश्य बन गए ।
राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में आज झारखंड के ग्यारहवें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले श्री हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले में गोला प्रखंड के सुदूर नेमरा गांव में हुआ था। वह दिशोम गुरू पिता शिबू सोरेन के सानिध्य और माता रूपी सोरेन किस्कू के आंचल की छांव में पले बढे।
उच्च शिक्षा के लिए श्री हेमंत सोरेन का दाखिला अविभाजित बिहार के पटना हाई स्कूल में कराया गया, जहां से उन्होंने ने 12वीं तक की शिक्षा पूरी की।
मां रुपी सोरेन किस्कू अपने द्वितीय पुत्र हेमंत को इंजीनियर बनना चाहती थीं। इस कारण प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान बीआईटी मेसरा में मैकेनिकल पाठ्यक्रम में उनका दाखिला कराया गया लेकिन वर्ष 1996 से 2000 तक पिता की विभिन्न मामलों में कानूनी उलझन एवं पारिवारिक कारणों से हेमंत इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये और 2003 में झामुमो छात्र मोर्चा के अध्यक्ष बने।