चंडीगढ़/नईदिल्ली , 10 अक्तूबर।कांग्रेस पार्टी इन दिनों अपने ही नेताओं की बयानबाज़ी और विरोध के तरीकों में उलझ गई है, कल तक बड़े नेताओं के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए पार्टी ने बयानबाज़ी बंद करने की हिदायत दे दी थी लेकिन असर नहीं हुआ और आज हरियाणा के पूर्व कांग्रेस नेता अशोक तंवर ने कहा है कि कांग्रेस इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैॅ और हरियाणा में जिस तरह से विधानसभा चुनावों के लिये पार्टी टिकटों का वितरण हुआ है उससे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) काे 75 पार का नारा कांग्रेस के भीतर बैठे ही लोगों ने दिया है और वे जल्द बेनकाब होंगे और वे गंदें लोगों को बाहर करने के लिए राजनीतिक शुद्धिकरण के लिए काम करेंगे ।
डा. तंवर ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि टिकट वितरण में ऐसे लोगाें की उपेक्षा हुई जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा पार्टी के लिये सतही स्तर पर काम करने में लगा दिया। उन्होंने कहा कि 90 सीटों में से कम से 30-40 सीटों को ऐसे लोगों टिकट दिये गये जिनका कांग्रेस से कोई सरोकार नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अनेक मंत्रियों और विधायकों का टिकट काट दिया उसी तरह कांग्रेस को भी साहस दिखाते हुये टिकट वितरण में संतुलन बनाना और सही कर्मठ कार्यकर्ताओं को चुनाव में उतारना चाहिये था।
खुर्शीद के बयान पर कांग्रेस ने कहा था, अलग से टिप्पणी करने से बचें नेता-
इससे पहले कांग्रेस बुधवार को अपने नेता सलमान खुर्शीद के खबरों में आये इस बयान से कन्नी काटते हुए दिखी कि ‘‘नेता के पद छोड़ जाने’’ के बाद पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद अभी तक आत्मनिरीक्षण नहीं किया है।
कांग्रेस ने कहा कि लोगों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए और भाजपा सरकार की विफलताओं को सामने लाने की दिशा में काम करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रही है और सभी नेताओं को इस दिशा में अपनी ऊर्जा लगा देनी चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सलमान खुर्शीद ने आपको उत्तर दे दिया है। आपको उत्तर उनसे ही मांगना चाहिए। जहां तक मेरा सवाल है, जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हम हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हमें जहां से जो शक्ति मिल सकती है, उसके साथ काम कर रहे हैं। लोगों को अलग से टिप्पणियां करने से बचना चाहिए और वास्तव में सरकार की नाकामियों को सामने लाना चाहिए।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने कथित रूप से कहा था कि अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ‘‘पार्टी के नेता उसका साथ छोड़ गये’’ जिसके बाद अभी तक हार के कारणों का आकलन नहीं किया गया है।
कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत हैः सिंधिया
वही ग्वालियर से खबर है कि , कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है और पार्टी की आज जो स्थिति है, उसका जायजा लेकर सुधार करना समय की मांग है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिलेगी और हमारी पार्टी वहां पर सत्ता में आएगी।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद द्वारा कांग्रेस पार्टी की खराब स्थिति की बात कहने पर पूछे गये सवाल के जवाब में सिंधिया ने पहले तो कहा कि वह किसी के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन यह सही बात है कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है। पार्टी की जो स्थिति है, उसमें जायजा लेकर सुधार करना चाहिए और यह समय की मांग है।’’
इसके साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा के लिए इस महीने होने वाले चुनाव के बारे में सिंधिया ने कहा, ‘‘मेरा काम वहां स्क्रीनिंग कमेटी तक सीमित था। वहां पर वरिष्ठ नेता मल्लिकानुर्जन खड़गे के साथ प्रदेश अध्यक्ष और कई वरिष्ठ नेता हैं। सभी नेता मिलकर काम कर रहे हैं और कांग्रेस को वहां सफलता मिलेगी।’’
उल्लेखनीय है कि सिंधिया एक हफ्ते के ग्वालियर-चंबल संभाग के दौरे पर हैं और इस दौरान वे कई सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।
वह गुरुवार से भिंड, मुरैना, श्योपुर और शिवपुरी जिले के दौरे पर रहें और इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए ।
कांग्रेस को ‘दुश्मनों’ की जरूरत नहीं : राशिद अल्वी
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने अपनी पार्टी के नेता सलमान खुर्शीद पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर उनके बयानों की तीखी आलाेचना करते हुए उन पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया और कहा है कि कांग्रेस को ‘दुश्मनों’ की जरूरत नहीं है।
श्री अल्वी ने श्री खुर्शीद का नाम लिए बगैर बुधवार को कहा कि जब दो राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और मतदान की तिथि महज दस दिन दूर हो तो यह पार्टी की जीत के लिए काम करने का वक्त है और इस समय इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी नेतृत्व को लेकर अगर किसी तरह की शिकायत है तो उन्हें यह बात पार्टी के भीतर उठानी चाहिए।