सहारनपुर, 09 अक्टूबर । पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता के मामले में भीम आर्मी अति सक्रियता के चलते जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गयी है।
पिछली 16 सितम्बर को हाथरस के चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बाल्मिकी युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के आरोपी राजपूत बिरादरी के चार युवक अलीगढ़ जेल में बंद है। इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों के साथ साथ सहारनपुर के कस्बा छुटमलपुर निवासी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की सक्रियता सवालों के घेरे में आ गई है।
शब्बीरपुर हिंसा के दो.तीन दिन बाद भीम आर्मी ने सहारनपुर नगर में जबरदस्त हिंसा और आगजनी को अंजाम दिया था। कुछ दिनों के भीतर ही पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था और उस पर रासूका लगा दी गई थी।
हाल ही के कुछ महीनों में चंद्रशेखर ने एक राजनीतिक दल का गठन कर लिया है। चंद्रशेखर को सहारनपुर के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता इमरान मसूद का पूरा समर्थन प्राप्त है।
जेएनयू के छात्रों समेत कम्युनिस्ट पार्टियों का भी चंद्रशेखर को भरपूर समर्थन प्राप्त है।
सहारनपुर के डीआईजी रह चुके डा अशोक कुमार राघव कहते हैं कि उनके समय में ही सहारनपुर में भीम आर्मी और चंद्रशेखर की अलगाववादी सोच और गतिविधियां सामने आनी शुरू हो गई थी। चंद्रशेखर राजपूतों से खासतौर से खुन्नस रखता है। उसने अपने गतिविधियों की शुरूआत ही राजपूतों से भिड़ने उनसे टकराव करने के रूप में की थी।