गांधीनगर, 24 नवंबर । गुजरात में 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में दिग्गज पाटीदार नेता और पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की बगावत की विफलता के विश्लेषण से पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल के दो दशक से अधिक समय से राज्य में जमी भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लंबे चौड़े दावों पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है।
भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे हार्दिक के समर्थन से विपक्षी दल कांग्रेस फायदे की उम्मीद लगाये बैठी है पर उनसे कही कद्दावर और सर्वमान्य पाटीदार नेता रहे केशुभाई पिछली बार भाजपा के खिलाफ बगावत के बाद चुनावी सभाओं में तो बहुत बड़ी भीड़ जुटाते रहे थे पर सीटें केवल दो ही जीत पाये थे।
पिछले चुनाव से कुछ ही समय पहले गुजरात परिवर्तन पार्टी बनाने वाले केशुभाई ने दो चरणों वाले चुनाव में पहले और दूसरे चरण में क्रमश: 83 (कुल 87 में) और 84 (कुल 95) यानी कुल 167 (182 में) उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।attacknews