मास्को 15 जुलाई। फीफा वर्ल्ड कप 2018 का फाइनल मुकाबला रूस की राजधानी मॉस्को के लुज्निकी स्टेडियम में फ्रांस और क्रोएशिया के बीच खेला गया। फ्रांस ने फाइनल मुकाबले में क्रोएशिया को 4-2 से हरा दिया।
क्रोएशिया को हराकर फ्रांस दूसरी बार चैंपियन बना है। इससे पहले फ्रांस 1998 में वर्ल्ड कप जीता था। 18वें मिनट में फ्रांस ने क्रोएशिया के खिलाफ 1-0 से बढ़त हासिल की। जब क्रोएशियाई खिलाड़ी मारियो मांडजुकिक ने आत्मघाती गोल कर लिया। लेकिन फ्रांस के 10 मिनट बाद ही क्रोएशिया ने मैच में वापसी करते हुए बराबरी हासिल कर ली और स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया।
इसके बाद फ्रांस ने पेनल्टी पर गोल किया। एंटोनी ग्रीजमैन ने गोल करते हुए फ्रांस को 2-1 से बढ़त दिलाई।
फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में फ्रांस तीसरी बार पहुंची। वह 1998 में पहली बार अपने घर में खेले गए वर्ल्ड कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी। इसके बाद 2006 में उसने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इटली से हार गई थी।
इस रोमांचकारी फाइनल मुकाबले को स्टेडियम में जमा 81 हजार से ज्यादा दर्शकों केअलावा दुनिया के करोड़ों लोगों ने लाइव देखा। फ्रांस ने क्रोएशिया के खिलाफ 18वें मिनट पर आत्मघाती से बढ़त बनाई और 38वें मिनट पर हैंडबॉल पर पेनल्टी के जरिए गोल से 2-1 की बढ़त बनाई। क्रोएशिया के लिए 28वें मिनट पर पेरिसिच ने गोल करके 1-1 की बराबरी दिलाई थी।
38वें मिनट पर फ्रांस ने बनाई बढ़त :
फ्रांस के हमले के दौरान क्रोएशिया के पेरिसिच के हैंडबॉल होने से मैच रैफरी ने वीएआर का सहारा लिया, जिसमें फ्रांस को पेनल्टी का उपहार मिल गया। एंटोनी ग्रीजमैन ने पेनल्टी को गोल में बदलकर फ्रांस को 2-1 से आगे कर दिया। विश्व कप इतिहास में यह पहला फाइनल है, जिसमें वीएआर के जरिए पेनल्टी का निर्णय हुआ है। ग्रीजमैन का इस विश्व कप में यह चौथा गोल है।
28वें पर पेरिसिच ने दागा बराबरी का गोल :
28वें मिनट पर क्रोएशिया के खिलाड़ी एनगोलो कान्ते को पहला पीला कार्ड मिला लेकिन अगले ही हमले में क्रोएशिया के इवान पेरिसिच ने दूर से शॉट लगाकर बराबरी का गोल दाग दिया। पेरिसिच का इस विश्व कप के 7 मैचों में यह तीसरा गोल था।
खेल के 18वें मिनट पर पहला गोल :
फ्रांस को 18वें मिनट पर क्रोएशिया के गोल मुहाने पर फ्री किक मिली। फ्रांस एंटोनी ग्रीजमैन नपातुला शॉट लगाया लेकिन क्रोएशिया की डिफेंस में मौजूद मारियो मांजुकिक बॉल को बाहर निकालने के प्रयास में अपने ही गोल में गेंद डाल बैठे। इस तरह ओन गोल से फ्रांस 10 से आगे हैं। इस विश्व कप का 12वां आत्मघाती गोल था।
खेल के पहले 10 मिनट में क्रोएशिया हावी :
खेल के शुरु होते ही क्रोएशिया ने तूफानी हमले करके फ्रांस को बैकफुट पर धकेल दिया। खेल के सातवें मिनट पर क्रोएशिया के लुका मॉड्रिच ने कॉर्नर लिया लेकिन फ्रांस की डिफेंस ने उसे विफल कर दिया। 12वें मिनट पर फ्रांस का पहला हमला हुआ।
क्रोएशिया 1998 में पहली बार विश्व कप में उतरा था और तीसरा स्थान प्राप्त किया था जबकि फ्रांस ने पहली बार 1998 में विश्व कप जीता था।
फ्रांस की टीम ने बेल्जियम को और क्रोएशिया ने इंग्लैंड को सेमीफाइनल में हराया था। विश्व कप के इतिहास में क्रोएशिया पहली बार फाइनल खेला जबकि फ्रांस ने तीसरी मर्तबा फाइनल में दस्तक दी। क्रोएशिया की टीम काफी जुझारू मानी जाती रही है और उसने नॉकआउट दौर के तीनों ही मुकाबले अतिरिक्त समय में जीतकर फाइनल खेलने का हक प्राप्त किया है।
क्रोएशिया टीम का पूरा दारोमदार कप्तान लुका मोड्रिच पर केंद्रित रहा । उन्हीं की सकारात्मक रणनीति के बूते पर क्रोएशिया पहली मर्तबा विश्व कप के फाइनल में खेलने का सपना पूरा किया । लुका मोड्रिच इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर में शुमार किए जा रहे हैं।
दूसरी तरफी फ्रांस की टीम युवाओं से भरी थी जिनमें जोश और जुनून का समावेश था। उसका यह तीसरा विश्व कप फाइनल था। 1998 में फ्रांस की टीम ब्राजील को 3-0 से हराकर पहली बार विश्व चैम्पियन बनी थी।
क्रोएशिया ने इस विश्व कप में अब तक 12 गोल किए जबकि फ्रांस 10 गोल करने में कामयाब रहा है। 21वें विश्व कप फुटबॉल के फाइनल के पूर्व फ्रांस और क्रोएशिया की टीमें 1998 के विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल में भिड़ी थी, जहां फ्रांस ने बाजी मारते हुए 2-1 से जीत दर्ज की थी।
इसके अलावा फ्रांस और क्रोएशिया के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांच मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें से फ्रांस तीन बार जीत दर्ज करने में सफल रहा है। दो मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं। फ्रांस ने क्रोऐशिया को 1998, 1999 और 2000 में हराया था जबकि 2004 और 2011 में हुए मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे।
इस विश्व कप में गत विजेता जर्मनी, उपविजेता- अर्जेन्टीना, ब्राजील, बेल्जियम, स्पेन, पुर्तगाल, इंग्लैंड जैसी खिताब की दावेदार टीमों के बाहर होने के बाद पूरी दुनिया की नजरें इसी पर लगी थी।
इन पांच खिलाड़ियों ने फ्रांस को फाइनल में पहुंचाया :
फ्रांस की टीम टूर्नामेंट की दूसरी सबसे युवा टीम थों , जिसमें तेज तर्रार कीलियन एम्बाप्पे और एंटोइन ग्रिजमैन की मौजूदगी उसके लिए प्रेरणादायी रही। फाइनल में टीम को उनसे जबरदस्त प्रदर्शन की उम्मीद रही। लिलियान थुर्राम, पॉल पोग्बा, एनगोलो कान्टे पर भी सभी की निगाहें थी। इन खिलाड़ियों ने भी अपने खेल से सभी का दिल जीता है।
इन दिग्गजों की मदद से क्रोएशिया ने दिग्गज टीमों को दी मात :
क्रोएशियाई टीम भी लुका मोड्रिच से प्रेरित रही। लुका के अलावा इवान रकिटिच, मारियो मांजुकिच, इवान पेरिसिच, डेनियल सुबासिच के शानदार खेल ने टीम को अर्जेंटीना, इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरोप की इन दो दिग्गज टीमों के बीच हुए इस मुकाबले को लेकर दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों में खासा उत्साह रहा ।
क्रोएशिया की आबादी केवल 41 लाख :
विश्व कप में पहली बार फाइनल खेल रही क्रोएशिया की कुल आबादी केवल 41 लाख है। भारत की इससे तुलना की जाए तो 302 देश बन जाएंगे और दिल्ली की तुलना की जाए तो यहां क्रोएशिया जैसे पांच देश बनेंगे।
लुका मॉड्रिच का बचपन शरणार्थी कैंप में गुजरा :
क्रोएशिया के कप्तान लुका मॉड्रिच का बचपन शरणार्थी कैंपों में गुजरा और उन्होंने बारूदी सुरंगों के बीच फुटबॉल का अभ्यास किया। मॉड्रिच 7 साल तक शरणार्थी कैंपों में रहे हैं। क्रोएशिया के खिलाड़ियों ने जीवन के मैदान पर बहुत त्रासदी देखी है।
क्रोएशिया 1998 से खेल रहा है विश्व कप :
क्रोएशिया ने 1998 के विश्व कप में पहली बार उपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी, जहां वह सेमीफाइनल में जाकर हारा था। तब के बाद से अब तक वह 5 विश्व कप खेल चुका है। सिर्फ फुटबॉल ही नहीं, क्रोएशिया जैसे देश ने 7 ओलंपिक खेलों में 11 स्वर्ण पदक जीतने के अलावा वह 2005 में टेनिस का डेविस कप भी जीत चुका है।
क्रोएशिया की राष्ट्रपति ने पुतिन को जर्सी भेंट की :
क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंडा ग्रेबर-कितरोविच ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को क्रोएशिया की फुटबॉल जर्सी भेंट की जिसके पीछे पुतिन लिखा हुआ है। पुतिन ने क्रोएशिया की राष्ट्रपति को उनकी टीम के प्रदर्शन के लिए बधाई दी जबकि ग्रेबर-कितरोविच ने पुतिन को विश्व कप के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
टीमें इस प्रकार रही :
क्रोएशिया : डैनजेल सबसिक, सिमे वसाल्जको, डीजन लोवरेन, डोमागोज विदा, इवान स्ट्रिनीक, इवान रेकिटिक, मासेर्लो ब्राजोविक, एंटे रेबिक, लुका मोड्रिक, इवान पेरीसिक और मारियो मांजुकिक।
फ्रांस : ह्यूगो लोरिस, बेंजामिन पावर्ड, राफेल वरान, सैमुअल उम्तीती, पॉल पोग्बा, एंटोनी ग्रीजमैन, ओलीवर गिरोड, कीलियन एम्बाप्पे, एनगोलो कान्ते, ब्लेस मातुइदी और लुकास हर्नान्डेज।
धन की बरसात-
फीफा वर्ल्ड कप 2018 की चैंपियन फ्रांस पर अब पैसों की खूब बरसात होने वाली है। फ्रांस ने फाइनल में क्रोएशिया को मात दी आैर दूसरी बार खिताब पर कब्जा किया। इसी के साथ अब फ्रांस पर खूब पैसों की बरसात हो रही है। चैंपियन बनी फ्रांस टीम को 38 मिलियन डॉलर यानी लगभग 260 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा। साथ ही 18 कैरेट सोने की चमचमाती ट्रॉफी।
बाकी टीमों के हिस्से जाएंगे इतने पैसे-
– रनर-अप रही क्रोएशिया टीम को 28 मिलियन डॉलर यानी 191 करोड़ रुपए मिलेंगे।
– तीसरे स्थान पर बेल्जियम को 24 मिलियन डॉलर यानी लगभग 164 करोड़ रुपए करोड़ रुपए मिलेंगे।
– चौथे स्थान पर इंग्लैंड को 22 मिलियन डॉलर यानी लगभग 150 करोड़ रुपए मिलेंगे।
फीफा टॉप 4 टीमों के अलावा क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली टीमों को 1.6 करोड़ डॉलर(104 करोड़ रुपये) और प्री क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली टीमों को 1.2 करोड़ डॉलर(80 करोड़ रुपये) की प्रोत्साहन राशि वितरित करेगा। वहीं पहले चरण से बाहर होने वाली प्रत्येक टीम को 54 करोड़ दिए जाएंगे।
कुल इनामी राशि का बड़ा रिकाॅर्ड स्थापित
इस बार फीफा की कुल इनामी राशि का बड़ा रिकाॅर्ड स्थापित हुआ। फीफा वर्ल्ड 2018 में कुल इनामी राशि 79 करोड़ दस लाख डॉलर (791 मिलियन डॉलर यानी 53 अरब रुपए से अधिक) है, जो पिछली बार 2014 में ब्राजील में हुए वर्ल्ड कप से 40 प्रतिशत अधिक है। पिछली बार ब्राजील वर्ल्ड कप में कुल इनामी राशि 576 मिलियन डॉलर थी, जबकि 2010 में दक्षिण अफ्रीका में हुए टूर्नामेंट में यह रकम 420 मिलियन डॉलर थी।attacknews.in