इंदौर 15 अक्टूबर। 40 करोड़ रुपये से अधिक के आबकारी घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने एक और फरार शराब ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है। शराब व्यवसायी केस दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था।
पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। पकड़े गए ठेकेदार ने फर्जी चालान के जरिए एक करोड़ 43 लाख 83 हजार रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। क्राइम ब्रांच और एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) ने सूचना मिलने के बाद फरार शराब ठेकेदार को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी असप्रीत सिंह लुबाना को टीम ने पकड़ा है।
सूचना मिली थी कि आरोपी हैदराबाद के बेगम बाजार इलाके में घूम रहा है। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया है कि फरारी के लिए शहर छोड़कर पहले मुंबई भाग गया था। इसके बाद कुछ समय पूणे में रहा, वहां से कुछ वक्त गुजरात में समय बिताने के बाद हैदराबाद पहुंच गया था। दरअसल, जिले के 16 शराब कारोबारियों के खिलाफ करीब डेढ़ महीने पहले रावजी बाजार पुलिस ने आबकारी विभाग की पहल के बाद एक्साइज ड्यूटी की हेराफेरी करने के अपराध में केस दर्ज किया था, जिसके बाद से आरोपी फरार चल रहे थे।
पुलिस की टीम ने इसके पहले तीन शराब ठेकेदारों को पकड़ा था। यही नहीं ठेकेदारों की फरारी के दौरान आर्थिक सहयोग करने वाले चार अन्य लोगों को भी सहयोगी मानते हुए पकड़ा गया था। पकड़े गए शराब ठेकेदार असप्रीत सिंह ने फर्जी चालान के जरिए शासन को एक करोड़ 43 लाख 83 हजार रुपये का नुकसान पहुंचाया है। एएसपी संपत उपाध्याय ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में इस ठेकेदार ने पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड राजू दशवंत और अंश त्रिवेदी को बताया है।
जानकारी के मुताबिक इस ठेकेदार की गवली पालिसया समूह की तीन दुकाने थीं, जिनमें एक दुकान का संचालन आबकारी विभाग के दबाव में राजू दशवंत कर रहा था। घाटे की इस दुकान के फर्जी चालान बनाकर ट्रेजरी विभाग में कम राशि जमा करके चालान में ज्यादा राशि दिखाकर फर्जीवाड़ा किया गया है। सवाल यह है कि अब तक जितने शराब ठेकेदार पकड़े गए हैं, सभी ने पूरे घाटाले का मास्टरमाइंड राजू दशवंत और अंश त्रिवेदी को बताया है। लेकिन उसके बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास करने के बजाय ठेकेदारों को पकड़ में जुटी हुई है।
यहां तक कि पकड़े गए सभी ठेकेदारों ने घोटाले के दौरान अस्सिटेंट कमीश्नर रहे संजीव दुबे की मिलीभगत की बात स्वीकारी है, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने संजीव दुबे या आबकारी विभाग के किसी अधिकारी से पूछताछ करने उचित नहीं समझा। यही नहीं मुख्य आरोपी राजू दशवंत की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते हाल ही में शराब ठेकेदार अविनाश मंडलोई को कोर्ट ने जमानत दे दी।