भोपाल, 20 सितंबर । पिछले महीने चार अगस्त को छत्तीसगढ़ की ओर से मवई नदी पार करके मध्यप्रदेश के सीधी जिले में घुस आये पांच उत्पाती हाथियों के एक दल को वन विभाग जल्द ही बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजेगा।
वन विभाग ने हाथियों के दल को ‘रेस्क्यू’ किया है और हाथियों के दल को ‘रेसक्यू’ करने की मध्यप्रदेश और संभवत: देश की भी सबसे पहली सफलता है
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इन पांचों हाथियों को प्रदेश के बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि हाथियों के इस दल ने सबसे पहले संजय टाइगर रिजर्व के गाँव कुन्दौर के समीप जंगल में डेरा जमाया था। उन्होंने रात में गाँव के कच्चे घरों को तोड़कर उनमें रखा अनाज खा लिया और खेतों की फसलों को तबाह कर दिया।
अधिकारी ने बताया कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने तत्काल सोलर लाइट गाँव की सीमा पर लगा कर हाथियों को गाँव में घुसने से रोका। इसके बाद हाथी अन्य गाँवों में भी इसी तरह उत्पात मचाते हुए सीधी मुख्यालय की 15 किलोमीटर की परिधि में पहुँच गये। वन अमला 24 घंटे विभिन्न टीम द्वारा हाथियों पर नजर रखे रहा।
उन्होंने कहा कि हाथियों को भगाने के लिये पश्चिम बंगाल से विशेषज्ञ भी बुलाये गये। ग्रामीणों को पोस्टर, बैनर, मुनादी (डुग्गी बजाकर दी जानेवाली सूचना) आदि द्वारा सचेत किया जाता रहा। बचाव के उपायों की लगातार जानकारी देने के बावजूद हाथियों ने दो ग्रामीणों को मार डाला।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों, परिसम्पतियों और हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए संजय टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने हाथियों को बेहोश कर रेस्क्यू करने और उन्हें बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ले जाने का अनुरोध किया। विभाग द्वारा तदनुसार लिये गये निर्णय के परिप्रेक्ष्य में पुराने अनुभवों के आधार पर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक मृदुल पाठक को यह जिम्मा सौंपा गया।
अधिकारी ने बताया कि पाठक के नेतृत्व में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी-कर्मचारी, सात हाथी और उनके महावत, टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के सदस्य, संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी-कर्मचारी, पेट्रोलिंग श्रमिक, महावत सहित दो हाथी और सुरक्षा श्रमिकों का एक दल गठित कर 7 सितम्बर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। दल ने 9 सितम्बर को एक नर हाथी, 12 सितम्बर को हाथी का बच्चा, 15 सितम्बर को 2 मादा हाथी और 16 सितम्बर को 5वाँ और अंतिम हाथी रेस्क्यू किया।attacknews.in